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वर्ष का इक्कीसवाँ सप्ताह, इतवार - वर्ष A

📕पहला पाठ

बेईमान शेबना को अपने पद से हटाया जाता है और उसके स्थान पर एलियाकीम को नियुक्त किया जाता है। एलियाकीम ईमानदारी से येरुसालेम के निवासियों की सेवा करेगा। उस में येसु का प्रतीक देखा जा सकता है, जो ईश्वर की प्रजा के लिए आध्यात्मिक वरदानों का स्रोत बनेंगे।

नबी इसायस का ग्रंथ 22:19-23

"मैं दाऊद के घराने की कुंजी उसके कंधों पर रख दूँगा।"

विश्वमण्डल का प्रभु महल प्रबंधक शेबना से यह कहता है मैं तुमको तुम्हारे पद से निकालूँगा, मैं तुमको तुम्हारे स्थान से हटा दूँगा। मैं उसी दिन हिजकियाह के पुत्र एलियाकीम को बुलाऊँगा। मैं उसे तुम्हारा परिधान और तुम्हारा कमरबन्द पहनाऊँगा। मैं उसे तुम्हारा अधिकार प्रदान करूँगा। वह येरुसालेम के निवासियों का तथा यूदा के घराने का पिता हो जायेगा। मैं दाऊद के घराने की कुंजी उसके कंधो पर रख दूँगा। यदि वह खोलेगा, तो कोई बन्द नहीं कर सकेगा। यदि वह बन्द करेगा, तो कोई नहीं खोल सकेगा। मैं उसे खूँटे की तरह एक ठोस जगह पर गाड़ दूँगा। वह अपने पिता के घर में एक महिमामय सिंहासन बन जायेगा।

📖भजन : स्तोत्र 137:1-3,6-8

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तेरा प्रेम चिरस्थायी है। अपनी सृष्टि को सँभालने की कृपा कर।

1. हे प्रभु ! मैं सारे हृदय से तुझे धन्यवाद देता हूँ; क्योंकि तूने मेरी सुनी है। मैं स्वर्गदूतों के सामने तेरा गुणगान करूँगा और तेरे पवित्र मंदिर को दण्डवत् करूँगा।

2. तेरे अपूर्व प्रेम और सत्यप्रतिज्ञता के कारण मैं तुझे धन्यवाद देता रहूँगा। जिस दिन मैंने तुझे पुकारा, उसी दिन तूने मेरी सुनी और मुझे आत्मबल प्रदान किया।

3. प्रभु महान् है। वह दीनों पर दयादृष्टि करता और घमंडियों से मुँह फेर लेता है। हे प्रभु ! तेरा प्रेम चिरस्थायी है। अपनी सृष्टि को सुरक्षित रखने की कृपा कर।

📘दूसरा पाठ

सन्त पौलुस ईश्वर के रहस्यमय मार्गों की चरचा करते हुए इस पर बल देते हैं कि हम इस संसार में रहते समय ईश्वर को नहीं समझ सकते हैं। हम कृपादानों के लिए उसे धन्यवाद ही दे सकते हैं।

रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 11:33-36

"ईश्वर सब कुछ का मूल कारण, प्रेरणा-स्रोत तथा लक्ष्य है।"

कितना अगाध है ईश्वर का वैभव, प्रज्ञा और ज्ञान ! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय ! कितने रहस्यमय हैं उसके मार्ग ! कौन प्रभु का मन जान सकता है? कौन उसका परामर्शदाता हुआ? किसने ईश्वर को कभी कुछ दिया है और इस प्रकार वह बदले में कुछ पाने को दावा कर सकता है? ईश्वर सब कुछ का मूल कारण, प्रेरणा-स्रोत तथा लक्ष्य है उसी को अनन्तकाल तक महिमा ! आमेन !

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

सन्त पेत्रुस येसु के विषय में अपना यह दृढ़ विश्वास प्रकट करते हैं कि वह जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं। और येसु पेत्रुस को अपनी कलीसिया का परमाधिकारी नियुक्त करने की प्रतिज्ञा करते हैं। यह परमाधिकार पेत्रुस के उत्तराधिकारियों को भी प्राप्त है, ऐसा हमारा विश्वास है।

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 16:13-20

"तुम पेत्रुस हो। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा।"

येसु ने कैसेरिया फ़िलिपी प्रदेश पहुँच कर अपने शिष्यों से पूछा, "मानव पुत्र कौन है, इसके विषय में लोग क्या कहते हैं?" उन्होंने उत्तर दिया, "कुछ लोग कहते हैं- योहन बपतिस्ता; कुछ कहते हैं- एलियस; और कुछ लोग कहते हैं – येरेमियस, अथवा नबियों में से कोई।" इस पर येसु ने कहा, "और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?" सिमोन पेत्रुस ने उत्तर दिया, "आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं।" इस पर येसु ने उस से कहा, "सिमोन, योनस के पुत्र ! तुम धन्य हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है। मैं तुम से कहता हूँ कि तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलोक के फाटक उसके सामने टिक नहीं सकेंगे। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा। तुम पृथ्वी पर जिसका निषेध करोगे, स्वर्ग में भी उसका निषेध रहेगा और पृथ्वी पर जिसकी अनुमति दोगे, स्वर्ग में भी उसकी अनुमति रहेगी।" इसके बाद येसु ने अपने शिष्यों को कड़ी चेतावनी दी कि तुम लोग किसी को भी यह न बताओ कि मैं मसीह हूँ।

प्रभु का सुसमाचार।