एक ही मनुष्य द्वारा संसार में पाप का प्रवेश हुआ और पाप द्वारा मृत्यु का। इस प्रकार मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गयी, क्योंकि सब पापी हैं। यह सच है कि एक ही मनुष्य के अपराध के कारण बहुत-से लोग मर गये, किन्तु इस परिणाम से कहीं अधिक महान् है ईश्वर का अनुग्रह और वह वरदान, जो एक ही मनुष्य येसु मसीह द्वारा सबों को मिला है। यह भी सच है कि मृत्यु का राज्य एक मनुष्य के अपराध के फलस्वरूप - एक ही के द्वारा प्रारंभ हुआ, किन्तु जिन्हें ईश्वर की कृपा तथा पापमुक्ति का वरदान प्रचुर मात्रा में मिलेगा, वे एक ही मनुष्य येसु मसीह के द्वारा जीवन का राज्य प्राप्त करेंगे। इस प्रकार हम देखते हैं कि जिस तरह एक ही मनुष्य के अपराध के फलस्वरूप सबों को दण्डाज्ञा मिली, उसी तरह एक ही मनुष्य के प्रायश्चित्त के फलस्वरूप सबों को पापमुक्ति और जीवन मिला। जिस तरह एक ही मनुष्य के आज्ञाभंग के कारण सब पापी ठहराये गये, उसी तरह एक ही मनुष्य के आज्ञापालन के कारण सब पापमुक्त ठहराये जायेंगे। जहाँ पाप की वृद्धि हुई, वहाँ अनुग्रह की उस से कहीं अधिक वृद्धि हुई। इस प्रकार पाप मृत्यु के माध्यम से राज्य करता रहा, किन्तु हमारे प्रभु येसु मसीह द्वारा अनुग्रह, धार्मिकता के माध्यम से, अपना राज्य स्थापित करेगा और हमें अनन्त जीवन तक ले जायेगा ।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! मैं तेरी आज्ञाओं का पालन करने आया हूँ।
1. तूने न तो यज्ञ चाहा और न चढ़ावा, किन्तु तूने मुझे सुनने के कान दिये। तूने न तो होम माँगा और न बलिदान, इसलिए मैंने कहा देख ! मैं आ रहा हूँ।
2. मुझे धर्मग्रंथ में यह आदेश दिया गया है कि मैं तेरी आज्ञाओं का पालन करूँ। हे मेरे ईश्वर ! तेरी इच्छा पूरी करने में मुझे आनन्द आता है, तेरा नियम मेरे हृदय में घर कर गया है
3. मैंने सबों के सामने तेरे न्याय का बखान किया। तू जानता है कि मैंने अपना मुँह बन्द नहीं रखा
4. जो तुझे खोजते हैं, वे आनन्दित और प्रफुल्लित हो उठें। जो तेरी सहायता की राह देखते हैं, वे यह कहते जायें, "प्रभु महान् हैं।"
अल्लेलूया ! जागते रहो और सब समय प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम भरोसे के साथ मानव पुत्र के सामने खड़ा होने योग्य बन जाओ । अल्लेलूया !
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "तुम्हारी कमर कसी रहे और तुम्हारे दीपक जलते रहें । तुम उन लोगों के सदृश बन जाओ जो अपने स्वामी की राह देखते रहते हैं कि वह बरात से कब लौटेगा, ताकि जब स्वामी आ कर द्वार खटखटाये तो वे तुरन्त ही उसके लिए द्वार खोल दें। धन्य हैं वे सेवक, जिन्हें स्वामी आने पर जागता हुआ पायेगा! मैं तुम से कहे देता हूँ : वह अपनी कमर कसेगा, उन्हें भोजन के लिए बैठायेगा और एक-एक को खाना परोसेगा। और धन्य हैं वे सेवक, जिन्हें स्वामी रात के दूसरे या तीसरे पहर आने पर उसी प्रकार जागता हुआ पायेगा।"
प्रभु का सुसमाचार।