मार्च 25
दूत-संदेश – समारोह

📕पहला पाठ

नबी इसायस का ग्रंथ 7:10-14

"कुँवारी गर्भवती है।"

प्रभु ने आखाज़ से कहा, "चाहे अधोलोक की गहराई से हो, चाहे आकाश की ऊँचाई से, अपने प्रभु-ईश्वर से अपने लिए एक चिह्न माँगो।" आखख़ाज़ ने उत्तर दिया, "जी नहीं। मैं प्रभु की परीक्षा नहीं लूँगा।" इस पर उसने कहा, "हे दाऊद के वंश! मेरी बात सुनो। क्या मनुष्यों को तंग करना तुम्हारे लिए पर्याप्त नहीं है, जो तुम ईश्वर के धैर्य की भी परीक्षा लेना चाहते हो? प्रभु स्वयं तुम्हें एक चिह्न देगा। और वह यह है- एक कुँवारी गर्भवती है। वह पुत्र प्रसव करेगी और वह उसका नाम एम्मानुएल रखेगी, जिसका अर्थ है : प्रभु हमारे साथ है।"

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 39:7-11

अनुवाक्य : हे प्रभु ! मैं तेरी आज्ञाओं का पालन करने आया हूँ।

1. तूने न तो यज्ञ चाहा और न चढ़ावा, किन्तु तूने मुझे सुनने के कान दिये। तूने न तो होम माँगा और न बलिदान, इसलिए मैंने कहा, "देख ! मैं आ रहा हूँ।"

2. मुझे धर्मग्रंथ में यह आदेश दिया गया है कि मैं तेरी आज्ञाओं का पालन करूँ। हे मेरे ईश्वर ! तेरी इच्छा पूरी करने में मुझे आनन्द आता है, तेरा नियम मेरे हृदय में घर कर गया है।

3. मैंने सबों के सामने तेरे न्याय का बखान किया। तू जानता है कि मैंने अपना मुँह बन्द नहीं रखा।

4. मैंने तेरी न्यायप्रियता को अपने हृदय में नहीं छिपाया, मैंने तेरी न्यायप्रियता का बखान किया। मैंने तेरा प्रेम और तेरा सत्य नहीं छिपाया, बल्कि सबों के सामने उनका बखान किया।

📘दूसरा पाठ

इब्रानियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 10:4-10

"हे ईश्वर! मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ, जैसा कि धर्मग्रंथ में मेरे विषय में लिखा है।"

साँड़ों तथा बकरों का रक्त पाप नहीं हर सकता, इसलिए मसीह ने संसार में आ कर, यह कहा, "तूने न तो यज्ञ चाहा और न चढ़ावा, किन्तु तूने मेरे लिए एक शरीर तैयार किया है। तू न तो होम से प्रसन्न हुआ और न प्रायश्चित्त के बलिदान से, इसलिए मैंने कहा – हे ईश्वर ! मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ, जैसा कि धर्मग्रंथ में मेरे विषय में लिखा हुआ है।" मसीह ने पहले कहा, "तूने यज्ञ, चढ़ावा, होम अथवा प्रायश्चित्त का बलिदान नहीं चाहा, तू उन से प्रसन्न नहीं हुआ", यद्यपि ये सब संहिता के अनुसार ही चढ़ाये जाते हैं। तब उन्होंने कहा, "देख, मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ।" इस प्रकार वह पहली व्यवस्था को रद्द करते और दूसरी का प्रवर्तन करते हैं। येसु मसीह के शरीर के एक ही बार बलि चढ़ाये जाने के कारण, हम ईश्वर की इच्छा के अनुसार पवित्र किये गये हैं।

प्रभु की वाणी।

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! शब्द ने शरीर धारण कर हमारे बीच निवास किया। हमने उसकी महिमा देखी। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

सन्त लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:26-38

"देखिए, आप गर्भवती होंगी और पुत्र प्रसव करेंगी।"

स्वर्गदूत गाब्रिएल, ईश्वर की ओर से, गलीलिया के नाज़रेत नामक नगर में एक कुँवारी के पास भेजा गया, जिसकी मँगनी दाऊद के घराने के यूसुफ़ नामक एक पुरुष से हुई थी, और उस कुँवारी का नाम था मरियम । स्वर्गदूत ने उसके यहाँ अन्दर आ कर उस से कहा, "प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री ! प्रभु आपके साथ है।" वह इन शब्दों से घबरा गयी और मन में सोचने लगी कि इस प्रणाम का क्या अभिप्राय है। तब स्वर्गदूत ने उस से कहा, "मरियम, डरिए नहीं; आप को ईश्वर की कृपा प्राप्त है। देखिए, आप गर्भवती होंगी, पुत्र को प्रसव करेंगी और उनका नाम येसु रखेंगी। वह महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु के पुत्र कहलायेंगे। प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा, वह याकूब के घराने पर सदा-सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अन्त नहीं होगा।" पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, "यह कैसे हो सकता है ? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है ।" स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, "पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वह पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे। देखिए, बुढ़ापे में आपकी कुटुम्बिनी एलीज़बेथ के भी बेटा होने वाला है। अब उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठा महीना हो रहा है; क्योंकि ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।" मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये।" और स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।

प्रभु का सुसमाचार।