उस समय स्वर्गदूतों का प्रधान और तेरी प्रजा की रक्षा करने वाला मिखाएल उठ खड़ा होगा। उस समय ऐसा घोर संकट होगा जैसा कि राष्ट्रों की उत्पत्ति से अब तक कभी नहीं हुआ है। किन्तु उस समय तेरी प्रजा बच जायेगी - वे सब, जिनका नाम पुस्तक में लिखा रहेगा। जो लोग पृथ्वी की मिट्टी में सोए हुए थे, वे बड़ी संख्या में जाग जायेंगे, कुछ अनन्त जीवन के लिए और कुछ अनन्त काल तक तिरस्कृत और कलंकित होने के लिए। धर्मी आकाश की ज्योति की तरह प्रकाशमान होंगे और जिन्होंने बहुतों को धार्मिकता की शिक्षा दी है, वे अनन्त काल तक तारों की तरह चमकते रहेंगे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! तुझ पर ही भरोसा है तू मेरी रक्षा कर।
1. हे प्रभु! तू मेरा सर्वस्व और मेरा भाग्य है। तेरे ही हाथों में मेरा जीवन है। प्रभु सदा मेरी आँखों के सामने रहता है वह मेरे दाहिने विद्यमान है, इसलिए मैं दृढ़ बना रहता हूँ।
2. मेरा हृदय आनन्दित है, मेरी आत्मा प्रफुल्लित है और मेरा शरीर भी सुरक्षित रहेगा। क्योंकि तू मेरी आत्मा को अधोलोक में नहीं छोड़ेगा! तू अपने भक्त को कब्र में गलने नहीं देगा।
3. तू मुझे जीवन का मार्ग दिखायेगा। तेरे पास रह कर परिपूर्ण आनन्द प्राप्त होता है, तेरे दाहिने सदा के लिए सुख-शांति है।
प्रत्येक दूसरा पुरोहित खड़ा हो कर प्रतिदिन धर्म-अनुष्ठान करता है और बार-बार एक ही प्रकार के बलिदान चढ़ाया करता है, जो पाप हरने में असमर्थ होते हैं। किन्तु वह, पापों के लिए एक ही बलिदान चढ़ाने के बाद, सदा के लिए ईश्वर के दाहिने विराजमान हो गये हैं, जहाँ वह उस समय की राह देखते हैं, जब उनके शत्रुओं को उनका पाँवदान बना दिया जायेगा। क्योंकि वह जिन लोगों को पवित्र करते हैं, उन्होंने उनको एक ही बलिदान द्वारा सदा के लिए पूर्णता तक पहुँचा दिया है। जब पाप क्षमा कर दिये गये हैं, तो फिर पाप के लिए बलिदान नहीं रहा।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! जागते रहो और सब समय प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम भरोसे के साथ मानव पुत्र के सामने खड़ा होने के योग्य बन जाओ। अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "उन दिनों के संकट के बाद सूर्य अंधकारमय हो जायेगा, चंद्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिर जायेंगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जायेंगी। तब लोग मानव पुत्र को अपार सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों पर आते हुए देखेंगे। वह अपने दूतों को भेजेगा और वे चारों दिशाओं से, आकाश के कोने-कोने से, उसके चुने हुओं को एकत्र करेंगे। अंजीर के पेड़ से शिक्षा ग्रहण करो। जब उसकी टहनियाँ कोमल बन जाती हैं और उस में अंकुर फूटने लगते हैं, तो तुम जान जाते हो कि गरमी आ रही है। इसी तरह, जब तुम लोग यह सब देखोगे, तो जान लो कि वह निकट है, द्वार पर ही है। मैं तुम से कहे देता हूँ कि इस पीढ़ी का अन्त हो जाने के पूर्व ही ये सब बातें घटित हो जायेंगी आकाश और पृथ्वी टल जायें तो टल जायें, परन्तु मेरे शब्द नहीं टल सकते।” उस दिन और उस घड़ी के विषय में, कोई भी नहीं जानता- न तो स्वर्ग के दूतगण और न पुत्र। केवल पिता ही जानता है।"
प्रभु का सुसमाचार।