ईश्वर की मंजूषा को उस स्थान पर ले आने के लिए, जिसे उसने उसके लिए तैयार करवाया था, दाऊद ने सभी इस्स्राएलियों को एकत्र किया। दाऊद ने हारून तथा लेवी के पुत्रों को बुला भेजा। मूसा ने प्रभु के आदेशानुसार जैसा कहा था, लेवी वैसे ही डंडों के सहारे ईश्वर की मंजूषा अपने कंधों पर उठा कर ले गये। तब दाऊद ने लेवियों के नेताओं को अदेश दिया कि वे अपने बन्धुओं को गायक के रूप में नियुक्त करें, जिससे वे सारंगी, सितार, झाँझ आदि वाद्यों को बजा कर आनन्द का संगीत सुनायें। वे ईश्वर की मंजूषा को ले आये और उस तम्बू में रख दिया जिसे दाऊद ने उसके लिए खड़ा कर दिया था। उन्होंने ईश्वर को होम तथा शांति के बलिदान चढ़ाये। होम तथा शांति के बलिदान चढ़ाने के बाद दाऊद ने प्रभु के नाम पर लोगों को आशीर्वाद दिया।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! तू अपनी तेजस्वी मंजूषा के साथ अपने स्थायी आवास को चल।
1. हमने एफ्राता में मंजूषा के विषय में सुना और उसे येआरीम के मैदान में पाया। हम प्रभु के आवास को चलें, हम उसके चरणों को दण्डवत् करें।
2. तेरे पुरोहित धार्मिकता के वस्त्र धारण करें और तेरे भक्त आनन्द के गीत गायें। अपने दास दाऊद के कारण अपने अभिषिक्त को न त्याग।
3. क्योंकि प्रभु ने सियोन को चुना और अपने निवास के लिए चाहा। "यह मेरा चिरस्थायी निवास है। मेरी इच्छा यह है कि मैं यहीं रहूँ।>
जब यह नश्वर शरीर अनश्वरता को धारण करेगा - जब यह मरणशील शरीर अमरता को धारण करेगा, तब धर्मग्रंथ का यह कथन पूरा हो जायेगा : मृत्यु का विनाश हुआ। विजय प्राप्त हुई। हे मृत्यु! कहाँ है तेरी विजय? हे मृत्यु! कहाँ है तेरा दंश? मृत्यु का दंश तो पाप है और पाप को संहिता से बल मिलता है। ईश्वर को धन्यवाद, जो हमारे प्रभु येसु मसीह द्वारा हमें विजय प्रदान करता है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! धन्य हैं वे, जो ईश्वर का वचन सुनते और उसका पालल करते हैं। अल्लेलूया!
येसु ये बातें कह ही रहे थे कि भीड़ में से कोई स्त्री ऊँचे स्वर से बोल उठी, "धन्य है वह गर्भ, जिसने आप को धारण किया और धन्य हैं वे स्तन, जिनका आपने पान किया है! परन्तु येसु ने कहा, “ठीक है; किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो ईश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।"
प्रभु का सुसमाचार।