मैं मसीह के नाम सच कहता हूँ और मेरा अन्तःकरण पवित्र आत्मा से प्रेरित हो कर मुझे विश्वास दिलाता है कि मैं झूठ नहीं बोलता – मेरे हृदय में बड़ी उदासी तथा निरन्तर दुःख होता है। मैं अपने रक्त-सम्बन्धी भाइयों के कल्याण के लिए मसीह से वंचित हो जाने के लिए तैयार हूँ। वे इस्राएली हैं। ईश्वर ने उन्हें गोद लिया था। उन्हें ईश्वर के सान्निध्य की महिमा, विधान, संहिता, उपासना तथा प्रतिज्ञाएँ मिली हैं। कुलपति उन्हीं के हैं और मसीह उन्हीं में उत्पन्न हुए हैं। मसीह सर्वश्रेष्ठ हैं तथा युग युगों तक परमधन्य ईश्वर हैं।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे येरुसालेम! प्रभु की स्तुति कर।
1. हे येरुसालेम! प्रभु की स्तुति कर। हे सियोन! अपने ईश्वर का गुणगान कर। उसने तेरे फाटकों के छड़ सुदृढ़ बना दिये, उसने तेरे यहाँ के बच्चों को आर्शीवाद दिया।
2. वह तेरे प्रान्तों में शांति बनाये रखता और तुझे उत्तम गेहूँ से तृप्त करता है। वह पृथ्वी को अपना आदेश देता है। उसकी वाणी शीघ्र ही फैल जाती है।
3. वह याकूब को अपना आदेश देता और इस्राएल को अपना विधान तथा नियम बताता है, उसने किसी अन्य राष्ट्र के साथ ऐसा नहीं किया; उसने किसी को अपना नियम नहीं सिखाया।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं। अल्लेलूया!
किसी विश्राम के दिन येसु एक प्रमुख फरीसी के यहाँ भोजन करने गये। वे लोग उनकी निगरानी कर रहे थे। येसु ने अपने सामने जलोदर से पीड़ित एक मनुष्य को देख कर शास्त्रियों तथा फरीसियों से कहा, "विश्राम के दिन चंगा करना उचित है या नहीं? " वे चुप रहे। इस पर येसु ने जलोदर-पीड़ित का हाथ पकड़ कर उसे अच्छा कर दिया और विदा किया। तब येसु ने उन से कहा, "यदि तुम्हारा पुत्र या बैल कुएँ में गिर पड़े, तो तुम लोगों में ऐसा कौन है जो उसे विश्राम के दिन ही तुरन्त बाहर न निकाल ले? " और वे येसु को कोई उत्तर नहीं दे सके।
प्रभु का सुसमाचार।