वर्ष का तीसवाँ सप्ताह, इतवार - वर्ष B

📕पहला पाठ

इस्राएल ईश्वर की अपनी प्रजा थी और ईश्वर उसे पिता की तरह प्यार करता था। यहूदी अपने पापों के कारण अपने देश से बहुत दूर निर्वासित किये गये थे। ईश्वर उन्हें येरेमियस द्वारा आश्वासन देता है कि वह उन्हें उनके अपने देश वापस ले जायेगा।

नबी येरेमियस का ग्रंथ 31:7-9

“मैं दया करके अंधे और लँगड़े को वापस ले आऊँगा।"

प्रभु यह कहता है – याकूब के लिए आनन्द के गीत गाओ। जो राष्ट्रों में श्रेष्ठ है, उसका जयकार करो। स्तुतिगान सुना दो, और पुकार कर कहो, "प्रभु ने अपनी प्रजा का, इस्राएल के बचे हुए लोगों का उद्धार किया है"। देखो, मैं उन्हें उत्तरी देश से वापस ले आऊँगा, पृथ्वी के सीमान्तों से उन्हें एकत्र कर लूँगा। उन में अंधे, लँगड़े, गर्भवती और प्रसूता स्त्रियाँ हैं, वे बड़ी संख्या में लौट रहे हैं। वे रोते हुए चले गये थे, मैं उन्हें सांत्वना दे कर वापस ले आऊँगा। मैं उन्हें जल-धाराओं के पास ले चलूँगा, मैं समतल मार्ग से उन्हें ले चलूँगा, जिससे उन्हें ठोकर न लगे, क्योंकि मैं इस्राएल के लिए पिता जैसा हूँ और एफ़्राइम मेरा पहलौठा है।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 125

अनुवाक्य : प्रभु ने हमारे लिए अपूर्व कार्य किये हैं। हम अत्यन्त आनन्दित हो उठे।

1. प्रभु जब सियोन के निर्वासितों को वापस ले आया, तो हमें लगा कि हम स्वप्न देख रहे हैं। हमारे मुख पर हँसी खिल उठी और हम आनन्द के गीत गाने लगे।

2. गैर-यहूदी आपस में यह कहते थे, 'प्रभु ने उनके लिए अपूर्व कार्य किये हैं'। उसने वास्तव में हमारे लिए अपूर्व कार्य किये हैं और हम अत्यन्त आनन्दित हो उठे।

3.. हे प्रभु! मरुभूमि की नदियों की तरह हमारे निर्वासितों को वापस ले आ। जो रोते हुए बीज बोते हैं, वे गाते हुए लुनते हैं।

4. जो बीज ले कर चले गये थे, जो रोते हुए चले गये थे, वे पूले लिये लौट रहे हैं, वे गाते हुए लौट रहे हैं।

📘दूसरा पाठ

येसु मसीह समस्त मानव जाति के महायाजक हैं। वह कुछ लोगों को चुनते हैं, जो उनके याजकत्व के सहभागी हो कर, अज्ञानियों को शिक्षा देते, ईश्वर से पापियों का मेल कराते और कलीसिया के नाम पर बलिदान चढ़ाते हैं।

इब्रानियों के नाम पत्र 5:1-6

"तुम मेलकीसेदेक की तरह सदा ही पुरोहित बने रहोगे।"

प्रत्येक महायाजक मनुष्यों में से चुना जाता है और ईश्वर संबंधी बातों में मनुष्यों का प्रतिनिधि नियुक्त किया जाता है, जिससे वह भेंट और पापों के प्रायश्चित्त की बलि चढ़ाये। वह अज्ञानियों और भूले-भटके हुए लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार कर सकता है, चूँकि वह स्वयं भी दुर्बलताओं से घिरा हुआ है। यही कारण है कि उसे न केवल जनता के लिए बल्कि अपने लिए भी पापों के प्रायश्चित्त की बलि चढ़ानी पड़ती है। कोई भी अपने आप यह गौरवपूर्ण पद नहीं अपना लेता है। प्रत्येक महायाजक हारून की भाँति ईश्वर के द्वारा बुलाया जाता है। इसलिए मसीह ने अपने को महायाजक का गौरव नहीं प्रदान किया। ईश्वर ने उन से कहा तुम मेरे पुत्र हो, आज मैंने तुम्हें उत्पन्न किया है। अन्यत्र भी वह कहता है- तुम मेलकीसेदेक की तरह सदा ही पुरोहित बने रहोगे।

प्रभु की वाणी।

📒जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, उसे जीवन की ज्योति प्राप्त होगी"। अल्लेलूया!

📒जयघोष

सुसमाचार अंधा बरतिमेउस येसु का मसीह के रूप में अभिवादन करता है फलस्वरूप उसकी आँखें अच्छी हो जाती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अंधा होते हुए भी मनुष्य, यदि येसु की शरण लेता है, तो उसकी आँखें खुल जाती हैं।

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 10:46-52

"गुरुवर! मैं फिर देख सकूँ।"
जब येसु अपने शिष्यों तथा एक विशाल जनसमूह के साथ येरिको से निकल रहे थे, तो तिमेउस का बेटा बरतिमेउस, एक अंधा भिखारी, सड़क के किनारे बैठा हुआ था। जब उसे पता चला कि यह येसु नाज़री हैं, तो वह पुकार-पुकार कर कहने लगा, “हे येसु, दाऊद के पुत्र! मुझ पर दया कीजिए"। बहुत से लोग उसे चुप करने के लिए डाँट रहे थे; किन्तु वह और भी जोर से पुकारता रहा, "दाऊद के पुत्र! मुझ पर दया कीजिए।" येसु ने रुक कर कहा, "उसे बुलाओ"। लोगों ने यह कह कर अंधे को बुलाया, "ढाढ़स रखो। उठो! वह तुम्हें बुला रहे हैं "। वह अपनी चादर फेंक कर उछल पड़ा और येसु के पास आया। येसु ने उस से पूछा, "क्या चाहते हो? मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ? " अंधे ने उत्तर दिया, "गुरुवर! मैं फिर देख सकूँ। " येसु ने उस से कहा, “जाओ; तुम्हारे विश्वास ने तुम्हारा उद्धार किया है।" वह उसी क्षण देखने लगा और मार्ग में येसु के पीछे हो लिया।

प्रभु का सुसमाचार।