वर्ष का पन्द्रहवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 1

पहला पाठ

निर्गमन-ग्रन्थ 12:37-42

"यह वही रात है, जब प्रभु इस्त्राएल को मिस्त्र देश से बाहर ले गया।"

इस्त्राएलियों ने रामसेस से सुक्तोत की ओर प्रस्थान किया। बच्चों और स्त्रियों के अतिरिक्त पैदल चलने वाले पुरुषों की संख्या लगभग छह लाख थी। बहुत-से परदेशी उनके साथ हो लिये और भेड़-बकरियों तथा बैल-गायों के बहुत भारी झुण्ड भी। वे मिस्र से जो गूँधा हुआ आटा अपने साथ ले गये थे, उन्होंने उसकी बेखमीर रोटियाँ पकायीं। उनके पास खमीर नहीं था, क्योंकि वे इतनी जल्दी में मिस्र से निकाल दिये गये थे कि उन्हें रास्ते के लिए भोजन तैयार करने का समय नहीं मिला था। इस्राएली चार सौ तीस बरस तक मिस्र में रहे थे। जिस दिन ये चार सौ तीस बरस समाप्त हुए, उसी दिन प्रभु की समस्त प्रजा मिस्त्र से निकल गयी। प्रभु उस रात जागरण करता रहा, जिससे वह इस्राएलियों को मिस्र से बाहर ले जाये। इसलिए समस्त इस्राएली पीढ़ी-दर-पीढ़ी उसी रात को प्रभु के आदर में जागरण करते हैं।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 135:1,23-24,10-15

अनुवाक्य : उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

1. प्रभु को धन्य कहो, क्योंकि वह भला है, उसने हमारी विपत्ति में हमें याद किया, उसने हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से छुड़ाया, उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है।

2. उसने मिस्रियों के पहलौठे पुत्रों को मार डाला, उसने उनके बीच से इस्राएलियों को निकाल लिया, उसने हाथ बढ़ा कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया, उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है।

3. उसने लाल समुद्र को दो भागों में विभक्त किया, वह बीच में से इस्राएलियों को ले चला, उसने फिराउन और उसकी सेना को समुद्र में बहा दिया, उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है।

जयघोष

अल्लेलूया ! ईश्वर ने मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया और उस मेल-मिलाप का सेवा-कार्य हमें सौंपा है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:14-21

“वह चेतावनी देते थे कि तुम लोग मेरा नाम न फैलाओ। इस प्रकार नबी इसायस का कथन पूरा हुआ।"

फ़रीसी बाहर निकल कर येसु के विरुद्ध परामर्श करने लगे कि हम किस तरह उनका सर्वनाश करें। येसु यह जान कर वहाँ से चले गये। बहुत-से लोग येसु के पीछे हो लिये। वह सबों को चंगा करते थे, किन्तु साथ-साथ यह चेतावनी देते थे कि तुम लोग मेरा नाम न फैलाओ। इस प्रकार नबी इसायस का यह कथन पूरा हुआ यह मेरा सेवक है, इसे मैंने चुना है; मेरा परमप्रिय है, इस पर मैं अति प्रसन्न हूँ। मैं इसे अपना आत्मा प्रदान करूँगा और यह गैरयहूदियों में सच्चे धर्म का प्रचार करेगा। यह न तो विवाद करेगा और न चिल्लायेगा। और न बाजारों में कोई इसकी आवाज सुनेगा। यह न तो कुचला हुआ सरकंडा ही तोड़ेगा और न धुआँती हुई बत्ती ही बुझायेगा, जब तक यह सच्चे धर्म को विजय तक न ले जाये। इसके नाम पर गैरयहूदी भरोसा रखेंगे।

प्रभु का सुसमाचार।