जो कम बोता है, वह कम लुनता है और जो अधिक बोता है, वह अधिक लुनता है। हर एक ने अपने मन में जितना निश्चित किया है, उतना ही दे दे। वह अनिच्छा से अथवा लाचारी से ऐसा न करे, क्योंकि "ईश्वर खुशी से देने वाले को प्यार करता है।" ईश्वर आप लोगों को प्रचुर मात्रा में हर प्रकार का वरदान देने में समर्थ है, जिससे आप को कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं हो, बल्कि हर भले कार्य के लिए चन्दा देने के लिए भी बहुत कुछ बच जाये। धर्मग्रन्थ में लिखा है उसने उदारतापूर्वक दरिद्रों को दान दिया, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहती है। जो बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन देता है, वह आप को बोने के लिए बीज देगा, उसे बढ़ायेगा और आपकी उदारता की अच्छी फसल उत्पन्न कर देगा। इस तरह आप लोग हर प्रकार के धन से सम्पन्न हो कर उदारता दिखाने में समर्थ होंगे। आपका दान, मेरे द्वारा वितरित हो कर, ईश्वर के प्रति धन्यवाद का कारण बन जायेगा।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : धन्य है वह, जो प्रभु पर श्रद्धा रखता है।
1. धन्य है वह, जो प्रभु पर श्रद्धा रखता और उसकी आज्ञाओं को हृदय से चाहता है। उसका वंश पृथ्वी पर फलेगा-फूलेगा। प्रभु की आशिष धर्मियों की सन्तति पर बनी रहती है।
2. उसका घर भरा-पूरा होगा, उसकी धार्मिकता कभी विचलित नहीं होगी। वह धर्मियों के लिए अन्धकार का प्रकाश है। वह दयालु, कोमल-हृदय और न्यायप्रिय है।
3. वह उदारतापूर्वक दरिद्रों को दान देता है, उसकी न्यायप्रियता सदा बनी रहती है। उसकी शक्ति तथा ख्याति बढ़ती जायेगी।
अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "यदि कोई मुझे प्यार करेगा, तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा। मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके पास आ कर उस में निवास करेंगे।" अल्लेलूया !
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "सावधान रहो। लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने धर्मकार्यों का प्रदर्शन न करो, नहीं तो तुम अपने स्वर्गिक पिता के पुरस्कार से वंचित रह जाओगे।" "जब तुम दान देते हो, तो इसका ढिंढोरा नहीं पिटवाओ। ढोंगी सभागृहों और गलियों में ऐसा ही किया करते हैं, जिससे लोग उनकी प्रशंसा करें। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं। जब तुम दान देते हो, तो तुम्हारा बायाँ हाथ यह न जानने पाये कि तुम्हारा दायाँ हाथ क्या कर रहा है। तुम्हारा दान गुप्त रहे और तुम्हारा पिता, जो सब कुछ देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।" "ढोंगियों की तरह प्रार्थना नहीं करो। वे सभागृहों में और चौकों पर खड़ा हो कर प्रार्थना करना पसन्द करते हैं, जिससे लोग उन्हें देख सकें। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ - वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं। जब तुम प्रार्थना करते हो, तो अपने कमरे में जा कर द्वार बन्द कर लो और एकांत में अपने पिता से प्रार्थना करो। तुम्हारा पिता, जो एकांत को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।" "ढोंगियों की तरह मुँह उदास बना कर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन कर लेते हैं, जिससे लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुम लोगों से कहे देता हूँ वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं। जब तुम उपवास करते हो, तो अपने सिर में तेल लगाओ और अपना मुँह धो लो, जिससे लोगों को नहीं, केवल तुम्हारे पिता को, जो अदृश्य है, यह पता चले कि तुम उपवास कर रहे हो। तुम्हारा पिता, जो अदृश्य को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।"
प्रभु का सुसमाचार।