भाइयो! शरीर की वासनाओं का हम पर कोई अधिकार नहीं। हम उनके अधीन रह कर जीवन नहीं बितायें। यदि आप शरीर की वासनाओं के अधीन रह कर जीवन बितायेंगे, तो अवश्य मर जायेंगे। लेकिन यदि आप आत्मा की प्रेरणा से शरीर की वासनाओं का दमन करेंगे, तो आप को जीवन प्राप्त होगा। जो लोग ईश्वर के आत्मा से संचालित हैं, वे सब ईश्वर के पुत्र हैं आप लोगों को दासों का मनोभाव नहीं मिला, जिससे प्रेरित हो कर आप फिर डरने लगें। आप लोगों को गोद लिये हुए पुत्रों का मनोभाव मिला, जिस से प्रेरित हो कर हम पुकार कर कहते हैं, "अब्बा, हे पिता! " आत्मा स्वयं हमें आश्वासन देता है कि हम सचमुच ईश्वर की सन्तान हैं। यदि हम उसकी सन्तान हैं, तो हम उसकी विरासत के भागी हैं। हम मसीह के साथ ईश्वर की विरासत के भागी हैं। यदि हम उन्हीं के साथ दुःख भोगते हैं, तो हम उन्हीं के साथ महिमान्वित भी हो जायेंगे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हमारा ईश्वर हमारा उद्धार करता रहेगा।
1. जब ईश्वर उठ खड़ा होता है, तो उसके शत्रु बिखर जाते हैं। और उसके विरोधी उसके सामने से भाग जाते हैं। धर्मी ईश्वर के सामने आनन्द मनाते और प्रफुल्लित हो कर नृत्य करते हैं।
2. ईश्वर अपने मंदिर में निवास करता है, वह अनाथों का पिता है और विधवाओं का रक्षक। वह निर्वासितों को आवास देता और बंदियों को छुड़ा कर आनन्द प्रदान करता है।
3. हम प्रतिदिन प्रभु को धन्यवाद दिया करें। वह हमारा भार हलका कर देता और हमारी रक्षा करता है। हमारा ईश्वर हमारा उद्धार करता रहेगा। हमारा प्रभु-ईश्वर हमें मृत्यु से बचायेगा।
अल्लेलूया! हे प्रभु! तेरी शिक्षा ही सत्य है। तू सत्य की सेवा में हम को समर्पित कर। अल्लेलूया!
येसु विश्राम के दिन किसी सभागृह में शिक्षा दे रहे थे। वहाँ एक स्त्री आयी, जो अपदूत लग जाने के कारण अठारह वर्षों से बीमार थी। वह एकदम झुक गयी थी और किसी भी तरह सीधी नहीं हो पाती थी। येसु ने उसे देख कर अपने पास बुलाया और उस से कहा, "नारी! तुम अपने रोग से मुक्त हो गयी हो" और उन्होंने उस पर हाथ रख दिये। उसी क्षण वह सीधी हो गयी और ईश्वर की स्तुति करने लगी। सभागृह का अधिकारी चिढ़ गया, क्योंकि येसु ने विश्राम के दिन उस स्त्री को चंगा किया था। उसने लोगों से कहा, "छह दिन हैं जिन में काम करना उचित है। इसलिए उन्हीं दिनों चंगा होने के लिए आओ, विश्राम के दिन नहीं।" परन्तु प्रभु ने उसे उत्तर दिया, "ऐ ढोंगियो! क्या तुम में से हर एक विश्राम के दिन अपना बैल या गधा थान से खोल कर पानी पिलाने नहीं ले जाता? शैतान ने इस स्त्री, इब्राहीम की इस बेटी को इन अठारह वर्षों से बाँध रखा था, तो क्या इसे विश्राम के दिन उस बंधन से छुड़ाना उचित नहीं था? " येसु के इन शब्दों से उनके सब विरोधी लज्जित हो गये; पर सारी जनता उनके चमत्कार देख कर आनन्दित हो जाती थी।
प्रभु का सुसमाचार।