वर्ष का तीसवाँ सप्ताह, बुधवार - वर्ष 1

📕पहला पाठ

रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 8:26-30

"जो लोग ईश्वर को प्यार करते हैं, ईश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है।"

आत्मा भी हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करता है। हम तो यह नहीं जानते कि हमें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए, किन्तु हमारी अस्पष्ट आहों द्वारा आत्मा स्वयं हमारे लिए विनती करता है। ईश्वर हमारे हृदय का रहस्य जानता है। वह समझता है कि आत्मा क्या कहता है, क्योंकि आत्मा ईश्वर के इच्छानुसार सन्तों के लिए विनती करता है। हम जानते हैं कि जो लोग ईश्वर को प्यार करते हैं और उसके विधान के अनुसार बुलाये गये हैं, ईश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है। क्योंकि ईश्वर ने निश्चित किया कि जिन्हें उसने पहले से अपना समझ लिया है, वे उसके पुत्र के प्रतिरूप बनाये जाएँगे जिससे उसका पुत्र इस प्रकार बहुत-से भाइयों का पहलौठा हो। उसने जिन्हें पहले से निश्चत किया, उन्हें बुलाया भी; जिन्हें बुलाया, उन्हें पाप से मुक्त भी किया और जिन्हें पाप से मुक्त किया, उन्हें महिमान्वित भी किया।

प्रभु की वाणी।

📖भजन : स्तोत्र 12:4-6

अनुवाक्य : हे प्रभु! मैं तेरे प्रेम पर भरोसा रखता हूँ।

1. हे प्रभु! मेरे ईश्वर! मुझ पर दयादृष्टि कर। मेरी सुन। मुझे अपनी ज्योति प्रदान कर। कहीं ऐसा न हो कि मैं मर जाऊँ। मेरा शत्रु यह नहीं कहने पाये, "मैंने उसे हरा दिया है।" मेरे विरोधी मेरे पतन पर आनन्द नहीं मनायें।

2 हे प्रभु! मैं तेरे प्रेम पर भरोसा रखता हूँ। मेरा हृदय तेरी सहायता पा कर आनन्दित हो और मैं उसके सब उपकारों के लिए प्रभु के आदर में गीत गाऊँ।

📒जयघोष

अल्लेलूया! ईश्वर ने सुसमाचार द्वारा हमें हमारे प्रभु मसीह की महिमा का भागी बना दिया है। अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 13:22-30

"लोग पूर्व और पश्चिम से आयेंगे और ईश्वर के राज्य में सम्मिलित होंगे।"

येसु नगर-नगर, गाँव-गाँव, उपदेश देते हुए येरुसालेम के मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। किसी ने उन से पूछा, "प्रभु! क्या थोड़े ही लोग मुक्ति पाते हैं? " इस पर येसु ने उन से कहा, "सँकरे द्वार से प्रवेश करने का पूरा-पूरा प्रयत्न करो, क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ - प्रयत्न करने पर भी बहुत-से लोग प्रवेश नहीं कर पायेंगे। जब घर का स्वामी उठ कर द्वार बन्द कर चुका होगा और तुम बाहर रह कर द्वार खटखटाने और कहने लगोगे, 'हे प्रभु! हमारे लिए खोल दीजिए', तो वह तुम्हें उत्तर देगा, 'मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ के हो। ' तब तुम कहने लगोगे, 'हमने आपके सामने खाया-पीया और आपने हमारे बाजारों में उपदेश दिया'। पर वह तुम से कहेगा, 'मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ के हो। रे कुकर्मियो! तुम सब मुझ से दूर हटो। ' जब तुम इब्राहीम, इसहाक, याकूब और सभी नबियों को ईश्वर के राज्य में देखोगे, परन्तु अपने को बहिष्कृत पाओगे, तो तुम रोओगे और दाँत पीसते रहोगे। पूर्व तथा पश्चिम से और उत्तर तथा दक्षिण से लोग आयेंगे और ईश्वर के राज्य में भोज में सम्मिलित होंगे। देखो, कुछ जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे और कुछ जो अगले हैं, पिछले हो जायेंगे।"

प्रभु का सुसमाचार।