तुझे छोड़ कर और कोई ईश्वर नहीं। तू ही समस्त सृष्टि की रक्षा करता है। यह आवश्यक नहीं कि तू किसी को इसका प्रमाण दे कि तेरे निर्णय सही हैं। तेरा न्याय तेरे सामर्थ्य पर आधारित है। तू सब का स्वामी है और इसलिए सब पर दया करता है। तू तभी अपना सामर्थ्य प्रकट करता है, जब तेरी सर्वशक्तिमत्ता पर संदेह किया जाता है। तू उसी को दण्ड देता है, जो तेरी प्रभुता जान कर तुझे चुनौती देता है। तू शक्तिशाली होते हुए भी उदारतापूर्वक न्याय करता और बड़ी कृपालुता से हम पर शासन करता है; क्योंकि तू इच्छानुसार अपना सामर्थ्य दिखा सकता है। इस प्रकार तूने अपनी प्रजा को यह शिक्षा दी है कि धर्मी को अपने भाइयों के प्रति सहृदय होना चाहिए। और तूने अपने पुत्रों को यह भरोसा दिलाया कि पाप के बाद तू उन्हें पश्चात्ताप का अवसर देगा।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू भला और दयालु है।
1. हे प्रभु ! तू भला और दयालु है। और अपने पुकारने वालों के लिए प्रेममय। हे प्रभु ! मेरी प्रार्थना सुनने और मेरी दुहाई पर ध्यान देने की कृपा कर।
2. हे प्रभु ! सभी राष्ट्र आ कर तेरी आराधना करेंगे और तेरे नाम की महिमा करेंगे। क्योंकि तू महान् है ! तेरे कार्य अपूर्व हैं !
3. तू ही ईश्वर है ! हे प्रभु ! तू दया तथा अनुकम्पा से परिपूर्ण है, तू सहनशील, प्रेममय तथा सत्यप्रतिज्ञ है। तू मेरी सुधि ले और मुझ पर दया कर।
आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करता है। हम तो यह नहीं जानते कि हमें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए, किन्तु हमारी अस्पष्ट आहों द्वारा आत्मा स्वयं हमारे लिए विनती करता है। ईश्वर हमारे हृदय का रहस्य जानता है। वह समझता है कि आत्मा क्या कहता है, क्योंकि आत्मा ईश्वर के इच्छानुसार सन्तों के लिए विनती करता है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया ! हे प्रभु ! हमें सद्बुद्धि प्रदान कर, जिस से हम तेरे पुत्र की शिक्षा ग्रहण करें। अल्लेलूया !
येसु ने उनके सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया; "स्वर्ग का राज्य उस मनुष्य के सदृश है, जिसने अपने खेत में अच्छा बीज बोया था। परन्तु जंब लोग सो रहे थे, तो उनका बैरी आया और गेहूँ में जंगली बीज बो कर चला गया। जब अंकुर फूटा और बालें लगीं तब जंगली बीज भी दिखाई पड़ा। इस पर नौकरों ने आ कर स्वामी से कहा, 'मालिक, क्या आपने अपने खेत में अच्छा बीज नहीं बोया था? उस में जंगली बीज कहाँ से आ पड़ा?' स्वामी ने उन से कहा, 'यह किसी बैरी का काम है'। तब नौकरों ने उस से पूछा, "क्या आप चाहते हैं कि हम जा कर जंगली बीज बटोर लें?' स्वामी ने उत्तर दिया, 'नहीं, कहीं ऐसा न हो कि जंगली बीज बटारेते समय तुम गेहूँ भी उखाड़ डालो। कटनी तक दोनों को साथ-साथ बढ़ने दो; कटनी के समय मैं लुनने वालों से कहूँगा पहले जंगली बीज बटोर लो और जलाने के लिए उनके गड्ढे बाँधो; तब गेहूँ को मेरे बखार में जमा करो'।"
[ येसु ने, उनके सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत कियाः "स्वर्ग का राज्य राई के दाने के सदृश है, जिसे एक मनुष्य ने लिया और अपने खेत में बो दिया। यह जो सब बीजों से छोटा है, परन्तु बढ़ कर सब पौधों से बड़ा हो जाता है और ऐसा पेड़ बनता है कि आकाश के पंछी आ कर उसकी डालियों में बसेरा करते हैं"। येसु ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया : "स्वर्ग का राज्य उस खमीर के सदृश है, जिसे एक स्त्री ने ले कर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और सारा आटा खमीरा हो गया"। येसु दृष्टान्तों में ही ये सब बातें लोगों को समझाते थे। बिना दृष्टान्त के वह उन से कुछ नहीं कहते थे, जिससे नबी का यह कथन पूरा हो जाये मैं दृष्टान्त बोलूंगा; पृथ्वी के आरम्भ से जो गुप्त रहा, उसे मैं प्रकट करूँगा। येसु भीड़ को विदा कर घर लौटे; उनके शिष्यों ने उनके पास आ कर कहा, "खेत में जंगली बीज का दृष्टान्त हमें समझा दीजिए"। येसु ने उत्तर दिया, "अच्छा बीज बोने वाला मानव पुत्र है; खेत संसार है; अच्छा बीज राज्य की प्रजा है; जंगली बीज दुष्ट आत्मा की प्रजा है; बोने वला बैरी शैतान है है; कटनी संसार का अंत है; लुनने वाले स्वर्गदूत हैं। जिस तरह लोग जंगली बीज बटोर कर आग में जला देते हैं, वैसा ही संसार के अंत में होगा। मानव पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उनके राज्य से सब बाधाओं और कुकर्मियों को बटोर कर आग के कुण्ड में झोंक देंगे। वहाँ वे रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे। तब धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य की तरह चमकेंगे। जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।]
प्रभु का सुसमाचार।