मैं जानता हूँ कि मुझ में, अर्थात् मेरे दैहिक स्वभाव में थोड़ी भी भलाई का वास नहीं; क्योंकि भलाई करने की इच्छा तो मुझ में विद्यमान है, किन्तु उसे कार्यान्वित करने की शक्ति नहीं। मैं जो भलाई चाहता हूँ, वह नहीं कर पाता बल्कि मैं जो बुराई नहीं चाहता, वही कर डालता हूँ। यदि मैं वही करता हूँ, जिसे मैं नहीं चाहता, तो कर्ता मैं नहीं हूँ, बल्कि कर्ता है - मुझ में निवास करने वाला पाप। इस प्रकार, मेरा अनुभव यह है कि जब मैं भलाई की इच्छा करता हूँ, तो बुराई ही कर पाता हूँ। मेरा अन्तरतम ईश्वर के नियम पर मुग्ध है, किन्तु मैं अपने शरीर में एक अन्य नियम का अनुभव करता हूँ, जो मेरे आध्यात्मिक स्वभाव से संघर्ष करता है और मुझे पाप के उस नियम के अधीन करता है, जो मेरे शरीर में विद्यमान है। मैं कितना अभागा मनुष्य हूँ! इस मृत्यु के अधीन रहने वाले शरीर से मुझे कौन मुक्त करेगा? ईश्वर ही! ईश्वर को धन्यवाद!
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य :
हे प्रभु! मुझे अपनी संहिता की शिक्षा देने की कृपा कर।1. मुझे सद्बुद्धि और ज्ञान प्रदान कर, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं पर भरोसा रखता हूँ।
2. तू भला है, हितकारी है, मुझे अपनी संहिता की शिक्षा देने की कृपा कर।
3. तेरा प्रेम मुझे सान्त्वना देता रहे, जैसा कि तूने अपने सेवक से प्रतिज्ञा की है।
4. मुझे तेरा प्रेम मिल जाये और मैं जीवित रहूँगा, क्योंकि तेरी संहिता मुझे परमप्रिय है।
5. मैं तेरी आज्ञाएँ कभी नहीं भूल जाऊँगा, क्योंकि उनके द्वारा तू मुझे जीवन प्रदान करता है।
6. मैं तेरा ही हूँ, मेरा उद्धार कर, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का पालन करता हूँ।
अल्लेलूया! हे पिता! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया!
येसु ने लोगों से कहा, "यदि तुम पश्चिम से बादल उठते देखते हो, तो तुरन्त कहते हो, 'वर्षा आ रही है', और ऐसा ही होता है। जब दक्षिण की हवा चलती है, तो कहते हो, 'लू चलेगी' और ऐसा ही होता है। ऐ ढोंगियो! यदि तुम आकाश और पृथ्वी की सूरत पहचान सकते हो, तो इस समय के लक्षण क्यों नहीं पहचानते? " "तुम स्वयं क्यों नहीं विचार करते कि उचित क्या है? जब तुम अपने मुद्दई के साथ कचहरी जा रहे हो, तो रास्ते में ही उस से समझौता करने की चेष्टा करो। कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें न्यायकर्त्ता के पास खींच ले जाये और न्यायकर्त्ता तुम्हें प्यादे के हवाले कर दे और प्यादा तुम्हें बंदीगृह में डाल दे। मैं तुम से कहता हूँ, जब तक कौड़ी-कौड़ी न चुका दोगे, तब तक वहाँ से नहीं निकल पाओगे।"
प्रभु का सुसमाचार।