आप लोग मसीह के साथ ही जी उठे हैं जो ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं इसलिए ऊपर की चीजें खोजते रहें । आप पृथ्वी पर की नहीं, ऊपर की चीजों की चिन्ता किया करें। आप तो मर चुके हैं, आपका जीवन मसीह के साथ ईश्वर में छिपा हुआ है। मसीह ही आपका जीवन हैं। जब मसीह प्रकट होंगे, तब आप भी उनके साथ महिमान्वित हो कर प्रकट हो जायेंगे । इसलिए आप लोग अपने शरीर में इन बातों का दमन करें, जो पृथ्वी की हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, विषयवासना और लोभ का, जो मूर्तिपूजा के सदृश हैं। इन बातों के कारण ईश्वर का कोप आ पड़ता है। आप भी पहले यह सब कर चुके हैं, जब आप इस प्रकार का पापमय जीवन बिताते थे । अब तो आप लोगों को क्रोध, वासना, द्वेष, परनिन्दा और अश्लील बात-चीत सर्वथा छोड़ देनी चाहिए । एक दूसरे से झूठ कभी नहीं बोलें । आप लोगों ने अपना पुराना स्वभाव और उसके कर्मों को उतार कर एक नया स्वभाव धारण किया । वह स्वभाव अपने सृष्टिकर्त्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन हो जाता और सच्चाई के ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है, जहाँ पहुँच कर कोई भेद नहीं रहता, जहाँ न यूनानी है या यहूदी, न खतना है या ख़तना का अभाव, न बर्बर है, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र-वहाँ केवल मसीह हैं, जो सब कुछ और सब में हैं।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु सबों का कल्याण करता है।
1. मैं दिन-प्रतिदिन तुझे धन्य कहूँगा, मैं सदा-सर्वदा तेरे नाम की स्तुति करूँगा। प्रभु महान् और अत्यन्त प्रशंसनीय है। उसकी महिमा की सीमा नहीं
2. हे प्रभु ! तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करे; तेरे भक्त तुझे धन्य कहें। वे तेरे राज्य की महिमा गायें और तेरे सामर्थ्य का बखान करें
3. जिससे सभी मनुष्य तेरे महान् कार्य तथा तेरे राज्य की अपार महिमा जान जायें । तेरे राज्य का कभी अन्त नहीं होगा । तेरा शासन पीढ़ी-दर-पीढ़ी बना रहेगा ।
अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "उल्लसित हो और आनन्द मनाओ, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा ।" अल्लेलूया !
येसु ने अपने शिष्यों की ओर देख कर कहा, "धन्य हो तुम, जो दरिद्र हो - स्वर्गराज्य तुम लोगों का है। धन्य हो तुम, जो अभी भूखे हो - तुम तृप्त किये जाओगे। धन्य हो तुम, जो अभी रोते हो तुम हँसोगे। धन्य हो तुम, जब मानव पुत्र के कारण लोग तुम से बैर रखेंगे, तुम्हारा बहिष्कार और अपमान करेंगे और तुम्हारा नाम घृणित समझ कर निकाल देंगे। उस दिन उल्लसित हो और आनन्द मनाओ, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। उनके पूर्वज नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे।" "धिक्कार तुम्हें, जो धनी हो तुम अपना सुख-चैन पा चुके हो। धिक्कार तुम्हें, जो अभी तृप्त हो – तुम भूखे रहोगे । धिक्कार तुम्हें, जो अभी हँसते हो तुम शोक करोगे और रोओगे । धिक्कार तुम्हें, जब सब लोग तुम्हारी प्रशंसा करते हैं- उनकें पूर्वज झूठे नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे ।"
प्रभु का सुसमाचार।