फरवरी 22 – संत पेत्रुस का धर्मपीठ

📕पहला पाठ

सन्त पेत्रुस का पहला पत्र 5:1-4

“मैं भी पुरोहित, मसीह के दुःखभोग का साक्षी हूँ”

आप लोगों में जो पुरोहित हैं, उन से मेरा एक अनुरोध है। मैं भी पुरोहित हूँ, मसीह के दुःखभोग का साक्षी और भविष्य में प्रकट होने वाली महिमा का सहभागी। ईश्वर का जो झुण्ड आप लोगों को सौंपा गया, उसका चरवाहा बनिए, ईश्वर की इच्छा के अनुसार उसकी देखभाल कीजिए लाचारी से नहीं बल्कि खुशी से, घिनावने लाभ के लिए नहीं बल्कि सेवाभाव से; अपने सौंपे हुए लोगों पर अधिकार न जता कर बल्कि झुण्ड के लिए आदर्श बन कर और जिस समय प्रधान चरवाहा प्रकट हो जायेगा, आप लोगों को कभी न मुरझाने वाली महिमा की माला पहना दी जायेगी।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 22

अनुवाक्य प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं।

1. प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं। वह मुझे हरे मैदानों में चराता है। वह मुझे विश्राम के लिए जल के निकट ले जा कर मुझ में नवजीवन का संचार करता है।

2. वह अपने नाम का सच्चा है, वह मुझे धर्ममार्ग पर ले चलता है। चाहे अँधेरी घाटी हो कर जाना ही क्यों न पड़े, मुझे किसी अनिष्ट की आशंका नहीं; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है। तेरी लाठी, तेरे डण्डे पर मुझे भरोसा है।

3. तू मेरे शत्रुओं के देखते-देखते मेरे लिए खाने की मेज सजाता है। तू मेरे सिर पर तेल का विलेपन करता है। तू मेरा प्याला लबालब भर देता है।

4. इस प्रकार तेरी भलाई और तेरी कृपा से मैं जीवन भर घिरा रहता हूँ। प्रभु का मंदिर ही मेरा घर है; मैं उस में अनन्त काल तक निवास करूँगा।

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा। अधोलोक के फाटक इसके सामने टिक नहीं पायेंगे। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 16:13-19

"तुम पेत्रुस हो। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा।"

येसु ने कैसरिया फ़िलिप्पी प्रदेश पहुँच कर अपने शिष्यों से पूछा, "मानव पुत्र कौन है, इसके विषय में लोग क्या कहते हैं?" उन्होंने उत्तर दिया, "कुछ लोग कहते हैं: योहन बपतिस्ता; कुछ कहते हैः एलियस; और कुछ लोग कहते हैं: येरेमियस अथवा नबियों में से कोई।" इस पर येसु ने कहा, "और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?" सिमोन पेत्रुस ने उत्तर दिया, "आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं।" इस पर येसु ने उस से कहा, "सिमोन, योनस के पुत्र ! तुम धन्ये हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है। मैं तुम से कहता हूँ कि तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलोक के फाटक इसके सामने टिक नहीं पायेंगे। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा। तुम पृथ्वी पर जिसका निषेध करोगे, स्वर्ग में भी उसका निषेध रहेगा और पृथ्वी पर जिसकी अनुमति दोगे, स्वर्ग में भी उसकी अनुमति रहेगी।"

प्रभु का सुसमाचार।