सितम्बर 21
सन्त मत्ती, प्रेरित एवं सुसमाचार-लेखक - पर्व

📕पहला पाठ

एफ़ेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 4:1-7,11-13

"उन्होंने कुछ लोगों को प्रेरित और कुछ को सुसमाचार-प्रचारक होने का वरदान दिया है।"

आप लोग अपने बुलावे के अनुसार आचरण करें - यह आप से मेरा अनुरोध है, जो प्रभु के कारण क़ैदी हूँ। आप पूर्ण रूप से विनम्र, सौम्य तथा सहनशील बन जायें, प्रेम से एक दूसरे को सहन करें और शांति के सूत्र में बँध कर उस एकता को, जिसे पवित्र आत्मा प्रदान करता है, बनाये रखने की चेष्टा करते रहें। एक ही शरीर है, एक ही आत्मा और एक ही आशा, जिसके लिए आप लोग बुलाये गये हैं। एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास और एक ही बपतिस्मा, एक ही ईश्वर, सबों का पिता, जो सब के ऊपर है, सब के साथ और सब में व्याप्त। मसीह ने जिस मात्रा में देना चाहा, उसी मात्रा में हम में प्रत्येक को कृपा प्राप्त हुई। उन्होंने कुछ लोगों को प्रेरित, कुछ को नबी, कुछ को सुसमाचार-प्रचारक और कुछ को चरवाहे और आचार्य होने का वरदान दिया है। इस प्रकार उन्होंने सन्तों को सेवा-कार्य के लिए नियुक्त किया है, जिससे मसीह के शरीर का निर्माण उस समय तक होता रहे, जब तक हम विश्वास तथा ईश्वर के पुत्र के ज्ञान में एक नहीं हो जायें और मसीह की परिपूर्णता के अनुसार पूर्ण मनुष्यत्व प्राप्त न कर लें।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 18:2-5

अनुवाक्य : इसकी गूंज संसार भर में फैल जाती है।

1. आकाश ईश्वर की महिमा बखानता है, तारा-मंडल उसका सामर्थ्य प्रकट करता है। दिन दिन को इसकी कहानी सुनाता है, और रात रात को इसे बताती है।

2. न तो कोई वाणी सुनाई देती है, न कोई शब्द और न कोई स्वर, फिर भी इसकी गूंज संसार भर में फैल जाती है और पृथ्वी के सीमान्तों तक इसकी ध्वनि।

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! हे ईश्वर! हम तुझे धन्य कहते हैं, हम तुझे प्रभु मानते हैं। हे प्रभु! प्रेरितों का महिमामय समुदाय तेरा गुणगान करता है। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 9:9-13

"मेरे पीछे चले आओ", और वह उठ कर उनके पीछे हो लिया।

येसु ने मत्ती नामक व्यक्ति को चुंगी घर में बैठा हुआ देखा और उस से कहा, "मेरे पीछे चले आओ", और वह उठ कर उनके पीछे हो लिया । किसी दिन येसु अपने शिष्यों के साथ मत्ती के घर में भोजन पर बैठे और बहुत-से नाकेदार और पापी आ कर उनके साथ भोजन करते थे। यह देख कर फ़रीसियों ने उनके शिष्यों से कहा, "तुम्हारे गुरु नाकेदारों और पापियों के साथ क्यों भोजन करते हैं ?" येसु ने यह सुन कर उन से कहा, "नीरोगों को नहीं, रोगियों को वैद्य की जरूरत होती है। जा कर सीख लो कि इसका क्या अर्थ है - मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ। मैं धर्मियों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।"

प्रभु का सुसमाचार।