मई 31 -
धन्य कुँवारी मरियम का अभ्यागमन – पर्व

📕पहला पाठ

नबी सफ़न्या का ग्रंथ 3:14-18

“प्रभु तेरे बीच इस्राएल का राजा है।" हे सियोन की पुत्री! आनन्द का गीत गा। हे इस्राएल! जयकार करो! हे येरुसालेम की पुत्री! सारे हृदय से आनन्द मना। प्रभु ने तेरा दण्डादेश रद्द किया और तेरे शत्रुओं को भगा दिया है। प्रभु तेरे बीच इस्राएल का राजा है। विपत्ति का डर तुझ से दूर हो गया है। उस दिन येरुसालेम से यह कहा जायेगा - "हे सियोन! नहीं डरना, हिम्मत नहीं हारना। तेरा प्रभु-ईश्वर तेरे बीच है, वह विजयी योद्धा है। वह तेरे कारण आनन्द मनायेगा, वह अपने प्रेम से तुझे नवजीवन प्रदान करेगा, वह उत्सव के दिन की तरह तेरे कारण आनन्द-विभोर हो जायेगा।"

प्रभु की वाणी।

📕वैकल्पिक पहला पाठ

रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 12:9-16

"आप सन्तों की आवश्यकताओं के लिए चन्दा दिया करें और अतिथियों की सेवा करें।"

आप लोगों का प्यार निष्कपट हो। आप बुराई से घृणा तथा भलाई से प्रेम करें। आप सच्चे भाइयों की तरह एक दूसरे को सारे हृदय से प्यार करें। हर एक दूसरों को अपने से श्रेष्ठ माने। आप लोग अथक परिश्रम तथा आध्यात्मिक उत्साह से प्रभु की सेवा करें। आशा आप को आनन्दित बनाये रखे। आप संकट में धैर्य रखें तथा प्रार्थना में लगे रहें। सन्तों की आवश्यकताओं के लिए चन्दा दिया करें। और अतिथियों की सेवा करें। अपने अत्याचारियों के लिए आशीर्वाद माँगें - हाँ, आशीर्वाद, न कि अभिशाप। आनन्द मनाने वालों के साथ आनन्द मनायें, रोने वालों के साथ रोयें। आपस में मेल-मिलाप का भाव बनाये रखें। घमण्डी न बनें, बल्कि दीन-दुःखियों से मिलते-जुलते रहें।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : इसायस 12:2-6

अनुवाक्य : तुम्हारे बीच रहने वाला इस्त्राएल का परमपावन ईश्वर महान् है।

1. ईश्वर मेरा उद्धार करेगा। वही मेरा भरोसा है। अब मैं नहीं डरूँगा, क्योंकि प्रभु मेरा बल है और मेरे गीत का विषय। वही मेरा उद्धार करेगा। तुम आनन्दित हो कर मुक्ति के स्रोत में से जल भरोगे।

2. प्रभु का धन्यवाद करो; उसके नाम की स्तुति करो। राष्ट्रों में उसके महान् कार्यों का बखान करों; उसके नाम की महिमा गाओ।

3. प्रभु की स्तुति करो; उसने चमत्कार दिखाये हैं। पृथ्वी भर उनका बखान करने जाओ। सियोन की प्रजा! प्रफुल्लित हो कर आनन्द के गीत गाओ। तुम्हारे बीच रहने वाला इस्राएल का परमपावन ईश्वर महान् है।

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! धन्य हैं कुँवारी मरियम! उन्होंने यह विश्वास किया कि प्रभु ने उन से जो कहा, वह पूरा हो जायेगा। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:39-56

“सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं और दीनों को महान् बना दिया है।"

मरियम पहाड़ी प्रदेश में यूदा के एक नगर के लिए शीघ्रता से चल पड़ी। उसने ज़करियस के घर में प्रवेश कर एलीज़बेथ का अभिवादन किया। ज्यों ही एलीज़बेथ ने मरियम का अभिवादन सुना, बच्चा उसके गर्भ में उछल पड़ा और एलीज़बेथ पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गयी। वह ऊँचे स्वर से बोल उठी, "आप नारियों में धन्य हैं और धन्य है आपके गर्भ का फल! मुझे यह सौभाग्य कैसे प्राप्त हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आयीं? क्योंकि देखिए, ज्यों ही आपका प्रणाम मेरे कानों में पड़ा, बच्चा मेरे गर्भ में आनन्द के मारे उछल पड़ा।। और धन्य हैं आप, जिन्होंने यह विश्वास किया कि प्रभु ने आप से जो कहा, वह पूरा हो जायेगा।" तब मरियम बोल उठी, "मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है, क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर कृपादृष्टि की है। अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी; क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं। पवित्र है उसका नाम! उसकी कृपा अपने श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है। उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है, उसने घमंडियों को तितर-बितर कर दिया है। उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया और दीनों को महान् बना दिया है। उसने दरिद्रों को सम्पन्न किया और धनियों को खाली हाथ लौटा दिया है। इब्राहीम और उसके वंश के प्रति अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर, उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अपने दास इस्राएल की सुध ली है।" लगभग तीन महीने एलीज़बेथ के साथ रह कर मरियम अपने घर लौट गयी।

प्रभु का सुसमाचार।