प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु सियोन का पुनर्निर्माण करेगा और अपनी सम्पूर्ण महिमा में प्रकट हो जाएगा ।
1. सभी राष्ट्र प्रभु के नाम पर श्रद्धा रखेंगे और पृथ्वी के समस्त राजा उसके प्रताप के सामने झुकेंगे, क्योंकि प्रभु सियोन का पुनर्निर्माण करेगा और अपनी सम्पूर्ण महिमा में प्रकट हो जाएगा। वह दीन-दुःखियों की प्रार्थना सुनेगा, वह उनकी प्रार्थनाओं का तिरस्कार नहीं करेगा ।
2. भावी पीढ़ी के लिए यह लिखा जाए, ताकि नवीन राष्ट्र प्रभु की स्तुति करें। प्रभु ने अपने ऊँचे तथा पवित्र स्थान से झुक कर देखा और स्वर्ग से पृथ्वी पर दृष्टि दौड़ायी, जिससे वह बंदियों की कराह सुने और मरने वालों को छुड़ा दे।
3. तेरे भक्तों के पुत्र सुरक्षा में निवास करेंगे और उनका वंश तेरे सामने बना रहेगा, जिससे सियोन में प्रभु के नाम की चर्चा हो और येरुसालेम में उसकी स्तुति होती रहे, जब पृथ्वी भर के सभी राष्ट्र प्रभु की पूजा के लिए मिल कर एक हो जाएँगे ।
अल्लेलूया ! मानव पुत्र सेवा करने और बहुतों के उद्धार के लिए अपने प्राण देने आया है। अल्लेलूया !
शिष्यों में यह विवाद छिड़ गया कि हम में सब से बड़ा कौन है? येसु ने उनके विचार जान कर एक बालक को बुलाया और उसे अपने पास खड़ा कर उन से कहा, "जो मेरे नाम पर इस बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है जिसने मुझे भेजा है; क्योंकि तुम सबों में जो छोटा है, वही बड़ा है।" योहन ने कहा, "गुरुवर ! हमने किसी को आपका नाम ले कर अपदूतों को निकालते देखा है और हमने उसे रोकने की चेष्टा की, क्योंकि वह हमारी तरह आपका अनुसरण नहीं करता।" येसु ने कहा, "उसे मत रोको । जो तुम्हारे विरुद्ध नहीं है, वह तुम्हारे साथ है।"
प्रभु का सुसमाचार।