प्रभु यह कहता है, "मैं एक दूत को तुम्हारे आगे-आगे भेजता हूँ। वह रास्ते में तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें उस स्थान ले जायेगा, जिसे मैंने निश्चित किया है। उसका सम्मान करो और उसकी बातें सुनो। उसके विरुद्ध विद्रोह मत करो। वह तुम्हारा अपराध नहीं क्षमा करेगा, क्योंकि उसे मेरी ओर से अधिकार मिला है। यदि तुम उसकी बातें मानोगे और मैं जो कुछ कहूँगा, वह सब पूरा करोगे, तो मैं तुम्हारे शत्रुओं का शत्रु और तुम्हारे विरोधियों का विरोधी बनूँगा। मेरा दूत तुम्हारे आगे-आगे चलेगा और तुम्हें अमोरियों, हित्तियों, पेरिजियों, कनानियों, हिवियों तथा यबूसियों के देश पहुँचा देगा और मैं इनका सर्वनाश करूँगा।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : उसने तुम्हारे विषय में अपने दूतों को आदेश दिया है कि तुम जहाँ कहीं भी जाओ, वे तुम्हारी रक्षा करें।
1. तुम जो सर्वोच्च के आश्रय में रहते और सर्वशक्तिमान् की छत्रच्छाया में सुरक्षित हो, तुम प्रभु से यह कहो, "तू ही मेरी शरण है और मेरा गढ़, तू ही मेरा ईश्वर है, तुझ पर ही मैं भरोसा रखता हूँ।"
2. वह तुम्हें बहेलिये के फन्दे से छुड़ायेगा, जो तुम्हारा सर्वनाश चाहता है। वह तुम्हें अपने पंखों से छिपायेगा और तुम्हें उसके पैरों के नीचे शरणस्थान मिलेगा।
3. तुम्हें न तो रात्रि के आतंक से भय होगा और न दिन में चलने वाले बाण से ही, न अन्धकार में फैलने वाली महामारी से और न दोपहर को उजाड़ने वाली विपत्ति से ही।
4. न तो विपत्ति तुम पर आयेगी और न महामारी तुम्हारे घर के निकट आ पायेगी, क्योंकि उसने तुम्हारे विषय में अपने दूतों को यह आदेश दिया है कि तुम जहाँ कहीं भी जाओ, वे तुम्हारी रक्षा करें।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु की इच्छा पर चलने वाले उसके समस्त सेवको! प्रभु को धन्य कहो! अल्लेलूया!
शिष्य येसु के पास आ कर पूछने लगे, “स्वर्ग के राज्य में सब से बड़ा कौन है ?" येसु ने एक बालक को बुलाया और उसे उनके बीच खड़ा कर कहा, "मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ यदि तुम फिर छोटे बालकों जैसे नहीं बन जाओगे, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करोगे । इसलिए जो अपने को इस बालक जैसा छोटा समझता है, वही स्वर्ग के राज्य में सब से बड़ा है। और जो मेरे नाम पर ऐसे बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है। सावधान रहो ! इन नन्हों में से एक को भी तुच्छ न समझो । मैं तुम से कहता हूँ उनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के दर्शन करते हैं।"
प्रभु का सुसमाचार।