जिस दिन से हमने आप लोगों के विषय में सुना है, हम निरन्तर आपके लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम ईश्वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्त प्रज्ञा तथा आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि प्रदान करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूर्ण रूप से समझ सकें। इस प्रकार आप प्रभु के योग्य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और ईश्वर के ज्ञान में बढ़ते जायेंगे। आप ईश्वर की महिमामय शक्ति से बल पा कर सदा दृढ़ बने रहेंगे, सब कुछ आनन्द के साथ सह सकेंगे और पिता को धन्यवाद देंगे जिसने आप को इस योग्य बना दिया कि आप ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बन जायें। ईश्वर हमें अन्धकार की अधीनता से निकाल कर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया है। उसी पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ और हमें पापों की क्षमा प्राप्त है।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया है।
1. प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया और सभी राष्ट्रों को अपना न्याय दिखाया है। उसने अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रख कर इस्राएल के घराने की सुध ली है।
2. पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है। समस्त पृथ्वी आनन्द मनाये और ईश्वर की स्तुति करे।
3. वीणा बजा कर प्रभु के आदर में भजन गा कर सुनाओ, तुरही और नरसिंघा बजा कर अपने प्रभु-ईश्वर का जयकार करो।
अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "मेरे पीछे चले आओ। मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा।" अल्लेलूया !
एक दिन येसु गेनेसरेत की झील के पास थे। लोग ईश्वर का वचन सुनने के लिए उन पर गिरे पड़ते थे। उस समय उन्होंने झील के किनारे लगी दो नावों को देखा। मछुए उन पर से उतर कर जाल धो रहे थे। येसु ने सिमोन की नाव पर चढ़ कर उसे किनारे से कुछ दूर ले चलने के लिए कहा। इसके बाद वह नाव पर बैठ कर जनता को शिक्षा देने लगे। उपदेश समाप्त करने के बाद उन्होंने सिमोन से कहा, "नाव को गहरे पानी में ले चलो और मछलियाँ पकड़ने के लिए अपने जाल डालो।" सिमोन ने उत्तर दिया, "गुरुवर ! रात भर मेहनत करने पर भी हम कुछ नहीं पकड़ सके, परन्तु आपके कहने पर मैं जाल डालूँगा।" ऐसा करने पर बहुत अधिक मछलियाँ फँस गयीं और उनका जाल फटने को हो गया। उन्होंने दूसरी नाव के अपने साथियों को इशारा किया कि आ कर हमारी मदद करो। वे आये और उन्होंने दोनों नावों को मछलियों से इतना भर लिया कि नावें डूबने को हो गयीं। यह देख कर सिमोन ने येसु के चरणों पर गिर कर कहा, "प्रभु ! मेरे पास से चले जाइए। मैं तो पापी मनुष्य हूँ।" मछलियों के जाल में फँसने के कारण वह और उसके साथी विस्मित हो गये। यही दशा याकूब और योहन की भी हुई; ये जेबेदी के पुत्र और सिमोन के साझेदार थे। येसु ने सिमोन से कहा, "डरो मत ! अब से तुम मनुष्यों को पकड़ा करोगे।" वे नावों को किनारे लगा कर और सब कुछ छोड़ कर येसु के पीछे हो लिये।
प्रभु का सुसमाचार।