वर्ष का बारहवाँ सप्ताह, इतवार - वर्ष A

पहला पाठ

नबी येरेमियस को बहुत अत्याचार सहना पड़ा, किन्तु उन्होंने अपने ऊपर सौंपा हुआ कार्य नहीं छोड़ा। उन्होंने ईश्वर पर भरोसा रखा और अपने को ईश्वर पर छोड़ दिया और ईश्वर ने उन्हें सुरक्षित रखा।

नबी येरेमियस का ग्रंथ 20:10-13

"ईश्वर ने दुष्टों के हाथ से दीन की आत्मा को छुड़ा लिया।"

मैंने बहुतों को यह फुसफुसाते हुए सुना है "चारों ओर आतंक फैला हुआ है। उस पर अभियोग लगाओ ! हम उस पर अभियोग लगायें।" जो पहले हमारे मित्र थे, ये सब इस ताक में रहते थे, कि मैं कोई ग़लती कर बैठूं और यह कहते थे, "वह शायद प्रलोभन में पड़ जायेगा और हम उस पर प्रबल हो कर उस से बदला लेंगे।" परन्तु प्रभु एक पराक्रमी शूरवीर की तरह मेरे साथ है। मेरे विरोधी ठोकर खा कर गिर जायेंगे। वे मुझ पर प्रबल नहीं हो पायेंगे और अपनी हार का कटु अनुभव करेंगे। उनका अपयश सदा बना रहेगा। हे विश्वमंडल के प्रभु ! तू धर्मी की परीक्षा करता और मन तथा हृदय की थाह लेता है। मैंने अपने को तुझ पर छोड़ दिया है मैं देखूँगा कि तू उन लोगों से क्या बदला लेता है। प्रभु का गीत गाओ ! प्रभु की स्तुति करो ! क्योंकि उसने दीन की आत्मा को दुष्टों के हाथ से छुड़ा लिया है।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 68:8-10,14,17,33-35

अनुवाक्य : हे ईश्वर, तू दयासागर है। तू मेरी सुनने की कृपा कर।

1. तेरे ही कारण लोग मुझे ताना मारते और मेरा उपहास करते हैं। तेरे ही कारण मेरे भाई मुझे पराया समझते हैं और मैं अपनी माता के पुत्रों में परदेशी बन गया हूँ, क्योंकि तेरे घर का उत्साह मुझे खा जाता है, तेरी निन्दा करने वाले मेरी निन्दा करते हैं।

2. हे प्रभु ! मैं तुझ से प्रार्थना करता हूँ। हे ईश्वर ! तू दयालु और सत्यप्रतिज्ञ है। तू मेरी सुनने की कृपा कर। हे प्रभु ! मुझे बचाने की कृपा कर। तू दयासागर है ! मुझ पर दयादृष्टि कर।

3. दीन-हीन यह देख कर आनन्दित हो उठेंगे, प्रभु-भक्तों में नव-जीवन का संचार होगा; क्योंकि प्रभु दरिद्रों की पुकार सुनता है, वह अपनी पराधीन प्रजा का तिरस्कार नहीं करता। आकाश और पृथ्वी प्रभु की स्तुति करें, समुद्र भी और उस में विचरने वाले जन्तु।

दूसरा पाठ

सन्त पौलुस आदम और मसीह की तुलना करते हैं। आदम द्वारा संसार में पाप का प्रवेश हुआ - मसीह द्वारा पाप का विनाश हुआ। आदम के कारण मृत्यु का संसार में प्रवेश हुआ। इसके विपरीत मसीह ने मृत्यु पर विजय पायी।

रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 5:12-15

"पाप से कहीं अधिक महान् है ईश्वर का अनुग्रह।"

एक ही मनुष्य द्वारा संसार में पाप का प्रवेश हुआ और पाप द्वारा मृत्यु का। इस प्रकार मृत्यु सब मनुष्यों मंँ फैल गयी, क्योंकि सब पापी हैं। मूसा की संहिता से पहले संसार में पाप था, किन्तु संहिता के अभाव में पाप का लेखा नहीं रखा जाता है। फिर भी आदम से ले कर मूसा तक मृत्यु उन लोगों पर भी राज्य करती रही, जिन्होंने आदम की तरह किसी आज्ञा के उल्लंघन द्वारा पाप नहीं किया था। आदम आने वाले मुक्तिदाता का प्रतीक था। फिर भी आदम के अपराध तथा ईश्वर के वरदान में कोई तुलना नहीं है। यह सच है कि एक ही मनुष्य के अपराध के कारण बहुत-से लोग मर गये, किन्तु इस परिणाम से कहीं अधिक महान् है ईश्वर का अनुग्रह और वह वरदान, जो एक ही मनुष्य येसु मसीह द्वारा सबों को मिला है।

प्रभु की वाणी।

जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, उसे जीवन की ज्योति प्राप्त होगी।" अल्लेलूया !

सुसमाचार

येसु अपने शिष्यों को पहले से बताते हैं कि उन पर अत्याचार किया जायेगा। उन्हें नहीं डरना चाहिए, क्योंकि पिता-परमेश्वर सब कुछ जानता है। वह अपने भक्तों की रक्षा करेगा।

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 10:26-33

"उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं।"

येसु ने अपने प्रेरितों से कहा, "लोगों से नहीं डरो। ऐसा कुछ भी गुप्त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जायेगा और ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जायेगा। मैं जो कुछ तुम से अँधेरे में कहता हूँ, उसे तुम उजाले में सुनाओ। जो तुम्हें फुसफुसाहटों में कहा जाता है, उसे तुम पुकार-पुकार कर कह दो। "उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं किन्तु आत्मा को नहीं मार डाल सकते हैं; बल्कि उस से डरो, जो शरीर और आत्मा, दोनों का नरक में सर्वनाश कर सकता है। "क्या एक पैसे में दो गौरैयाँ नहीं बिकतीं? फिर भी तुम्हारे पिता के अनजान में उन में से एक भी धरती पर नहीं गिरती। हाँ, तुम्हारे सिर का बाल-बाल गिना हुआ है। इसलिए नहीं डरो। तुम बहुत-सी गौरैयों से बढ़ कर हो। "जो मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने स्वीकार करूँगा और जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने अस्वीकार करूँगा।"

प्रभु का सुसमाचार।