मिस्त्र देश में एक नये राजा का उदय हुआ, जो योसेफ के विषय में कुछ नहीं जानता था। उसने अपनी प्रजा से कहा, "सुनो ! ये इस्राएली संख्या और शक्ति में हम से अधिक हो गये हैं। हमें ऐसा उपाय सोच निकालना चाहिए, जिससे इनकी संख्या न बढ़ने पाये। कहीं ऐसा न हो कि युद्ध छिड़ने पर ये हमारे शत्रुओं का साथ दें और हमारे विरुद्ध लड़ने के बाद देश से निकल भागें।" उन्होंने इस्त्राएलियों पर ऐसे अधिकारियों को नियुक्त किया, जो उन्हें बेगार में लगा कर उनका दमन करें। इस्राएलियों ने इस प्रकार फिराउन के लिए पितोम और रामसेस नामक गोदाम वाले नगर बनाये। किन्तु उन पर जितना अधिक अत्याचार किया जाता था, उतना ही अधिक वे संख्या में बढ़ते और फैलते जाते थे। इस कारण मिस्त्री उन से डरने लगे। उन्होंने इस्राएलियों को बेगार में लगाया और उन से कठोर परिश्रम करा कर उनका जीवन कड़वा बना दिया। उन्होंने गारा और ईंट बनाने और खेत में हर प्रकार का काम करने के लिए उन्हें बाध्य किया। इसके बाद फिराउन ने अपनी समस्त प्रजा को यह आदेश दिया कि वह प्रत्येक नवजात इब्रानी लड़के को नील नदी में फेंक दे, किन्तु सब लड़कियों को जीवित रहने दे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु का नाम ही हमारा सहारा है।
1 यदि प्रभु ने हमारा साथ नहीं दिया होता - इस्राएल यह दुहराये – यदि प्रभु ने हमारा साथ नहीं दिया होता, तो, जब लोगों ने हम पर चढ़ाई की और हम पर उनका क्रोध भड़का, तब वे हमें जीवित ही निगल गये होते।2. बाढ़ हमें डुबा ले गयी होती, जलधारा ने हमें बहा दिया होता और चारों ओर उमड़ती लहरों में डूब कर मर गये होते। धन्य है प्रभु ! उसने हमें बचाया और हम उनके दाँतों में से निकल गये।
3. हमारी आत्मा, पक्षी की तरह, बहेलिये के फन्दे से निकल गयी है। देखो ! फन्दा टूट गया है और हम बच गये। प्रभु का नाम ही हमारा सहारा है। उसी ने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है।
अल्लेलूया ! धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं - स्वर्गराज्य उन्हीं का है। अल्लेलूया !
येसु ने अपने प्रेरितों से यह कहा, "यह न समझो कि मैं पृथ्वी पर शांति ले कर आया हूँ। शांति नहीं, बल्कि तलवार ले कर आया हूँ। मैं पुत्र और पिता में, पुत्री और माता में, बहू और सास में फूट डालने आया हूँ। मनुष्य के घर वाले ही उसके शत्रु बन जायेंगे।" "जो अपने पिता या अपनी माता को मुझ से अधिक प्यार करता है, वह मेरे योग्य नहीं। जो अपने पुत्र या अपनी पुत्री को मुझ से अधिक प्यार करता है, वह मेरे योग्य नहीं। जो अपना क्रूस उठा कर मेरा अनुसरण नहीं करता, वह मेरे योग्य नहीं। जिसने अपना जीवन सुरक्षित रखा है, वह उसे खो देगा और जिसने मेरे कारण अपना जीवन खो दिया है, वह उसे सुरक्षित रख सकेगा।" "जो तुम्हारा स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है। जो नबी का इसलिए स्वागत करता है कि वह नबी है, वह नबी का पुरस्कार पायेगा और जो धर्मी का इसलिए स्वागत करता है कि वह धर्मी है, वह धर्मी का पुरस्कार पायेगा।" "जो कोई इन छोटों में से किसी को एक प्याला ठंढा पानी भर इसलिए पिला दे कि वह मेरा शिष्य है, तो मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ कि वह अपने पुरस्कार से वंचित नहीं रहेगा।" अपने बारह शिष्यों को ये अनुदेश देने के बाद येसु यहूदियों के नगरों में शिक्षा देने और सुसमाचार का प्रचार करने वहाँ से चल दिये।
प्रभु का सुसमाचार।