वर्ष का पच्चीसवाँ सप्ताह, सोमवार - वर्ष 1

📕पहला पाठ

एज्रा का ग्रन्थ 1:1-6

"जो प्रभु की प्रजा के सदस्य हों, वे येरुसालेम की ओर प्रस्थान करें और प्रभु का मंदिर बनायें ।"

येरेमियस द्वारा घोषित अपनी वाणी पूरी करने के लिए प्रभु ने फारस के राजा सीरुस को उसके शासनकाल के प्रथम वर्ष में प्रेरित किया कि वह अपने सम्पूर्ण राज्य में यह लिखित राजाज्ञा प्रसारित करे, “फारस के राजा सीरुस कहते हैं : प्रभु स्वर्ग के ईश्वर, ने मुझे पृथ्वी के सब राज्य प्रदान किये और उसने मुझे यहूदिया के येरुसालेम में एक मंदिर बनवाने का आदेश दिया है। ईश्वर उनके साथ रहे, जो तुम लोगों में से उसकी प्रजा के सदस्य हैं। वे लोग येरुसालेम में रहने वाले, इस्राएल के ईश्वर, प्रभु का मंदिर बनाने के लिए येरुसालेम की ओर प्रस्थान करें। जहाँ कहीं भी कोई इस्राएली हो, उसको वहाँ के लोग चाँदी, सोना, सामान, पशुधन और येरुसालेम में रहने वाले ईश्वर के मंदिर के लिए स्वेच्छित उपहार प्रदान करें ।" तब यूदा और बेनयामीन के परिवारों के अध्यक्ष, याजक और लेवी- वे सब लोग, जिन्हें ईश्वर से यह प्रेरणा मिली येरुसालेम में रहने वाले प्रभु का मंदिर बनवाने के लिए लौटने की तैयारियाँ करने लगे। उनके सभी पड़ोसी उन्हें चाँदी, सोना, सामान, पशु-धन, बहुत-से बहुमूल्य वस्तुएँ और स्वेच्छित उपहार दे कर उनकी हर प्रकार की सहायता करते थे ।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 125:1-6

अनुवाक्य : प्रभु ने हमारे लिए अपूर्व कार्य किए हैं।

1. जब प्रभु ने सियोन के निर्वासितों को वापस ले आया, तो हमें लगा कि हम स्वप्न देख रहे हैं। हमारे मुख पर हँसी खिल उठी और हम आनन्द के गीत गाने लगे

2. गैरयहूदी आपस में यह कहते थे, "प्रभु ने उनके लिए अपूर्व कार्य किए हैं।" उसने वास्तव में हमारे लिए अपूर्व कार्य किए और हम अत्यन्त आनन्दित हो उठे

3. हे प्रभु ! मरुभूमि की नदियों की तरह हमारे निर्वासितों को वापस ले आ। जो रोते हुए बीज बोते हैं, वे गाते हुए लुनते हैं

4. जो बीज ले कर चले गए थे, जो रोते हुए चले गए थे, वे पूले लिए लौट रहे हैं, वे गाते हुए लौट रहे हैं।

📒जयघोष

अल्लेलूया ! तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे। जिससे वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें । अल्लेलूया !

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 8:16-18

"दीपक दीवट पर रखा जाता है, जिससे भीतर आने वाले उसका प्रकाश देख सकें ।"

येसु ने लोगों से यह कहा, "कोई दीपक जला कर बरतन से नहीं ढकता अथवा पलंग के नीचे नहीं रखता, बल्कि वह उसे दीवट पर रख देता है जिससे भीतर आने वाले उसका प्रकाश देख सकें ।" “ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं होगा और ऐसा कुछ भी गुप्त नहीं है, जो नहीं फैलेगा तथा प्रकाश में नहीं आयेगा। तो इसके सम्बन्ध में सावधान रहो कि तुम किस तरह सुनते हो। क्योंकि जिसके पास कुछ है, उसी को और दिया जाएगा और जिसके पास कुछ नहीं है, उस से वह भी ले लिया जायेगा, जिसे वह अपना समझता है।"

प्रभु का सुसमाचार।