वर्ष का नौवाँ सप्ताह, शुक्रवार - वर्ष 1

पहला पाठ

टोबीत का ग्रन्थ 11:5-17

"तूने मुझे दण्ड दिया और तूने मुझे स्वस्थ भी किया। और अब मैं फिर अपने पुत्र टोबिअस को देख सकता हूँ।"

अन्ना प्रतिदिन पहाड़ी की चोटी पर रास्ते के किनारे बैठती थी, जहाँ से वह दूर-दूर तक देख सकती थी। वह किसी दिन इस प्रकार अपने पुत्र के आने की प्रतीक्षा में बैठी हुई थी कि उसने उसे दूर से आते देखा। उसने उसे तुरन्त पहचान लिया और दौड़ती हुई अपने पति से पुकार कर कहा, "सुनो ! तुम्हारा पुत्र आ रहा है।" उधर राफाएल ने टोबिअस से कहा, "अपने घर पहुँच कर सब से पहले अपने प्रभु-ईश्वर की आराधना कीजिए और उसे धन्यवाद दीजिए। इसके बाद पिता के पास जा कर उसका चुम्बन कीजिए। उनकी आँखों पर मछली के उस पित्त का लेप दीजिए, जो आपके पास है। मैं आप को विश्वास दिलाता हूँ कि उनकी आँखें तुरन्त खुल जायेंगी, जिससे आपके पिता जी सूर्य का प्रकाश देख सकेंगे और आपके दर्शनों से आनन्दित हो उठेंगे।" जो कुत्ता उनके साथ गया था, वह दौड़ता हुआ उन से आगे बढ़ा और खुशी के मारे दुम हिलाता हुआ उनके आगमन की खबर देने आया। तब अन्धा पिता उठ खड़ा हो गया और लड़खड़ाता हुआ दौड़ने लगा। वह नौकर का हाथ पकड़ कर दौड़ता हुआ अपने पुत्र की अगवानी करने निकला। उसने उसे गले लगा लिया और उसका चुम्बन किया। उसकी पत्नी ने भी यही किया और दोनों आनन्द के अतिरेक से रोने लगे। ईश्वर की आराधना तथा धन्यवाद करने के बाद वे बैठ गये। तब टोबिअस ने मछली का कुछ पित्त ले कर अपने पिता की आँखों पर लगा दिया। आधा घण्टा प्रतीक्षा करने के बाद अण्डे की झिल्ली की तरह एक सफेद पदार्थ उसकी आँखों से निकलने लगा। टोबिअस ने उसे पकड़ कर अपने पिता की आँखों से अलग कर दिया और उसी समय उसकी आँखों में फिर ज्योति आ गयी। इसके बाद उसने अपनी पत्नी और अपने सभी परिचितों के साथ ईश्वर का धन्यवाद किया। टोबीत ने कहा, "हे प्रभु ! इस्स्राएल के ईश्वर ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ। तूने मुझे दण्ड दिया और तूने मुझे स्वस्थ भी किया। और अब मैं फिर अपने पुत्र टोबिअस को देख सकता हूँ।"

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 145:2,7-10

अनुवाक्य : मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करे। (अथवा : अल्लेलूया !)

1. मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करे। मैं जीवन भर प्रभु की स्तुति करूँगा, अपने ईश्वर के आदर में सदा ही गीत गाता रहूँगा।

2. प्रभु सदा ही सत्यप्रतिज्ञ है। वह पददलितों को न्याय दिलाता है, वह भूखों को तृप्त करता और बन्दियों को मुक्त कर देता है।

3. प्रभु अन्धों की आँखों को अच्छा करता और फुके हुए को सीधा करता है, वह परदेशी की रक्षा करता और अनाथ तथा विधवा को सँभालता है।

4. प्रभु धर्मियों को प्यार करता और विधर्मियों के मार्ग में बाधा डालता है। प्रभु, सियोन का ईश्वर, युगानुयुग राज्य करता रहेगा।

जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "यदि कोई मुझे प्यार करेगा, तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा। मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके पास आ कर उस में निवास करेंगे।" अल्लेलूया !

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:35-37

"शास्त्री कैसे कह सकते हैं कि मसीह दाऊद के पुत्र हैं?"

येसु ने, मंदिर में शिक्षा देते समय, यह प्रश्न उठाया, "शास्त्री कैसे कह सकते हैं कि मसीह दाऊद के पुत्र हैं? दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा की प्रेरणा से कहा – प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा है, तुम तब तक मेरे दाहिने बैठे रहो, जब तक मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे पैरों तले न डाल दूँ। दाऊद स्वयं उन्हें प्रभु कहता है, तो वह उसके पुत्र कैसे हो सकते हैं?" एक विशाल जन-समूह बड़ी रुचि से येसु की बातें सुन रहा था।

प्रभु का सुसमाचार।