दूसरे दिन वह उनके साथ चल दिया और योप्पे के कुछ भाई भी उसके साथ हो लिये। वह अगले दिन कैसरिया पहुँचा। करनेलियुस अपने सम्बन्धियों और घनिष्ठ मित्रों को बुला कर उन लोगों की प्रतीक्षा कर रहा था। जब पेत्रुस उनके यहाँ आया, तो करनेलियुस उससे मिला और उसने पेत्रुस के चरणों पर गिर कर उसे प्रणाम किया। किन्तु पेत्रुस ने उसे यह कहते हुए उठाया, "खड़े हो जाइए, मैं भी तो मनुष्य हूँ" और उसके साथ बातचीत करते हुए घर में प्रवेश किया। वहाँ बहुत-से लोगों को एकत्र देख कर पेत्रुस ने उनसे यह कहा, "आप जानते हैं कि गैर-यहूदी से सम्पर्क रखना या उसके घर में प्रवेश करना यहूदी के लिए सख्त मना है; किन्तु ईश्वर ने मुझ पर यह प्रकट किया है कि किसी भी मनुष्य को अशुद्ध अथवा अपवित्र नहीं कहना चाहिए। इसलिए आपके बुलाने पर मैं बेखटके यहाँ आया हूँ। अब मैं पूछना चाहता हूँ कि आपने मुझे क्यों बुलाया?" करनेलियुस ने उत्तर दिया, "चार दिन पहले इसी समय मैं अपने घर में सन्ध्या की प्रार्थना कर रहा था कि उजले वस्त्र पहने एक पुरुष मेरे सामने आ खड़ा हुआ। उसने यह कहा, करनेलियुस! आपकी प्रार्थनाएँ सुनी गयी हैं और ईश्वर ने आपके भिक्षा-दानों को याद किया। आप आदमियों को योप्पे भेजिए और सिमोन को, जो पेत्रुस कहलाते हैं बुलाइए! वह चर्मकार सिमोन के यहाँ, समुद्र के किनारे ठहरे हुए हैं' मैंने आप को तुरन्त बुला भेजा और आपने पधारने की कृपा की है। ईश्वर ने आप को जो-जो आदेश दिये हैं, उन्हें सुनने के लिए हम सब यहाँ आपके सामने उपस्थित हैं।" पेत्रुस ने कहा, "मैं अब अच्छी तरह समझ गया हूँ कि ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करता। मनुष्य किसी भी राष्ट्र का क्यों न हो, यदि वह ईश्वर पर श्रद्धा रख कर धर्माचरण करता है, तो वह ईश्वर का कृपापात्र बन जाता है।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है।
1. ईश्वर! जैसे हिरणी जलधारा के लिए तरसती है, वैसे मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती है।
2. मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है। मैं कब जा कर ईश्वर के दर्शन करूँगा? दिन-रात मेरे आँसू ही मेरा भोजन हैं। लोग दिन भर यह कहते हुए मुझे छेड़ते हैं, "कहाँ है तुम्हारा ईश्वर?"
3. मैं भावविभोर हो कर वह समय याद करता हूँ, जब उत्सव मनाती हुई भीड़ में मैं अन्य तीर्थयात्रियों के साथ आनन्द और उल्लास के गीत गाते हुए ईश्वर के मन्दिर की ओर बढ़ रहा था।
अब अन्त में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। वह पुत्र अपने पिता की महिमा का प्रतिबिम्ब और उसके तत्त्व का प्रतिरूप है। वह पुत्र अपने शक्तिशाली शब्द द्वारा समस्त सृष्टि को बनाये रखता है। उसने हमारे पापों का प्रायश्चित्त किया और अब वह सर्वशक्तिमान् ईश्वर के दाहिने विराजमान है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! हे थोमस! क्या तुम इसलिए विश्वास करते हो, कि तुमने मुझे देखा है? धन्य हैं वे, जो बिना देखे ही विश्वास करते हैं। यह प्रभु का कहना है। अल्लेलूया!
येसु के आने के समय बारहों में से एक, थोमस जो यमल कहलाता था, उनके साथ नहीं था। दूसरे शिष्यों ने उस से कहा, "हमने प्रभु को देखा है।" उसने उत्तर दिया, "मैं जब तक उनके हाथों में कीलों का निशान न देखें, कीलों की जगह पर अपनी उँगली न रख दूँ, और उनकी बग़ल में अपना हाथ न डाल दूँ, मैं तब तक विश्वास नहीं करूँगा।" आठ दिन के बाद उनके शिष्य फिर घर के भीतर थे और थोमस उनके साथ था। द्वार बन्द होने पर भी येसु उनके बीच आ कर खड़े हो गये और बोले, "तुम्हें शांति मिले!" तब उन्होंने थोमस से कहा "अपनी ऊँगली यहाँ रखो; देखो, ये मेरे हाथ हैं। अपना हाथ बढ़ा कर मेरी बग़ल में डालो और अविश्वासी नहीं, बल्कि विश्वासी बनो।" थोमस ने उत्तर दिया, "मेरे प्रभु! मेरे ईश्वर!" येसु ने उस से कहा, "क्या तुम इसलिए विश्वास करते हो कि तुमने मुझे देखा है? धन्य हैं वे, जो बिना देखे ही विश्वास करते हैं!"
प्रभु का सुसमाचार।