वर्ष का बारहवाँ सप्ताह, इतवार - वर्ष C

पहला पाठ

नबी ज़कर्या येरुसालेम की विजय का वर्णन करते हुए कहते हैं कि येरुसालेम के निवासियों ने जिसे छेदा है, वे उसी की ओर देखेंगे। सन्त योहन के सुसमाचार में माना गया है कि यहाँ क्रूस पर आरोपित मसीह की चरचा है।

नबी ज़कर्या का ग्रंथ 12:10-11

"उन्होंने जिसे छेदा है, वे उसी की ओर देखेंगे।"

प्रभु यह कहता है, "मैं दाऊद के वंश और येरुसालेम के निवासियों को दया तथा प्रार्थना का भाव प्रदान करूँगा। उन्होंने जिसे छेदा है, वे उसी की ओर देखेंगे। जिस तरह कोई अपने इकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है, उसी तरह वे उसके लिए विलाप करेंगे। जिस तरह लोग अपने पहलौठे पुत्र के लिए रोते हैं, उसी तरह वे उसके लिए रोयेंगे। मगिद्दोन के मैदान में हदद-रिम्मोन के विलाप के समान उस दिन यूदा में महान् शोक मनाया जायेगा।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 62:2-6,8-9

अनुवाक्य : हे ईश्वर, तू ही मेरा ईश्वर है। मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती है।

1. हे ईश्वर ! तू ही मेरा ईश्वर है। मैं तुझे ढूँढ़ता रहता हूँ। मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती है, जल के लिए सूखी सन्तप्त भूमि की तरह मैं तेरे दर्शनों के लिए लालायित हूँ।

2. मैं तेरे पवित्र मंदिर में तेरा सामर्थ्य और तेरी महिमा देखना चाहता हूँ। तेरा प्रेम प्राणों से भी अधिक वांछनीय है। मेरा कंठ तेरी स्तुति करता रहेगा।

3. मैं जीवन भर तुझे धन्य कहूँगा और हाथ जोड़ कर तुझ से प्रार्थना करता रहूँगा। तू मेरी आत्मा को तृप्त कर देता हैं। मैं उल्लसित हो कर तेरी महिमा का बखान करता हूँ।

4. तू सदा ही मेरा सहारा रहा है। मैं तेरे पंखों की छाया में सुखी हूँ। मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती है। तेरा दाहिना हाथ मुझे सँभालता रहता है।

दूसरा पाठ

मनुष्य का इतिहास हमें बताता है कि भेदभाव के कारण दुनिया में कितना अन्याय किया गया है। सन्त पौलुस गलातियों को समझाते हैं कि जिन लोगों ने मसीह को धारण किया, उन में भेदभाव नहीं होना चाहिए।

गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:26-29

"जितनों ने मसीह का बपतिस्मा ग्रहण किया है उन्होंने मसीह को धारण किया।"

आप लोग सब के सब येसु मसीह में विश्वास करने के कारण ईश्वर की सन्तति हैं; क्योंकि जितने लोगों ने मसीह का बपतिस्मा ग्रहण किया, उन्होंने मसीह को धारण किया है। अब न तो कोई यहूदी है और न युनानी, न तो दास है और न स्वतन्त्र, न तो पुरुष है और न स्त्री आप सब येसु मसीह में एक हो गये हैं। यदि आप लोग मसीह के हैं, तो इब्राहीम की सन्तान हैं और प्रतिज्ञा के अनुसार उसके उत्तराधिकारी।

प्रभु की वाणी।

जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ; क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मसीह की विजय अनिवार्य थी, किन्तु वह अपने शत्रुओं को बलप्रयोग द्वारा नहीं हराना चाहते थे। अपने प्राण समर्पित कर और पुनर्जीवित हो कर अपने अनुयायियों को अनन्त जीवन प्रदान करना - यही उन्हें उचित लगा।

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 9:18-24

"आप ईश्वर के मसीह हैं। मानव पुत्र को बहुत दुःख उठाना होगा।"

किसी दिन येसु एकांत में प्रार्थना कर रहे थे और उनके शिष्य उनके साथ थे। येसु ने उन से पूछा, "मैं कौन हूँ, इसके विषय में लोग क्या कहते हैं?" उन्होंने उत्तर दिया, "योहन बपतिस्ता; कुछ लोग कहते हैं- एलियस और कुछ लोग कहते हैं – प्राचीन नबियों में से कोई पुनर्जीवित हो गया है"। येसु ने उन से कहा, "और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?” पेत्रुस ने उत्तर दिया, "ईश्वर के मसीह"। उन्होंने अपने शिष्यों को कड़ी चेतावनी दी कि वे यह बात किसी को भी नहीं बतायें। उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, "मानव पुत्र को बहुत दुःख उठाना होगा; नेताओं, महायाजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाना, मार डाला जाना और तीसरे दिन जी उठना होगा"। इसके बाद येसु ने सबों से कहा, "यदि कोई मेरा अनुसरण करना चाहे, तो वह आत्मत्याग करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो अपना जीवन सुरक्षित रखना चाहता है, वह उसे खो देगा और जो मेरे कारण अपना जीवन खो देता है, वह उसे सुरक्षित रखेगा"।

प्रभु का सुसमाचार।