यदि आप लोग मुख से स्वीकार करते हैं कि चेसु प्रभु हैं और हृदय से विश्वास करते हैं कि ईश्वर ने उन्हें मृतकों में से जिलाया है, तो आप को मुक्ति प्राप्त होगी। हृदय से विश्वास करने पर मनुष्य धर्मी बनता है। और मुख से स्वीकार करने पर उसे मुक्ति प्राप्त होती है। धर्मग्रंथ कहता है, "जो कोई उस पर विश्वास करता है, उसे लज्जित नहीं होना पड़ेगा ।" इसलिए यहूदी और यूनानी में कोई भेद नहीं है- सबों का एक ही प्रभु है। वह उन सबों के प्रति उदार है, जो उसकी दुहाई देते हैं। क्योंकि जो कोई प्रभु के नाम की दुहाई देगा, उसे मुक्ति प्राप्त होगी। परन्तु लोग उसकी दुहाई कैसे दे सकते हैं, यदि उन्हें उस में विश्वास नहीं? वे उस में कैसे विश्वास कर सकते हैं, यदि उन्होंने उसके विषय में सुना नहीं? वे उसके विषय में कैसे सुन सकते हैं, यदि कोई प्रचारक न हो? और कोई प्रचारक कैसे बने, यदि वह भेजा नहीं जाये? धर्मग्रंथ में लिखा है "शुभ संदेश सुनाने वालों के चरण कितने सुन्दर लगते हैं?" किन्तु सबों ने सुसमाचार का स्वागत नहीं किया। इसायस कहता है, "हे प्रभु! किसने हमारे संदेश पर विश्वास किया?" इस प्रकार हम देखते हैं कि सुनने से विश्वास उत्पन्न होता है और जो सुना जाता, वह मसीह का वचन है। अब मैं पूछता हूँ, “क्या उन्होंने सुना नहीं?" उन्होंने अवश्य सुना है, क्योंकि "उनकी वाणी समस्त संसार में फैल गयी है और उनके शब्द पृथ्वी के सीमान्तों तक।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : इसकी गूंज संसार भर में फैल जाती है।
1. आकाश ईश्वर की महिमा बखानता है, तारा-मंडल उसका सामर्थ्य प्रकट करता है। दिन-दिन को इसकी कहानी सुनाता है और रात-रात को इसे बताती है।
2. न तो कोई वाणी सुनाई देती है, न कोई शब्द और न कोई स्वर, फिर भी इसकी गूंज संसार भर में फैल जाती है और पृथ्वी के सीमान्तों तक इसकी ध्वनि।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मेरे पीछे चले आओ। मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा।" अल्लेलूया!
गलीलिया के समुद्र के किनारे टहलते हुए येसु ने दो भाइयों को देखा : सिमोन, जो पेत्रुस कहलाते हैं, और उसके भाई अंद्रेयस को। वे समुद्र में जाल डाल रहे थे, क्योंकि वे मछुए थे। येसु ने उन से कहा, "मेरे पीछे चले आओ, मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा।" वे तुरन्त अपने जाल छोड़ कर उनके पीछे हो लिये। वहाँ से आगे बढ़ कर येसु ने और को भाइयों को देखा : ज़ेबेदी के पुत्र याकूब और उसके भाई योहन को। वे अपने पिता ज़ेबेदी के साथ नाव में अपने जाल मरम्मत कर रहे थे। येसु ने उन्हें बुलाया। वे तुरन्त नाव और अपने पिता को छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।
प्रभु का सुसमाचार।