पेत्रुस और योहन तीसरे पहर प्रार्थना के लिए मंदिर जा रहे थे। लोग एक मनुष्य को ले जा रहे थे, जो जन्म से लँगड़ा था। वे उसे प्रतिदिन ला कर मंदिर के 'सुन्दर' नामक फाटक के पास रखा करते थे, जिससे वह मंदिर के अन्दर जाने वालों से भीख माँग सके। जब उसने पेत्रुस और योहन को मंदिर में प्रवेश करते देखा, तो उन से भीख माँगी। पेत्रुस और योहन ने उस पर दृष्टि लगायी। पेत्रुस ने कहा, "हमारी ओर देखो।" और वह कुछ पाने की आशा से उनकी ओर देखने लगा, किन्तु पेत्रुस ने कहा, "मेरे पास न तो चाँदी है और न सोना; बल्कि मेरे पास जो है, वह तुम्हें देता हूँ - येसु मसीह नाज़री के नाम पर चलो।" और उसने उसका दाहिना हाथ पकड़ कर उसे उठाया। उसी क्षण लँगड़े के पैरों और टखनों में बल आ गया। वह उछल कर खड़ा हो गया और चलने-फिरने लगा। वह चलते, उछलते तथा ईश्वर की स्तुति करते हुए उनके साथ मंदिर आया। सारी जनता ने उसको चलते-फिरते तथा ईश्वर की स्तुति करते हुए देखा। लोग उसे पहचानते थे- यह वही था, जो मंदिर के 'सुन्दर' फाटक के पास बैठ कर भीख माँगा करता था। और यह देख कर कि उसे क्या हुआ है, वे अचम्भे में पड़ कर चकित रह गये।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : इसकी गूंज संसार भर में फैल जाती है।
1. आकाश ईश्वर की महिमा बखानता है, तारा-मंडल उसका सामर्थ्य प्रकट करता है। दिन-दिन को इसकी कहानी सुनाता है और रात-रात को इसे बताती है।
2. न तो कोई वाणी सुनाई देती है, न कोई शब्द और कोई स्वर, फिर भी इसकी गूंज संसार भर में फैल जाती है और पृथ्वी के सीमान्तों तक इसकी ध्वनि।
भाइयो! मैं आप लोगों को विश्वास दिलाता हूँ कि मैंने जो सुसमाचार सुनाया, वह मनुष्य-रचित नहीं है। मैंने न तो उसे किसी मनुष्य से ग्रहण किया और न सीखा, बल्कि येसु मसीह ने उसे मुझ पर प्रकट किया है। आप लोगों ने सुना होगा कि जब मैं यहूदी धर्म का अनुयायी था, तो मेरा आचरण कैसा था मैं ईश्वर की कलीसिया पर घोर अत्याचार और उसके सर्वनाश का प्रयत्न करता था। मैं अपने पूर्वजों की परम्पराओं का कट्टर समर्थक था और अपने समय के बहुत-से यहूदियों की अपेक्षा हमारे राष्ट्रीय धर्म के पालन में अधिक उत्साह दिखलाता था। किन्तु ईश्वर ने मुझे माता के गर्भ से ही अलग कर लिया और अपने अनुग्रह से बुलाया था; इसलिए उसने मुझ पर और मेरे द्वारा अपना पुत्र प्रकट करने का निश्चय किया, जिससे मैं गैर-यहूदियों में उसके पुत्र के सुसमाचार का प्रचार करूँ। इसके बाद मैंने किसी से परामर्श नहीं किया और जो मुझ से पहले प्रेरित थे, उन से मिलने के लिए मैं येरुसालेम नहीं गया; बल्कि मैं तुरन्त अरब देश गया और बाद में दमिश्क लौटा। मैं तीन बरस बाद केफ़स से मिलने येरुसालेम गया और उनके साथ पंद्रह दिन रहा। प्रभु के भाई याकूब को छोड़ कर मेरी भेंट अन्य प्रेरितों में से किसी से नहीं हुई। ईश्वर साक्षी है कि मैंने तुम्हें जो लिखा है, वह एकदम सच है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु! आप को तो सब कुछ मालूम है। आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ। अल्लेलूया!
अपने शिष्यों के जलपान के बाद येसु ने सिमोन से कहा, "सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम इनकी अपेक्षा मुझे अधिक प्यार करते हो?" उसने उन्हें उत्तर दिया, "जी हाँ, प्रभु! आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।" उन्होंने पेत्रुस से कहा, 'मेरे मेमनों को चराओ।" येसु ने दूसरी बार उस से कहा, " सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?" उसने उत्तर दिया, "जी हाँ, प्रभु! आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।" उन्होंने पेत्रुस से कहा, "मेरी भेड़ों को चराओ।” येसु ने तीसरी बार उस से कहा, "सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?" पेत्रुस को इस से दुःख हुआ कि उन्होंने तीसरी बार उस से यह पूछा क्या तुम मुझे प्यार करते हो; और उसने येसु से कहा, "प्रभु! आप को तो सब कुछ मालूम है। आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।" येसु ने उस से कहा, "मेरी भेड़ों को चराओ। मैं तुम से कहे देता हूँ - जवानी में तुम स्वयं अपनी कमर कस कर जहाँ चाहते थे, वहाँ घूमते-फिरते थे; लेकिन बुढ़ापे में तुम अपने हाथ फैला दोगे और दूसरा व्यक्ति तुम्हारी कमर कस कर तुम्हें वहाँ ले जायेगा, जहाँ तुम जाना नहीं चाहते।" इन शब्दों से येसु ने संकेत किया कि किस प्रकार की मृत्यु से पेत्रुस द्वारा ईश्वर की महिमा का विस्तार होने वाला है। येसु ने अंत में पेत्रुस से कहा, "मेरा अनुसरण करो।"
प्रभु का सुसमाचार।