वर्ष का सोलहवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 1

पहला पाठ

निर्गमन-ग्रन्थ 24:3-8

“यह उस विधान का रक्त है, जिसे प्रभु ने तुम लोगों के लिए निर्धारित किया है।"

मूसा ने सीनय पर्वत से उतर कर प्रभु के सब वचन और आदेश लोगों को सुनाये। लोगों ने एक स्वर से इस प्रकार उत्तर दिया, "प्रभु ने जो कुछ कहा है, हम उसका पालन करेंगे।" मूसा ने प्रभु के सब आदेश लिख दिये और दूसरे दिन, भोर को, उसने पर्वत के नीचे एक वेदी बनायी और इस्राएल के बारह वंशों के लिए बारह पत्थर खड़े कर दिये। उसने इस्राएली नवयुवकों को आदेश दिया कि वे होमबलि चढ़ायें और शांतियज्ञ के लिए बछड़ों का वध करें। तब मूसा ने पशुओं का आधा रक्त पात्रों में इकट्ठा किया और आधा वेदी पर छिड़का। उसने विधान की पुस्तक ली और उसे लोगों को पढ़ सुनाया। लोगों ने उत्तर दिया, "प्रभु ने जो कुछ कहा है, हम उसके अनुसार चलेंगे और उसका पालन करेंगे। इस पर मूसा ने रक्त ले लिया, और उसे लोगों पर छिड़कते हुए कहा, "यह उस विधान का रक्त है, जिसे प्रभु ने उन सब आदेशों के माध्यम से तुम लोगों के लिए निर्धारित किया है।"

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 49:1-2,5-6,14-15

अनुवाक्य : ईश्वर को धन्यवाद का बलिदान चढ़ाओ।

1. प्रभु सर्वेश्वर बोलता है; वह उदयाचल से अस्ताचल तक पृथ्वी के सब लोगों को संबोधित करता है। वह सौन्दर्यमय सियोन पर विराजमान है।

2. "मेरी प्रजा को मेरे सामने एकत्र करो, जिसने यज्ञ चढ़ा कर मेरा विधान स्वीकार किया है।" आकाश प्रभु की न्यायप्रियता घोषित करता है। ईश्वर स्वयं हमारा न्याय करने वाला है।

3. ईश्वर को धन्यवाद का बलिदान चढ़ाओ और उसके लिए अपनी मन्नतें पूरी करो। “यदि तुम संकट के समय मेरी दुहाई दोगे, तो मैं तुम्हारा उद्धार करूँगा और तुम मेरा सम्मान करोगे।"

जयघोष

अल्लेलूया ! पिता ने अपनी ही इच्छा से, सत्य की शिक्षा द्वारा, हम को जीवन प्रदान किया, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्टि के प्रथम फल बन जायें। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:24-30

"कटनी तक दोनों को साथ-साथ बढ़ने दो।"

येसु ने लोगों के सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया, "स्वर्ग का राज्य उस मनुष्य के सदृश है, जिसने अपने खेत में अच्छा बीज बोया था। परन्तु जब लोग सो रहे थे, तो उसका बैरी आया और गेहूँ में जंगली बीज बो कर चला गया। जब अंकुर फूटा और बालें लगीं, तब जंगली बीज भी दिखाई पड़ा। इस पर नौकरों ने आ कर स्वामी से कहा, 'मालिक, क्या आपने अपने खेत में अच्छा बीज नहीं बोया था? उस में जंगली बीज कहाँ से आ पड़ा?' स्वामी ने उन से कहा, 'यह किसी बैरी का काम है'। तब नौकरों ने उस से पूछा, 'क्या आप चाहते हैं कि हम जा कर जंगली बीज बटोर लें?, स्वामी ने उत्तर दिया, 'नहीं, कहीं ऐसा न हो कि जंगली बीज बटोरते समय तुम गेहूँ भी उखाड़ डालो। कटनी तक दोनों को साथ-साथ बढ़ने दो। कटनी के समय मैं लुनने वालों से कहूँगा - पहले जंगली बीज बटोर लो और जलाने के लिए उनके गट्ठे बाँधो। तब गेहूँ को मेरे बखार में जमा करो'।"

प्रभु का सुसमाचार।