हम में से न तो कोई अपने लिए ही जीता है और न अपने लिए ही मरता है। यदि हम जीते रहते हैं, तो प्रभु के लिए जीते हैं और यदि मर जाते हैं, तो प्रभु के लिए मरते हैं। इस प्रकार हम जीते रहें या मर जायें, हम प्रभु के ही हैं। मसीह इसलिए मर गये और जी उठे कि वह मृतकों तथा जीवितों, दोनों के प्रभु हो जायें। हम सब ईश्वर के न्यायासन के सामने खड़े होंगे, क्योंकि धर्मग्रंथ में लिखा है - "प्रभु यह कहता है, अपनी अमरता की सौगन्ध! हर घुटना मेरे सामने झुकेगा और हर कंठ ईश्वर को स्वीकार करेगा।" इस से स्पष्ट है कि हम में से हर एक को अपने-अपने कर्मों का लेखा ईश्वर को देना पड़ेगा।
अनुवाक्य : मुझे विश्वास है कि मैं इस जीवन में प्रभु की भलाई को देख पाऊँगा।
1. प्रभु मेरी ज्योति और मेरी मुक्ति है, तो मैं किस से डरूँ? प्रभु मेरे जीवन की रक्षा करता है, तो मैं किस से भयभीत होऊँ?
2. मैं प्रभु से यही प्रार्थना करता रहा कि मैं जीवन भर प्रभु के घर में निवास करूँ और प्रभु की मधुर छत्रछाया में रहकर उसके मंदिर में मनन करूँ।
3. मुझे विश्वास है कि मैं इस जीवन में प्रभु की भलाई को देख पाऊँगा। प्रभु पर भरोसा रखो, दृढ़ रहो और प्रभु पर भरोसा रखो।
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो! तुम सब के सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।" अल्लेलूया!
येसु का उपदेश सुनने के लिए नाकेदार और पापी उनके पास आया करते थे। फरीसी और शास्त्री यह कह कर भुनभुनाते थे, "यह मनुष्य पापियों का स्वागत करता है और उनके साथ खाता-पीता है।" इस पर येसु ने उन को यह दृष्टान्त सुनाया, "यदि तुम्हारे एक सौ भेड़ें हों और उन में से एक भी भटक जाये, तो तुम लोगों में ऐसा कौन होगा जो निन्यानबे भेड़ों को निर्जन प्रदेश में छोड़ कर न चला जाये और उस भटकी हुई को तब तक न खोजता रहे, जब तक वह उसे नहीं पाये? पाने पर वह आनन्दित हो कर उसे अपने कंधों पर रख लेता है और घर आ कर अपने मित्रों और पड़ोसियों को बुलाता है और उन से कहता है, 'मेरे साथ आनन्द मनाओ, क्योंकि मैंने अपनी भटकी हुई भेड़ को पा लिया है'। मैं तुम से कहता हूँ, उसी प्रकार निन्यानबे धर्मियों की अपेक्षा, जिन्हें पश्चात्ताप की आवश्यकता नहीं है, एक पश्चात्तापी पापी के लिए स्वर्ग में अधिक आनन्द मनाया जायेगा।” "अथवा कौन स्त्री ऐसी होगी जिसके पास दस सिक्के हों और उन में से एक भी खो जाये, तो बत्ती जला कर और घर बुहार कर सावधानी से तब तक न खोजती रहे, जब तक वह उसे नहीं पाये? पाने पर वह अपनी सखियों और पड़ोसिनों को बुला कर कहती है, 'मेरे साथ आनन्द मनाओ, क्योंकि मैंने खोया हुआ सिक्का पा लिया है'। मैं तुम से कहता हूँ, उसी प्रकार ईश्वर के दूत एक पश्चात्तापी पापी के लिए आनन्द मनाते हैं।"
प्रभु का सुसमाचार।