मूसा और हारून ने फिराउन के सामने बहुत-से चमत्कार दिखाये। प्रभु ने फिराउन का हृदय कठोर बना दिया था। उसने इस्त्राएलियों को अपने देश से जाने की आज्ञा नहीं दी। प्रभु ने मिस्त्र देश में मूसा और हारून से कहा- यह तुम्हारे लिए आदिमास होगा; तुम उसे वर्ष का पहला महीना मान लो। इस्राएल के सारे समुदाय को यह आदेश दो - इस महीने के दसवें दिन हर एक परिवार एक-एक मेमना तैयार रखेगा। यदि मेमना खाने के लिए किसी परिवार में कम लोग हों, तो जरूरत के अनुसार पास वाले घर से लोगों को बुलाओ। खाने वालों की संख्या निश्चित करने में हर एक की खाने की रुचि का ध्यान रखो। उस मेमने में कोई दोष न हो। वह नर हो और एक साल का। वह भेड़ा हो अथवा बकरा। महीने के दसवें दिन तक उसे रख लो। शाम को सब इस्राएली उस का वध करेंगे। जिन घरों में मेमना खाया जायेगा, दरवाजों की चौखट पर उसका लोहू पोत दिया जाये। उसी रात को बेखमीर रोटी और कड़वे साग के साथ मेमने का भूना हुआ मांस खाया जायेगा। इस में से कच्चा या उबाला हुआ कुछ मत खाओ, बल्कि सिर, पैरों और अंतड़ियों के साथ पूरे को आग में भून कर खाओ। अगले दिन के लिए कुछ भी नहीं रखा जायेगा। जो कुछ बच गया हो, उसे भोर के पहले ही जला दोगे। तुम लोग चप्पल पहन कर, कमर कस कर तथा हाथ में डंडा लिये खाओगे। तुम जल्दी-जल्दी खाओगे, क्योंकि यह प्रभु का 'पास्का' है। उसी रात मैं प्रभु, मिस्त्र देश का परिभ्रमण करूँगा, मिस्र देश में मनुष्यों और जानवरों के सभी पहलौठे बच्चों को मार डालूँगा, और मिस्त्र के सभी देवताओं को भी दण्ड दूँगा। तुम लोहू पोत कर दिखा दोगे कि तुम किन घरों में रहते हो; वह लोहू देख कर मैं तुम लोगों को छोड़ दूँगा। इस तरह जब मैं मिस्त्र देश को दण्ड दूँगा, तुम विपत्ति से बच जाओगे। तुम उस दिन का स्मरण रखोगे और उसे प्रभु के आदर में पर्व के रूप में मनाओगे। तुम उसे सभी पीढ़ियों के लिए अनन्तकाल तक पर्व घोषित करोगे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : मैं प्रभु का नाम लेते हुए धन्यवाद का बलिदान चढ़ाऊँगा। (अथवा : अल्लेलूया !)
1. प्रभु के सब उपकारों के लिए मैं क्या दे सकता हूँ? मैं मुक्ति का प्याला उठा कर प्रभु का नाम लूँगा।
2. अपने भक्तों की मृत्यु से प्रभु को भी दुःख होता है। हे प्रभु! मैं तेरा सेवक हूँ, तेरा दास हूँ। तूने मेरे बन्धन खोल दिये।
3. मैं प्रभु का नाम लेते हुए धन्यवाद का बलिदान चढ़ाऊँगा, प्रभु की सारी प्रजा के सामने प्रभु के लिए अपनी मन्नतें पूरी करूँगा।
अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं।" अल्लेलूया !
येसु किसी विश्राम के दिन गेहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्यों को भूख लगी और वे बालें तोड़-तोड़ कर खाने लगे। यह देख कर फ़रीसियों ने येसु से कहा, "देखिए, जो काम विश्राम के दिन मना है, आपके शिष्य वही कर रहे हैं।" येसु ने उन से कहा, "क्या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उसके साथियों को भूख लगी, तो दाऊद ने क्या किया था? उसने ईश-मंदिर में जा कर भेंट की रोटियों को खाया। याजकों को छोड़ न तो उसे उन्हें खाने की आज्ञा थी और न उसके साथियों को। अथवा क्या तुम लोगों ने संहिता में यह नहीं पढ़ा कि याजक विश्राम के दिन का नियम तोड़ते तो हैं, पर दोषी नहीं होते?" "अब मैं तुम से कहता हूँ यहाँ वह है, जो मंदिर से भी महान् है। मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ – इसका अर्थ यदि तुम लोगों ने समझ लिया होता, तो निर्दोषों को दोषी नहीं ठहराया होता; क्योंकि मानव पुत्र विश्राम के दिन का स्वामी है।"
प्रभु का सुसमाचार।