मूसा ने लोगों से यह कहा, "हे इस्राएल ! सुनो ! हमारा प्रभु-ईश्वर एकमात्र प्रभु है। तुम अपने प्रभु-ईश्वर को अपने सारे हृदय, अपनी सारी आत्मा और अपनी सारी शक्ति से प्यार करो। जो शब्द मैं तुम्हें आज सुना रहा हूँ, वे तुम्हारे हृदय पर अंकित रहें। तुम इन्हें अपने पुत्रों को भली-भाँति सिखाओ। घर में बैठते या राह चलते, शाम को लेटते या सुबह उठते समय, इनकी चर्चा किया करो। तुम इन्हें निशानी की तरह अपने हाथ पर और ताबीज की तरह अपने मस्तक पर बाँधे रखो और अपने घरों की चौखट तथा अपने फाटकों पर लिख दो।" "जब तुम्हारा प्रभु-ईश्वर तुम लोगों को उस देश ले जायेगा, जिसे उसने शपथ खा कर तुम्हारे पूर्वजों-इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने की प्रतिज्ञा की है; जहाँ बड़े और भव्य नगर हैं, जिन्हें तुमने नहीं बनाया; जहाँ के घर कीमती चीजों से भरे हैं, जिन्हें तुमने एकत्र नहीं किया; जहाँ पानी के कुण्ड हैं, जिन्हें तुमने नहीं खोदा; जहाँ दाखबारियाँ और जैतून के पेड़ हैं, जिन्हें तुमने नहीं लगाया; जब तुम वहाँ खा कर तृप्त हो जाओगे, तो सावधान रहो और अपने प्रभु-ईश्वर को मत भूलो, जिसने तुम लोगों को मित्र देश से दासता के घर से - निकाल लिया। तुम अपने प्रभु-ईश्वर पर श्रद्धा रखोगे, उसी की सेवा करोगे और उसी के नाम पर शपथ खाओगे।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! मैं तुझे प्यार करता हूँ, तू मेरा बल है।
1. हे प्रभु! मैं तुझे प्यार करता हूँ, तू मेरा बल है। प्रभु ही मेरी चट्टान और मेरा गढ़ है, मेरे ईश्वर ने मेरा उद्धार किया है।
2. वही मेरी ढाल और मेरा शक्तिशाली सहायक है। वही मेरा गढ़ और मेरा आश्रयदाता है। धन्य है प्रभु ! मैंने उसे पुकारा और उसने मुझे शत्रुओं से बचा लिया।
3. प्रभु की जय ! धन्य है मेरी चट्टान ! मेरे मुक्तिदाता ईश्वर की स्तुति हो। जिसे तूने अभिषेक दिया है, उसके लिए तेरा प्रेम सदा बना रहता है।
जब वे लोग जनसमूह के पास पहुँचे, तो एक मनुष्य आया और येसु के सामने घुटने टेक कर कहने लगा, "प्रभु ! मेरे बेटे पर दया कीजिए। उसे मिरगी का दौरा हुआ करता है। उसकी हालत बहुत खराब है और वह अकसर आग या पानी में गिर जाता है। मैं उसे आपके शिष्यों के पास लाया, किन्तु वे उसे चंगा नहीं कर सके।" येसु ने कहा, "रे अविश्वासी और दुष्ट पीढ़ी ! मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हें सहता रहूँ? उस लड़के को यहाँ ले आओ।" येसु ने अपदूत को डाँटा और वह लड़के से निकल गया। वह लड़का उसी घड़ी चंगा हो गया। बाद में शिष्यों ने एकान्त में येसु के पास आ कर पूछा, "हम लोग उसे क्यों नहीं निकाल सके?" येसु ने उन से कहा, "अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से कहे देता हूँ- यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो और तुम इस पहाड़ से यह कहो, यहाँ से वहाँ तक हट जा, तो यह हट जायेगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा।"
प्रभु का सुसमाचार।