कुँवारी मरियम, कलीसिया की माता

📕पहला पाठ

उत्पत्ति-ग्रंथ 3: 9-15

"मैं तेरे वंश में और स्त्री के वंश में शत्रुता उत्पन्न करूँगा।"

जब आदम ने वृक्ष का फल खाया था, तो प्रभु ने उसे पुकार कर कहा, "तुम कहाँ हो ?” उसने उत्तर दिया, "मैं बगीचे में तेरी आवाज सुन कर डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूँ और मैं छिप गया"। प्रभु ने कहा, "किसने तुम्हें बताया कि तुम नंगे हो ? क्या तुम ने उस वृक्ष का फल खाया, जिसे खाना मैंने तुम्हें मना किया था ?" मनुष्य ने उत्तर दिया, "मेरे साथ रहने के लिए जिस स्त्री को तूने दिया है, उसी ने मुझे फल दिया और मैंने खा लिया"। प्रभु-ईश्वर ने स्त्री से कहा, "तुम ने क्या किया ?" और उसने उत्तर दिया, "साँप ने मुझे बहका दिया और मैंने खा लिया"। तब प्रभु-ईश्वर ने साँप से कहा, "चूँकि तूने यह किया है, तू सब घरेलू तथा जंगली जानवरों में शापित होगा। तू पेट के बल चलेगा और जीवन-भर मिट्टी खायेगा। मैं तेरे और स्त्री के बीच, तेरे वंश और उसके वंश में शत्रुता उत्पन्न करूँगा । वह तेरा सिर कुचल देगा और तू उसकी एड़ी काटेगा"। पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम 'हेवा' रखा, क्योंकि वह सभी मानव प्राणियों की माता है।

प्रभु की वाणी।

📕वैकल्पिक पहला पाठ

प्रेरित-चरित 1:12-14

"वे सब मिल कर प्रार्थना में लगे रहते थे।"

प्रेरित जैतून नामक पहाड़ से येरुसालेम लौटे। यह पहाड़ येरुसालेम के निकट, विश्राम-दिवस की यात्रा की दूरी पर है। वहाँ पहुँच कर वे अटारी पर चढ़े जहाँ वे ठहरे हुए थे। वे थे पेत्रुस तथा योहन, याकूब तथा अंद्रेयस, फिलिप तथा थोमस, बरथोलोमी तथा मत्ती, अलफाई का पुत्र याकूब, तथा सिमोन जो उत्साही कहलाता था और याकूब का पुत्र यूदस । ये सब एकहृदय हो कर नारियों, येसु की माता तथा उनके भाइयों के साथ प्रार्थना में लगे रहते थे।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 87:1-2,3,5-7

अनुवाक्य : ईश्वर के नगर लोग तेरा गुणगान करते हैं।

1.प्रभु ने पवित्र पर्वत पर अपना नगर बसाया है। वह याकूब के अन्य नगरों की अपेक्षा सियोन के फाटकों को अधिक प्यार करता है।

2. ईश्वर के नगर लोग तेरा गुणगान करते हैं। "सब लोग सियोन को अपनी माता कहेंगे; क्योंकि सब वहीं उत्पन्न हुए हैं। सर्वोच्च प्रभु उसे सुदृढ़ बनाये रखता है।"

3. प्रभु राष्ट्रों की सूची में उनके विषय में लिखता है कि सियोन उनका जन्मस्थान है। सब-के-सब नृत्य करते हुए सियोन का गुणगान करते हैं।

📒जयघोष

(अल्लेलूया, अल्लेलूया !) हे सन्त कुँवारी मरियम! आप धन्य हैं। और सब प्रशंसा के योग्य। क्योंकि न्याय का सूर्य मसीह, हमारा ईश्वर आप से उत्पन्न हुआ है। (अल्लेलूया !)

📙सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 19:25-24

"यह आपका पुत्र है। यह तुम्हारी माता है।"

येसु की माता, उसकी बहन क्लोपस की पत्नी मरियम और मरियम मगदलेना उनके क्रूस के पास खड़ी थीं। येसु ने अपनी माता को और उसके पास अपने शिष्य को, जिसे वह प्यार करते थे, देखा। उन्होंने अपनी माता से कहा, "भद्रे, यह आपका पुत्र है" । इसके बाद उन्होंने उस शिष्य से कहा, "यह तुम्हारी माता है। उस समय से उस शिष्य ने उसे अपने यहाँ आश्रय दिया । ईसा ने यह जान कर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका है, धर्मग्रन्थ का लेख पूरा करने के उद्देश्य से कहा, "मैं प्यासा हूँ"। वहाँ खट्ठी अंगूरी से भरा एक पात्र रखा हुआ था। लेागों ने उस में एक पनसोख्ता डुबाया और उसे जूफ़े की डण्डी पर रख कर ईसा के मुख से लगा दिया। ईसा ने खट्ठी अंगूरी चखकर कहा, "सब पूरा हो चुका है"। और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिये। वह तैयारी का दिन था। यहूदी यह नहीं चाहते थे कि शव विश्राम के दिन कू्स पर रह जाये क्योंकि उस विश्राम के दिन बड़ा त्यौहार पडता था। उन्होंने पिलातुस से निवेदन किया कि उनकी टाँगें तोड दी जाये और शव हटा दिये जायें। इसलिये सैनिकेां ने आकर ईसा के साथ क्रूस पर चढाये हुये पहले व्यक्ति की टाँगें तोड दी, फिर दूसरे की। जब उन्होंने ईसा के पास आकर देखा कि वह मर चुके हैं तो उन्होंने उनकी टाँगें नहीं तोडी; लेकिन एक सैनिक ने उनकी बगल में भाला मारा और उस में से तुरन्त रक्त और जल बह निकला।

प्रभु का सुसमाचार