हमारा विषय वह शब्द है, जो आदि से विद्यमान था। हमने उसे अपनी आँखों से देखा है। हमने उसका अवलोकन किया और अपने हाथों से उसका स्पर्श किया है। वह शब्द जीवन है और यह जीवन प्रकट किया गया है। यह शाश्वत जीवन, जो पिता के यहाँ था और हम पर प्रकट किया गया है- हमने इसे देखा है, हम इसके विषय में साक्ष्य देते और तुम्हें इसका संदेश सुनाते हैं। हमने जो देखा और सुना है, वही हम तुम लोगों को भी बताते हैं, जिससे तुम हमारे साथ पिता और उसके पुत्र येसु मसीह के जीवन के सहभागी बन जाओ। हम तुम्हें यह सब लिख रहे हैं, जिससे हम सबों का आनन्द परिपूर्ण हो जाये।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे धर्मियो ! प्रभु में आनन्द मनाओ!
1. प्रभु राज्य करता है। पृथ्वी प्रफुल्लित हो जाये, असंख्य द्वीप आनन्द मनायें। अन्धकारमय बादल उसके चारों ओर मँडराते हैं। उसका सिंहासन सत्य और न्याय पर आधारित है।
2. पृथ्वी के अधिपति के आगमन पर पर्वत मोम की तरह पिघलते हैं। आकाश प्रभु का न्याय घोषित करता है। सभी राष्ट्र उसकी महिमा देखते हैं।
3. धर्मी और निष्कपट लोगों के लिए ज्योति और आनन्द का उदय हुआ है। हे धर्मियो ! प्रभु में आनन्द मनाओ और उसकेपवित्र नाम की स्तुति करो।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! ईश्वर! हम तुझे धन्य कहते हैं, हम तुझे प्रभु मानते हैं। हे प्रभु ! प्रेरितों का महिमामय समुदाय तेरा गुणगान करता है। अल्लेलूया!
सप्ताह के प्रथम दिन मरियम मगदालेना ने, सिमोन पेत्रुस तथा उस दूसरे शिष्य के पास, जिसे येसु प्यार करते थे, दौड़ती हुई आ कर कहा, "वे प्रभु को क़ब्र में से उठा ले गये और हमें पता नहीं कि उन्होंने उन को कहाँ रखा है।" पेत्रुस और वह दूसरा शिष्य क़ब्र की ओर चल पड़े। वे दोनों साथ-साथ दौड़े। दूसरा शिष्य पेत्रुस को पिछेल कर पहले क़ब्र पर पहुँचा। उसने झुक कर यह देखा कि छालटी की पट्टियाँ पड़ी हुई हैं, किन्तु वह भीतर नहीं गया। सिमोन पेत्रुस उसके पीछे-पीछे चल कर आया और क़ब्र के अन्दर गया। उसने देखा कि पट्टियाँ पड़ी हुई हैं और येसु के सिर पर जो अँगोछा बँधा था, वह पढ़ियों के साथ नहीं, बल्कि तह किया हुआ दूसरी जगह अलग पड़ा हुआ है। तब वह दूसरा शिष्य भी, जो क़ब्र के पास पहले आया था, भीतर गया। उसने देखा और विश्वास किया।
प्रभु का सुसमाचार।