वर्ष का दसवाँ सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 1

पहला पाठ

कुरिंथियों के नाम सन्त पौलुस का दूसरा पत्र 3:15-4:1,3-6

"ईश्वर ने हमारे हृदयों को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम उसकी महिमा जान जायें।"

जब मूसा का ग्रन्थ पढ़ कर सुनाया जाता है, तो इस्राएलियों पर आज भी परदा पड़ा रहता है। किन्तु जब कोई प्रभु की ओर उन्मुख हो जाता है, तो वह परदा हटा दिया जाता है। क्योंकि प्रभु तो आत्मा है, और जहाँ प्रभु का आत्मा है, वहाँ स्वतन्त्रता है। जहाँ तक हम सबों का प्रश्न है, हमारे मुख पर परदा नहीं है और हम सब दर्पण की तरह प्रभु की महिमा प्रतिबिंबित करते हैं और इस प्रकार हम धीरे-धीरे उनके महिमामय प्रतिरूप में रूपान्तरित हो जाते हैं और वह रूपान्तरण प्रभु अर्थात् आत्मा का कार्य है। ईश्वर की दया ने हमें यह सेवा कार्य सौंपा है, इसलिए हम कभी हार नहीं मानते। यदि हमारा सुसमाचार किसी तरह गुप्त अथवा अस्पष्ट है, तो उन लोगों के लिए जो विनाश के मार्ग पर चलते हैं। इस संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे ईश्वर के प्रतिरूप मसीह के महिमामय सुसमाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं। हम अपना नहीं, बल्कि प्रभु येसु का प्रचार करते हैं। हम येसु के कारण अपने को आप लोगों का दास समझते हैं। ईश्वर ने आदेश दिया था कि अन्धकार में प्रकाश हो जाये। उसी ने हमारे हृदयों को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम ईश्वर की वह महिमा जान जायें, जो मसीह के मुखमण्डल में चमकती है।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 84:9-14

अनुवाक्य : प्रभु की महिमा हमारे देश में निवास करेगी।

1. प्रभु-ईश्वर जो कुछ कहता है, मैं उसे ध्यान से सुनूँगा। वह अपनी प्रजा को शांति का संदेश सुनाता है। जो उस पर श्रद्धा रखते हैं, उनके लिए मुक्ति निकट है। उसकी महिमा हमारे देश में निवास करेगी।

2. दया और सच्चाई, न्याय और शांति- ये एक दूसरे से मिल जायेंगे। सच्चाई पृथ्वी पर पनपने लगेगी, और न्याय स्वर्ग से हम पर दयादृष्टि करेगा।

3. प्रभु हमें सुख-शांति प्रदान करेगा और पृथ्वी फल उत्पन्न करेगी। न्याय उसके आगे-आगे चलेगा और शांति उसके पीछे-पीछे आती रहेगी।

जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मैं तुम लोगों को एक नयी आज्ञा देता हूँ- मैंने जैसे तुम लोगों को प्यार किया है, वैसे तुम भी एक दूसरे को प्यार करो।" अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 5:20-26

"जो अपने भाई पर क्रोध करता है, वह दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा।"

येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "मैं तुम लोगों से कहता हूँ- यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फ़रीसियों की धार्मिकता से गहरी नहीं हुई, तो तुम स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं करोगे।" "तुम लोगों ने सुना है कि पूर्वजों से कहा गया है- हत्या मत करो - यदि कोई हत्या करे, तो वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। परन्तु मैं तुम से कहे देता हूँ जो अपने भाई पर क्रोध करता है, वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। यदि वह अपने भाई से कहे, 'रे मूर्ख !' तो वह महासभा में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। और यदि वह कहे, 'रे नास्तिक !' तो वह नरक की आग के योग्य ठहराया जायेगा।" "जब तुम वेदी पर अपनी भेंट चढ़ा रहे हो और तुम्हें वहाँ याद आये कि मेरे भाई को मुझ से कोई शिकायत है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़ कर पहले अपने भाई से मेल करने जाओ और तब आ कर अपनी भेंट चढ़ाओ।" "कचहरी जाते समय रास्ते में ही अपने मुद्दई से समझौता कर लो। कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें न्यायकर्त्ता के हवाले कर दे, न्यायकर्त्ता तुम्हें प्यादे के हवाले कर दे और प्यादा तुम्हें बंदीगृह में डाल दे। मैं तुम से कहे देता हूँ- जब तक कौड़ी-कौड़ी न चुका दोगे, तब तक वहाँ से नहीं निकल पाओगे।"

प्रभु का सुसमाचार।