बेतेल के याजक अमस्या ने आमोस से कहा, "ऐ नबी ! यहाँ से चले जाओ। यूदा के देश भाग जाओ। वहाँ भविष्यवाणी करते हुए अपनी जीविका चलाओ। बेतेल में भविष्यवाणी करना बन्द कर दो। क्योंकि यह तो राजकीय पुण्य-स्थान है, यह राजमंदिर है"। आमोस ने अमस्या को यह उत्तर दिया, "मैं न तो नबी था और न नबी की सन्तान। मैं चरवाहा था और गूलर के पेड़ छाँटने वाला। मैं झुण्ड चरा ही रहा था कि प्रभु ने मुझे बुलाया और मुझ से यह कहा, 'जाओ ! मेरी प्रजा इस्राएल के लिए भविष्यवाणी करो' !"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! हम पर दया प्रदर्शित कर और हमें मुक्ति प्रदान कर।
1. प्रभु-ईश्वर जो कुछ कहता है, मैं उसे ध्यान से सुनूँगा। वह अपनी प्रजा को शांति का संदेश सुनाता है। जो उस पर श्रद्धा रखते हैं, उनके लिए मुक्ति निकट है।
2. उसकी महिमा हमारे देश में निवास करेगी। दया और सच्चाई, न्याय और शांति- ये एक दूसरे से मिल जायेंगे। सच्चाई पृथ्वी पर पनपने लगेगी और न्याय स्वर्ग से हम पर दयादृष्टि करेगा।
3. प्रभु हमें सुख-शांति प्रदान करेगा और पृथ्वी फल उत्पन्न करेगी। न्याय उसके आगे-आगे चलेगा। और शांति उसके पीछे-पीछे आती रहेगी।
धन्य है हमारे प्रभु येसु मसीह का ईश्वर और पिता ! उसने मसीह द्वारा हम लोगों को स्वर्ग के हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान प्रदान किये हैं। उसने संसार की सृष्टि से पहले मसीह में हम को चुन लिया था, जिससे हम मसीह से संयुक्त हो कर उसकी दृष्टि में पवित्र तथा निष्कलंक बन जायें। उसने प्रेम से प्रेरित होकर पहले से निर्धारित किया था कि हम येसु मसीह द्वारा उसके दत्तक पुत्र बन जायेंगे। इस प्रकार उसने अपनी मंगलमय इच्छा के अनुसार अपने अनुग्रह की महिमा प्रकट की है। वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिल गया है, जो अपने रक्त द्वारा हमें मुक्ति अर्थात् अपराधों की क्षमा दिलाते हैं। यह ईश्वर की अपार कृपा का परिणाम है, जिसके द्वारा वह हमें प्रज्ञा तथा बुद्धि प्रदान करता रहता है। उसने अपनी मंगलमय इच्छा के अनुसार निश्चय किया था कि समय पूरा हो जाने पर वह स्वर्ग तथा पृथ्वी में जो कुछ है, वह सब मसीह के अधीन कर एकता में बाँध देगा। उसने अपने संकल्प का यह रहस्य हम पर प्रकट किया है।
[ईश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। उसके अनुसार उसने निर्धारित किया था कि हम (यहूदी) मसीह द्वारा बुलाये जायें और हम. लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था। आप लोगों ने भी सत्य का वचन, अपनी मुक्ति का सुसमाचार सुन लेने के बाद मसीह में विश्वास किया है और आप पर उस पवित्र आत्मा की मुहर लग गयी है, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी। वह हमारी विरासत का आश्वासन है और ईश्वर की प्रजा की मुक्ति की तैयारी, जिससे उसकी महिमा की स्तुति हो।]
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मैंने तुम्हें मित्र कहा है क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना है, वह सब तुम्हें बता दिया है"। अल्लेलूया !
येसु बारहों को अपने पास बुला कर और उन्हें अपदूतों पर अधिकार दे कर, दो-दो करके, भेजने लगे। येसु ने आदेश दिया कि वे लाठी के सिवा रास्ते के लिए कुछ भी नहीं ले जायें- न रोटी, न झोली, न फेंटे में पैसा। वे पैरों में चप्पल बाँधे और दो कुरते नहीं पहनें। उन्होंने उन से कहा, "जिस घर में ठहरने जाओ, नगर से विदा होने तक वहीं रहो। यदि किसी स्थान पर लोग तुम्हारा स्वागत न करें और तुम्हारी बातें न सुनें, तो वहाँ से निकल कर उन्हें चेतावनी देने के लिए अपने पैरों की धूल झाड़ डालो"। वे चले गये। उन्होंने लोगों को पश्चात्ताप का उपदेश दिया, बहुत-से अपदूतों को निकाला और बहुत-से रोगियों पर तेल लगा कर उन्हें चंगा किया।
प्रभु का सुसमाचार।