वर्ष का तेईसवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 1

📕पहला पाठ

तिमथी के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 1:15-17

"वह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये ।"

यह कथन सुनिश्चित और नितान्त विश्वसनीय है कि येसु मसीह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये, और उन में से मैं सर्वप्रथम हूँ। मुझ पर इसीलिए दया की गयी है कि येसु मसीह सब से पहले मुझ में अपनी सम्पूर्ण सहनशीलता प्रदर्शित करें और उन लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करें, जो अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए विश्वास करेंगे । युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्य और अतुल्य ईश्वर को युगानुयुग सम्मान तथा महिमा ! आमेन ।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 112:1-7

अनुवाक्य : प्रभु का नाम अनन्तकाल तक धन्य है।

1. प्रभु के सेवको ! स्तुति करो ! प्रभु के नाम की स्तुति करो। धन्य है प्रभु का नाम, अभी और अनन्तकाल तक !

2. सूर्योदय से ले कर सूर्यास्त तक प्रभु के नाम की स्तुति हो । प्रभु सभी राष्ट्रों का शासक है। उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है

3. हमारे प्रभु-ईश्वर के सदृश कौन? वह उच्च सिंहासन पर विराजमान हो कर स्वर्ग और पृथ्वी, दोनों पर दृष्टि रखता है। वह धूल में से दीनों को और कूड़े पर से दरिद्रों को ऊपर उठाता है।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! यदि कोई मुझे प्यार करेगा, तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा। मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके पास आ कर उस में निवास करेंगे। अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:43-49

"जब तुम मेरा कहना नहीं मानते, तो 'हे प्रभु ! हे प्रभु !' कह कर मुझे क्यों पुकारते हो?"
<>येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "कोई भी अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं देता और न कोई बुरा पेड़ अच्छा फल देता है। हर पेड़ अपने फल से पहचाना जाता है। लोग न तो कँटीली झाड़ियों से अंजीर तोड़ते हैं और न ऊँटकटारों से अंगूर । अच्छा मनुष्य अपने हृदय के अच्छे भंडार से अच्छी चीजें निकालता है और जो बुरा है, वह अपने बुरे भंडार से बुरी चीजें निकालता है; क्योंकि जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।" "जब तुम मेरा कहना नहीं मानते, तो 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कह कर मुझे क्यों पुकारते हो? जो मेरे पास आ कर मेरी बातें सुनता और उन पर चलता है- जानते हो, वह किसके सदृश है? वह उस मनुष्य के सदृश है, जो घर बनाते समय गहरा खोदता है और उसकी नींव चट्टान पर डालता है। बाढ़ आती है और जलप्रवाह उस मकान से टकराता है, किन्तु वह उसे ढा नहीं पाता; क्योंकि वह घर बहुत मजबूत बना है। परन्तु जो मेरी बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता, वह उस मनुष्य के सदृश है, जो बिना नींव डाले भूमितल पर अपना घर बनाता है। जलप्रवाह की टक्कर लगते ही वह घर ढह जाता है और उसका सर्वनाश हो जाता है।"

प्रभु का सुसमाचार।