दिसम्बर 28
निर्दोष बालक, शहीद – पर्व

📕पहला पाठ

सन्त योहन का पहला पत्र 1:5-2:2

"मसीह का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।"

हमने जो संदेश येसु मसीह से सुना है और तुम को भी सुनाते हैं, वह यह है - ईश्वर ज्योति है और उस में कोई भी अन्धकार नहीं ! यदि हम कहते हैं कि हम उसके जीवन के सहभागी हैं किन्तु अन्धकार में चल रहे हैं, तो हम झूठ बोलते हैं और सत्य के अनुसार आचरण नहीं करते। परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं - जिस तरह वह स्वयं ज्योति में है - तो हम एक दूसरे के जीवन के सहभागी हैं और उसके पुत्र येसु का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है। यदि हम कहते हैं कि हम निष्पाप हैं, तो हम अपने को धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं है। यदि हम अपने पाप स्वीकार करते हैं, तो वह हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्योंकि वह विश्वसनीय तथा सत्यप्रतिज्ञ है। यदि हम कहते हैं कि हमने पाप नहीं किया, तो हम उसे झूठा सिद्ध करते हैं और उसकी सच्चाई हम में नहीं है। बच्चो ! मैं तुम लोगों को यह इसलिए लिख रहा हूँ, कि तुम पाप न करो। किन्तु यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारे एक सहायक विद्यमान हैं, अर्थात् धर्मात्मा येसु मसीह। उन्होंने हमारे पापों के लिए प्रायश्चित्त किया है और न केवल हमारे पापों के लिए, बल्कि समस्त संसार के पापों के लिए भी।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 123:2-5,7-8

अनुवाक्य : हमारी आत्मा, पक्षी की तरह, बहेलिये के फन्दे से निकल गयी है।

1. यदि प्रभु ने हमारा साथ नहीं दिया होता, तो, जब लोगों ने हम पर चढ़ाई की और हम पर उनका क्रोध भड़का, तब वे हमें जीवित ही निगल गये होते।

2. बाढ़ हमें डुबा ले गयी होती, जलधारा ने हमें बहा दिया होता और चारों ओर उमड़ती लहरों में हम डूब कर मर गये होते।

3. देखो फन्दा टूट गया है और हम बच गये। प्रभु का नाम ही हमारा सहारा है। उसी ने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है।

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! हे ईश्वर! हम तुझे धन्य कहते हैं; हम तुझे प्रभु मानते हैं। हे प्रभु! शहीदों का भव्य समुदाय तेरा गुणगान करता है। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 2:13-18

“हेरोद ने बेतलेहेम में सभी बालकों को मरवा डाला।"

ज्योतिषियों के जाने के बाद प्रभु का दूत यूसुफ़ को स्वप्न में दिखाई दिया और बोला, "उठिए ! बालक और उसकी माता को ले कर मिस्त्र देश भाग जाइए। जब तक मैं आप से न कहूँ, वहीं रहिए; क्योंकि हेरोद मरवा डालने के लिए बालक को ढूँढ़ने वाला है।" यूसुफ़ उठा और उसी रात बालक और उसकी माता को ले कर मिस्त्र देश चल दिया। वह हेरोद के मरने तक वहीं रहा, जिससे नबी के मुख से जो प्रभु ने कहा था, वह पूरा हो जाये - "मिस्त्र देश से मैंने अपने पुत्र को बुलाया।" हेरोद को यह देख कर बहुत क्रोध हुआ कि ज्योतिषियों ने मुझे धोखा दिया है। उसने प्यादों को भेजा और ज्योतिषियों से ज्ञात समय के अनुसार, बेतलेहेम और आस-पास के उन सभी बालकों को मरवा डाला जो दो वर्ष के या और भी छोटे थे। तब नबी येरेमियस का यह कथन पूरा हुआ - रामा में रुदन और दारुण विलाप सुनाई दिया, राखेल अपने बच्चों के लिए रो रही है और अपने आँसू किसी को पोंछने नहीं देती, क्योंकि वे अब नहीं रहे।

प्रभु का सुसमाचार।