फरवरी 4
सन्त जोन दि ब्रिटो, पुरोहित और शहीद – पर्व

📕पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम संत पौलुस का पहला पत्र 9:19-27

"सब कुछ में मैंने अपने आप को सभी मनुष्यों के लिए बना दिया।"

सब लोगों से स्वतन्त्र होने पर भी मैंने अपने को सबों का दास बना लिया है, जिससे मैं अधिक-से-अधिक लोगों का उद्धार कर सकूँ। मैं यहूदियों के लिए यहूदी-जैसा बना, जिससे मैं यहूदियों का उद्धार कर सकूँ। जो लोग संहिता के अधीन हैं, उनका उद्धार करने के लिए मैं संहिता के अधीन जैसा बना, यद्यपि मैं वास्तव में संहिता के अधीन नहीं हूँ। जो लोग संहिता के अधीन नहीं हैं, उनका उद्धार करने के लिए मैं उनके जैसा बना, यद्यपि मसीह की संहिता के अधीन होने के कारण मैं वास्तव में ईश्वर की संहिता से स्वतन्त्र नहीं हूँ। मैं दुर्बलों के लिए दुर्बल-जैसा बना, जिससे मैं उनका उद्धार कर सकूँ। मैं सबों के लिए सब कुछ बन गया हूँ, जिससे किसी-न-किसी तरह कुछ लोगों का उद्धार कर सकूँ। मैं यह सब सुसमाचार के कारण कर रहा हूँ, जिससे मैं भी उसके कृपादानों का भागी बन जाऊँ। क्या आप लोग यह नहीं जानते कि रंगभूमि में तो सभी प्रतियोगी दौड़ते हैं, किन्तु पुरस्कार एक को ही मिलता है ? आप इस प्रकार दौड़ें कि पुरस्कार प्राप्त करें। सब प्रतियोगी हर बात में संयम रखते हैं। वे नश्वर मुकुट प्राप्त करने के लिए ऐसा करते हैं, जब कि हम अनश्वर मुकुट के लिए। इसलिए मैं एक निश्चित लक्ष्य सामने रख कर दौड़ता हूँ। मैं ऐसा मुक्केबाज़ हूँ जो हवा में मुक्का नहीं मारता। मैं अपने शरीर को कष्ट देता हूँ और उसे वश में रखता हूँ। कहीं ऐसा न हो कि दूसरों को प्रवचन देने के बाद मैं स्वयं ठुकराया जाऊँ।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 66:1-7

अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी! ईश्वर का जयकार करो!

1. उसके प्रतापी नाम का गीत गाओ और उसकी महिमा का स्तुतिगान करो। ईश्वर से यह कहो, "तेरे कार्य अपूर्व हैं। तेरे अपार सामर्थ्य को देख कर तेरे शत्रु चाटुकारी करते हैं।

2. समस्त पृथ्वी तुझे दण्डवत् करती है, वह तेरे आदर में गीत गाती और तेरे नाम का स्तुतिगान करती है।" आओ ! ईश्वर के कार्यों का ध्यान करो - उसने पृथ्वी पर अपूर्व कार्य किये हैं।

3. उसने समुद्र को स्थल में बदल दिया। उन लोगों ने नदी को पैदल ही पार किया; इसलिए हम उसके नाम पर आनन्द मनायें। वह अपने सामर्थ्य द्वारा सदा शासन करता और राष्ट्रों पर दृष्टि दौड़ाता है, जिससे विद्रोही फिर सिर न उठायें।

📒जयघोष

अल्लेलूया! अल्लेलूया! ईसा ने मृत्यु का विनाश किया और अपने सुसमाचार द्वारा अमर जीवन को आलोकित किया है। अल्लेलूया।

📙सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:20-32

"यदि गेहूँ का दाना मर जाता है, तो बहुत फल देता है।"

जो लोग पर्व के अवसर पर आराधना करने आये थे, उन में कुछ यूनानी थे। उन्होंने फ़िलिप के पास आ कर यह निवेदन किया, "महाशय ! हम ईसा से मिलना चाहते हैं।" फ़िलिप गलीलिया के बेथसाइदा का निवासी था। उसने जा कर अन्द्रेयस को यह बताया और अन्द्रेयस ने फ़िलिप को साथ ले जा कर ईसा को इसकी सूचना दी। ईसा ने उन से कहा, "वह समय आ गया है, जब मानव पुत्र महिमान्वित किया जायेगा। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ - जब तक गेहूँ का दाना मिट्टी में गिर कर नहीं मर जाता, तब तक वह अकेला ही रहता है; परन्तु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है। जो अपने जीवन को प्यार करता है, वह उसका सर्वनाश करता है और जो इस संसार में अपने जीवन से बैर करता है, वह उसे अनन्त जीवन के लिए सुरक्षित रखता है। यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। जो मेरी सेवा करेगा, मेरा पिता उस को सम्मान प्रदान करेगा। "अब मेरी आत्मा व्याकुल है। क्या मैं यह कहूँ- 'पिता ! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा'?, किन्तु इसीलिए तो मैं इस घड़ी तक आया हूँ। पिता ! अपनी महिमा प्रकट कर।" उसी समय यह स्वर्गवाणी सुनाई पड़ी, "मैंने उसे प्रकट किया है और उसे फिर प्रकट करूँगा।" आस-पास खड़े लोग यह सुन कर बोले, "बादल गरजा।" कुछ लोगों ने कहा, "एक स्वर्गदूत ने उन से कुछ कहा।" ईसा ने उत्तर दिया, "यह वाणी मेरे लिए नहीं, बल्कि तुम लोगों के लिए आयी। अब इस संसार का न्याय हो रहा है; अब इस संसार का नायक निकाल दिया जायेगा। और मैं, जब पृथ्वी के ऊपर उठाया जाऊँगा, तो सब मनुष्यों को अपनी ओर आकर्षित करूँगा।"

प्रभु का सुसमाचार।