याकूब ने अपने पुत्रों को यह आदेश दिया, "मैं शीघ्र ही अपने पितरों में सम्मिलित हो जाऊँगा। मुझे मेरे पूर्वजों के साथ एफ्रोन नामक हित्ती के खेत की गुफा में दफ़नाओ। वह गुफा कनान देश में मामरे के पूर्व मकपेला के खेत में है। इब्राहीम ने उसे निजी मकबरे के लिए एफ्रोन हित्ती से खरीदा था। वहाँ इब्राहीम और उनकी पत्नी दफ़नाये गये, वहाँ इसहाक और उनकी पत्नी रिबेका दफ़नाये गये और वहाँ मैंने लेआ को दफ़नाया।" योसेफ के भाई अपने पिता के देहान्त के बाद आपस में कहने लगे, "हो सकता है कि योसेफ हम से बैर करे और हमने उसके साथ जो बुराई की है, उसका बदला चुकाये।" इसलिए उन्होंने योसेफ के पास यह संदेश भेजा, "मरने से पहले आपके पिता जी ने आप को यह संदेश कहला भेजा था- 'तुम्हारे भाइयों ने तुम्हारे साथ अन्याय किया है। मेरा निवेदन है कि तुम अपने भाइयों का अपराध और पाप क्षमा कर दो'। इसलिए आप अपने पिता के ईश्वर के सेवकों के अपराध क्षमा कर दीजिए।" उनकी ये बातें सुन कर योसेफ फूट-फूट कर रोने लगा। योसेफ के भाइयों ने स्वयं आ कर उन्हें दण्डवत् किया और कहा, "जैसा आप चाहें, हमारे साथ वैसा करें। हम आपके दास हैं।" योसेफ ने कहा, "डरिये नहीं। क्या मैं ईश्वर का स्थान ले सकता हूँ? आपने हमारे साथ बुराई करनी चाही, किन्तु ईश्वर ने उसे भलाई में परिणत कर दिया और इस प्रकार बहुत से लोगों के प्राण बचाये, जैसा कि आजकल हो रहा है। इसलिए डरिए नहीं। मैं आपके और आपके बच्चों के जीवन-निर्वाह का प्रबन्ध करूँगा।" इस प्रकार योसेफ ने अपनी प्रेमपूर्ण बातों से उनकी आशंका दूर कर दी। योसेफ और उसके पिता का परिवार मिस्त्र में निवास करता रहा। योसेफ एक सौ दस बरस की उमर तक जीता रहा और उसने तीसरी पीढ़ी तक एफ्राईम के बाल-बच्चों को देखा और मनस्से के पुत्र माकीर के बाल-बच्चों को भी अपनी गोद में खेलाया। अन्त में योसेफ ने अपने भाइयों से कहा, "मैं मरने पर हूँ। ईश्वर अवश्य ही तुम लोगों की सुध लेगा और तुम्हें इस देश से निकाल कर उस देश ले जायेगा, जिसे उसने शपथ खा कर इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने की प्रतिज्ञा की है।" योसेफ ने इस्राएल के पुत्रों को यह शपथ दिलायी कि जब ईश्वर तुम लोगों की सुध लेगा, तो यहाँ से मेरी हड्डियाँ अपने साथ ले जाना। इसके बाद योसेफ का देहान्त हो गया।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु-भक्तों में नवजीवन का संचार होगा।
1. प्रभु को धन्यवाद दो, उसका नाम धन्य कहो, राष्ट्रों में उसके महान् कार्यों का बखान करो। उसके आदर में गीत गाओ, उसकी स्तुति करो, उसके अपूर्व कार्यों का बखान करो।
2. उसके पवित्र नाम पर गौरव करो। प्रभु को खोजने वालों का हृदय आनन्दित हो। प्रभु और उसके सामर्थ्य का मनन करो, उसके दर्शनों के लिये तरसते रहो।
3. हे प्रभु-भक्त इब्राहीम की सन्तति ! हे प्रभु के कृपापात्र याकूब के पुत्रो ! प्रभु ही हमारा ईश्वर है, उसके निर्णय समस्त पृथ्वी पर लागू हैं।
अल्लेलूया ! यदि मसीह के नाम के कारण आप लोगों का अपमान किया जाये, तो अपने को धन्य समझिए, क्योंकि यह इसका प्रमाण है कि ईश्वर का आत्मा आप पर छाया रहता है। अल्लेलूया !
येसु ने अपने प्रेरितों से यह कहा, "न शिष्य गुरु से बड़ा होता है और न सेवक अपने स्वामी से। शिष्य के लिए अपने गुरु जैसा और सेवक के लिए अपने स्वामी जैसा बन जाना ही बहुत है। यदि लोगों ने घर के मालिक को बेलज़ेबुल कहा है, तो वे उसके घर वालों को क्या नहीं कहेंगे?" "इसलिए उन से नहीं डरो। ऐसा कुछ भी गुप्त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जायेगा और ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जायेगा। मैं जो कुछ तुम से अँधेरे में कहता हूँ, उसे तुम उजाले में सुनाओ। जो तुम्हें फुसफुसाहटों में कहा जाता है, उसे तुम पुकार-पुकार कर कह दो।" "उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं, किन्तु आत्मा को नहीं मार सकते हैं; बल्कि उस से डरो, जो शरीर और आत्मा, दोनों का नरक में सर्वनाश कर सकता है।" "क्या एक पैसे में दो गौरैयाँ नहीं बिकती? फिर भी तुम्हारे पिता के अनजान में उन में से एक भी धरती पर नहीं गिरती। हाँ, तुम्हारे सिर का बाल-बाल गिना हुआ है। इसलिए नहीं डरो। तुम बहुतेरी गौरैयों से बढ़ कर हो।" "जो मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने स्वीकार करूँगा और जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने अस्वीकार करूँगा।"
प्रभु का सुसमाचार।