वर्ष का नौवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 1

पहला पाठ

टोबीत का ग्रन्थ 12:1,5-15,20

"मैं उसके पास लौटता हूँ, जिसने मुझे भेजा है। आप ईश्वर का धन्यवाद कीजिए।"

टोबीत ने अपने पुत्र को बुला कर उस से कहा, "जो प्रभु-भक्त तुम्हारे साथ आया है, हम उसे क्या दे सकते हैं?" पिता और पुत्र, दोनों ने उसे एकांत में ले जा कर उस से निवेदन किया कि जो कुछ वह और तोबिअस ले आये, वह उसका आधा भाग स्वीकार करे। उसने एकांत में उन से यह कहा, "स्वर्ग में विराजमान ईश्वर का धन्यवाद कीजिए। उसने आप लोगों पर अपनी दया प्रदर्शित की, इसलिए सब प्राणियों के सामने उसकी स्तुति कीजिए। निश्चय ही राजा का रहस्य गुप्त रखना चाहिए, किन्तु ईश्वर के कार्यों को घोषित करना और योग्य रीति से उसकी स्तुति करना उचित है। प्रार्थना तथा उपवास उत्तम हैं और भिक्षादान स्वर्ण-संचयन से अच्छा है। भिक्षादान मृत्यु से बचाता और हर प्रकार का पाप हरता है; उसके द्वारा ईश्वर की दया और अनन्त जीवन प्राप्त होता है। जो लोग पाप और अन्याय किया करते हैं, वे अपने को हानि पहुँचाते हैं। मैं आपके लिए सत्य प्रकट करूँगा और जो अब तक गुप्त रहा, उसे आप से नहीं छिपाऊँगा। जब आप आँसू बहाते हुए प्रार्थना करते थे और अपना भोजन छोड़ कर मुरदों को दफनाते थे, जब आप दिन के समय मुरदों को अपने घर में छिपाते थे और उन्हें रात के समय दफनाते थे, तो मैं आपकी प्रार्थना ईश्वर के सामने प्रस्तुत करता था।" "आप ईश्वर को प्रिय थे, इसलिए यह आवश्यक था कि दुःख के द्वारा आपकी परीक्षा ली जाये। अब ईश्वर ने मुझे भेजा है जिससे मैं आप को स्वस्थ कर दूँ और आपकी बहू सारा को पिशाच से मुक्ति दिलाऊँ। मैं स्वर्गदूत राफाएल हूँ। मैं उन सात स्वर्गदूतों में से एक हूँ, जो प्रभु के सामने उपस्थित रहते हैं। अब वह समय आ गया है जब मुझे उसके पास लौटना है, जिसने मुझे भेजा है। आप ईश्वर का धन्यवाद कीजिए और उसके समस्त महान् कार्यों का बखान कीजिए।"

प्रभु की वाणी।

भजन : टोबीत 13:2,6-8

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू अनादि अनन्त महान् ईश्वर है।

1. तू दण्ड भी देता और दया भी करता है। तू अधोलोक में भी डालता और उस में से निकालता भी है। कोई भी तेरे हाथ से बच नहीं सकता।

2. इस पर विचार करो कि उसने हमारे साथ क्या-क्या किया है और श्रद्धापूर्वक उसकी स्तुति करो। अपने कार्यों द्वारा युगों के राजा की महिमा करो।

3. मैं निर्वासित होते हुए भी उसका स्तुतिगान करूँगा, क्योंकि उसने इस पापी राष्ट्र के सामने अपनी महिमा प्रकट की है।

4. हे पापियो ! उसके पास लौट जाओ और उसके सामने सदाचरण करो। उस पर यह भरोसा रखो कि वह तरस खा कर तुम पर दयादृष्टि करेगा।

जयघोष

अल्लेलूया ! धन्य हैं वे, जो अपने को दीन-हीन समझते हैं- स्वर्गराज्य उन्हीं का है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:38-44

"इस विधवा ने सब से अधिक डाला।"

येसु ने शिक्षा देते समय कहा, "शास्त्रियों से सावधान रहो। लम्बे लबादे पहन कर टहलने जाना, बाजारों में प्रणाम-प्रणाम सुनना, सभागृहों में प्रथम आसनों पर और भोजों में प्रथम स्थानों पर विराजमान होना यह सब उन्हें बहुत पसंद है। वे विधवाओं की संपत्ति चट कर जाते हैं और दिखावे के लिए लम्बी-लम्बी प्रार्थनाएँ करते हैं। उन लोगों को बड़ी कठोर दण्डाज्ञा मिलेगी।" येसु खजाने के सामने बैठ कर लोगों को उस में सिक्के डालते हुए देख रहे थे। बहुत-से धनी बहुत दे रहे थे। एक कंगाल विधवा आयी और उसने दो अधेले अर्थात् एक पैसा डाल दिया। इस पर येसु ने अपने शिष्यों को बुला कर कहा, "मैं तुम से कहता हूँ - खजाने में पैसे डालने वालों में से इस विधवा ने सब से अधिक डाला है। क्योंकि सब ने अपनी समृद्धि में से कुछ डाला, परन्तु इसने तंगी में रहते हुए भी जीविका के लिए अपने पास जो कुछ था, वह सब दे डाला।"

प्रभु का सुसमाचार।