प्रभु यह कहता है हे सियोन की पुत्री ! आनन्द मना ! हे येरुसालेम की पुत्री ! जयकार कर ! देख ! तेरे राजा तेरे पास आ रहे हैं। वह न्यायी और विजयी हैं। वह विनम्र हैं। वह गदहे पर, बछेड़े पर, गदही के बच्चे पर सवारं हैं। वह एफ्राईम से रथ दूर कर देंगे और येरुसालेम से युद्ध के घोड़ों को। योद्धा के धनुष का बहिष्कार कर दिया जायेगा। वह राष्ट्रों के लिए शांति घोषित करेंगे। उनका शासन समुद्र से समुद्र तक और नदी से पृथ्वी के सीमान्तों तक फैल जायेगा।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे मेरे ईश्वर ! मेरे राजा ! मैं सदा-सर्वदा तेरा नाम धन्य कहूँगा। (अथवा : अल्लेलूया !)
1. हे मेरे ईश्वर ! मेरे राजा ! मैं तेरी स्तुति करूँगा। मैं सदा-सर्वदा तेरा नाम धन्य कहूँगा। मैं दिन-प्रतिदिन तुझे धन्य कहूँगा, मैं सदा-सर्वदा तेरे नाम की स्तुति करूँगा।
2. प्रभु दया और अनुकम्पा से परिपूर्ण है, वह सहनशील और अत्यन्त प्रेममय है। प्रभु सबों का कल्याण करता है। वह अपनी सारी सृष्टि पर दया करता है।
3. हे प्रभु तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करे; तेरे भक्त तुझे धन्य कहें। वे तेरे राज्य की महिमा गायें। और तेरे सामर्थ्य का बखान करें।
4. प्रभु अपनी सब प्रतिज्ञाएँ पूरी करता है। उसके समस्त कार्य उसके प्रेम से पूर्ण हैं। प्रभु निर्बल को सँभालता और फुके हुए को सीधा करता है।
यदि ईश्वर का आत्मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शरीर की वासनाओं से नहीं, बल्कि आत्मा से संचालित हैं। जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं। जिसने येसु को मृतकों में से जिलाया, यदि उसका आत्मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने येसु मसीह को मृतकों में से जिलाया है, वह अपने आत्मा द्वारा, जो आप में निवास करता है, आपके नश्वर शरीरों को भी जीवन प्रदान करेगा। इसलिए, भाइयो ! शरीर की वासनाओं का हम पर कोई अधिकार नहीं। हम उनके अधीन रह कर जीवन न बितायें। यदि आप शरीर की वासनाओं के अधीन रह कर जीवन बितायेंगे, तो अवश्य मर जायेंगे। लेकिन यदि आप आत्मा की प्रेरणा से शरीर की वासनाओं का दमन करेंगे, तो आप को जीवन प्राप्त होगा।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !
येसु ने कहा, "हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने इन सब बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा कर निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। हाँ, पिता ! यही तुझे अच्छा लगा। मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है। पिता को छोड़ कर कोई भी पुत्र को नहीं जानता, इसी तरह पिता को कोई नहीं जानता, केवल पुत्र जानता है। और वही, जिसके लिए पुत्र उसे प्रकट करने की कृपा करे। "थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो ! तुम सब के सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो। और मुझ से सीखो। मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ। इस तरह तुम अपनी आत्मा के लिए शांति पाओगे, क्योंकि मेरा जूआ सहज है और मेरा बोझ हलका"।
प्रभु का सुसमाचार।