मूसा ने तम्बू को उठवा कर शिविर के बाहर कुछ दूरी पर खड़ा कर दिया और उसका नाम दर्शन-कक्ष रखा। यदि कोई प्रभु से परामर्श लेना चाहता था, तो वह शिविर के बाहर उस दर्शन-कक्ष के पास चला जाता था। जब मूसा उस तम्बू की ओर जाता था, तो सब लोग अपने-अपने तम्बू के द्वार पर खड़े हो जाते और मूसा को तब तक देखते रहते थे, जब तक वह तम्बू में प्रवेश न करे। मूसा के प्रवेश करते ही बादल का खम्भा उतर कर तम्बू के द्वार पर खड़ा हो जाया करता था। तब प्रभु मूसा से बातें करता था। तम्बू के द्वार पर बादल का खम्भा खड़ा देख कर सभी लोग तुरन्त अपने-अपने तम्बू के द्वार पर से उसे दण्डवत् किया करते थे। जिस तरह एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से बात करता है, उसी तरह प्रभु मूसा के आमने-सामने प्रकट हो कर उस से बात करता था। जब मूसा शिविर में लौटता था, तो उसका सहायक, नून का पुत्र, योशुआ नामक नवयुवक तम्बू में रह जाता था। मूसा ने प्रभु का नाम लिया और प्रभु ने उसके सामने से निकल कर कहा, "प्रभु ! प्रभु एक करुणामय तथा कृपालु ईश्वर है। वह देर से क्रोध करता और अनुकम्पा तथा सत्यप्रतिज्ञता का धनी है। वह हजार पीढ़ियों तक अपनी कृपा बनाये रखता और बुराई अपराध और पाप क्षमा करता है।" मूसा ने तुरन्त दण्डवत् कर उसकी आराधना की और कहा, "हे प्रभु ! यदि मुझ पर तेरी कृपादृष्टि है, तो मेरा प्रभु हमारे साथ चले। ये लोग हठधर्मी तो हैं, किन्तु तू हमारे अपराध तथा पाप क्षमा कर दे और हमें अपनी निजी प्रजा बना ले।" मूसा वहाँ चालीस दिन और चालीस रात प्रभु के साथ रहा। उसने न तो रोटी खायी और न पानी पीया। उसने विधान के शब्द, अर्थात् दस नियम पाटियों पर अंकित किये।
अनुवाक्य : प्रभु दया तथा अनुकम्पा से परिपूर्ण है।
1. प्रभु न्यायपूर्वक शासन करता और सब पददलितों का पक्ष लेता है। उसने मूसा को अपने अपूर्व मार्ग दिखाये और इस्राएल को अपने महान् कार्य।
2. प्रभु दया, तथा अनुकम्पा से परिपूर्ण है, वह सहनशील है और अत्यन्त प्रेममय। उसका क्रोध समाप्त हो जाता और सदा के लिए नहीं बना रहता है।
3. वह न तो, हमारे पापों के अनुसार, हमारे साथ व्यवहार करता और न हमारे अपराधों के अनुसार हमें दण्ड देता है। आकाश पृथ्वी के ऊपर जितना ऊँचा है, उतना महान् है अपने भक्तों के प्रति, प्रभु का प्रेम।
4. पूर्व पश्चिम, से जितना दूर है, प्रभु हमारे पापों को हम से उतना दूर कर देता है। पिता जिस तरह अपने पुत्रों पर, दया करता है, प्रभु उसी तरह अपने भक्तों पर, दया करता है।
अल्लेलूया ! बीज ईश्वर का वचन है और बोने वाले हैं मसीह। जो उन्हें पाता है, वह अनन्तकाल तक जीता रहेगा। अल्लेलूया !
येसु लोगों को विदा कर घर लौटे। उनके शिष्यों ने उनके पास आ कर कहा, "खेत में जंगली बीज का दृष्टान्त हमें समझा दीजिए।" येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "अच्छा बीज बोने वाला मानव पुत्र है; खेत संसार है; अच्छा बीज राज्य की प्रजा है; जंगली बीज दुष्ट आत्मा की प्रजा है; बोने वाला बैरी शैतान है; कटनी संसार का अंत है; लुनने वाले स्वर्गदूत हैं। जिस तरह लोग जंगली बीज बटोर कर आग में जला देते हैं, वैसा ही संसार के अंत में होगा। मानव पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य से सब बाधाओं और कुकर्मियों को बटोर कर आग के कुण्ड में झोंक देंगे। वहाँ वे लोग रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे। तब धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य की तरह चमकेंगे। जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।"
प्रभु का सुसमाचार।