जुलाई 26
सन्त जोआकिम और अन्ना - अनिवार्य स्मरण

📕पहला पाठ

प्रवक्ता-ग्रंथ 44:1,10-15

"उनके नाम पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहेंगे।"

”हम पीढ़ियों के क्रमानुसार अपने लब्धप्रतिष्ठ पूर्वजों का गुणगान करें। जिन लोगों के उपकार नहीं भुलाये गये हैं, उनके नाम यहाँ दिये जायेंगे। उन्होंने जो सम्पत्ति छोड़ दी है, वह उनके वंशजों में निहित है। उनके वंशज आज्ञाओं का पालन करते हैं, और इनके कारण इनके संतति भी। उनका वंश सदा बना रहेगा और उनकी कीर्ति कभी नहीं मिटेगी। उनके शरीर शान्ति में दफ़नाये गये और उनके नाम पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहेंगे। लोग उनकी प्रजा की प्रशंसा करेंगे, सभाओं में उनका गुणगान किया जायेगा।"

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 125

अनुवाक्य : प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा।

1. प्रभु ने शपथ खा कर दाऊद से प्रतिज्ञा की है। वह अपने वचन से नहीं मुकरेगा। "मैं तुम्हारे वंशजों में से एक को तुम्हारे सिंहासन पर बैठाऊँगा।"

2. क्योंकि प्रभु ने सियोन को चुना और अपने निवास के लिए चाहा। "यह मेरा चिरस्थायी निवास है। मेरी इच्छा यह है कि मैं यहीं रहूँ।"

3. "मैं यहाँ दाऊद के लिए एक शक्तिशाली वंशज उत्पन्न करूँगा, अपने मसीह के लिए एक प्रदीप जलाऊँगा। उसके शत्रुओं को लज्जित होना पड़ेगा। किन्तु उसके मस्तक पर मेरा मुकुट शोभायमान होगा।"

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! वे इस्राएल की सान्त्वना की प्रतीक्षा में थे और पवित्र आत्मा उन पर छाया रहता था।

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:16-17

“तुम जो बातें देख रहे हो, उन्हें कितने ही नबी और धर्मात्मा देखना चाहते थे।"

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "धन्य हैं तुम्हारी आँखें, क्योंकि वे देखती हैं और धन्य हैं तुम्हारे कान, क्योंकि वे सुनते हैं! मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ- तुम जो बातें देख रहे हो, उन्हें कितने ही नबी और धर्मात्मा देखना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन को देखा नहीं और तुम जो बातें सुन रहे हो, वे उनको सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन को सुना नहीं।"

प्रभु का सुसमाचार।