कलोस में रहने वाले सन्तों और मसीह में विश्वास करने वाले भाइयों के नाम पौलुस, जो ईश्वर द्वारा येसु मसीह का प्रेरित नियुक्त हुआ है, और भाई तिमथी का पत्र। हमारा पिता ईश्वर और प्रभु येसु मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शांति प्रदान करे। मैंने येसु मसीह में आप लोगों के विश्वास और सभी विश्वासियों के प्रति आपके भ्रातृप्रेम के विषय में सुना है। इसलिए मैं आप लोगों के कारण हमारे प्रभु येसु मसीह के पिता को निरन्तर धन्यवाद देता और अपनी प्रार्थनाओं में आपका स्मरण करता रहता हूँ। आपका विश्वास और भ्रातृप्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब सच्चे सुसमाचार का संदेश आपके पास पहुँचा। यह समस्त संसार में फलता और बढ़ता जा रहा है। आप लोगों के यहाँ यह उस दिन से फलता और बढ़ता जा रहा है, जिस दिन आपने ईश्वर के अनुग्रह के विषय में सुना और उसका मर्म समझा है। आप को हमारे प्रिय सहयोगी एपफ्रास से इसकी शिक्षा मिली है। एपफ्रास हमारे प्रतिनिधि के रूप में मसीह का विश्वासी सेवक है और उसी ने हमें बताया कि आत्मा ने आप लोगों में कितना प्रेम उत्पन्न किया है।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! मैं सदा-सर्वदा तेरी भलाई पर भरोसा रखूँगा।
1. मैं हरे-भरे जैतून के पेड़ की तरह ईश्वर के घर में लगा हुआ हूँ। मैं प्रभु की भलाई पर सदा-सर्वदा भरोसा रखूँगा।
2. यह तेरा ही कार्य है, इसलिए मैं सदा तुझे धन्य कहूँगा और तेरे भक्तों के बीच तेरे नाम की भलाई का बखान करूँगा।
अल्लेलूया ! प्रभु ने मुझे दरिद्रों को सुसमाचार सुनाने और बंदियों को मुक्ति का संदेश देने भेजा है। अल्लेलूया !
येसु सभागृह से निकल कर सिमोन के घर गये। सिमोन की सास तेज़ बुखार में पड़ी हुई थी और लोगों ने उसके लिए उन से प्रार्थना की। येसु ने उसके पास जा कर बुखार को डाँटा और बुखार जाता रहा। वह उसी क्षण उठ कर उन लोगों का सेवा-सत्कार करने लगी। सूरज डूबने के बाद सब लोग नाना प्रकार की बीमारियों से पीड़ित अपने यहाँ के रोगियों को येसु के पास ले आये। येसु एक-एक पर हाथ रख कर उन्हें चंगा करते थे। बहुतों में से अपदूत यह चिल्लाते हुए निकलते थे, "आप ईश्वर के पुत्र हैं।" परन्तु वह उन को डाँटते और बोलने से रोकते थे, क्योंकि अपदूत जानते थे कि वह मसीह हैं। येसु प्रातःकाल घर से निकल कर किसी एकांत स्थान में चले गये। लोग उन को खोजते-खोजते उनके पास आये और अनुरोध करने लगे कि वह उन को छोड़ कर नहीं जायें। किन्तु उन्होंने उत्तर दिया, "मुझे दूसरे नगरों को भी ईश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाना है - मैं इसीलिए भेजा गया हूँ।" और वह यहूदिया के सभागृहों में उपदेश देते थे।
प्रभु का सुसमाचार।