वर्ष का चौंतीसवाँ सप्ताह, मंगलवार - वर्ष 1

📕पहला पाठ

नबी दानिएल का ग्रन्थ 2:31-45

"ईश्वर एक ऐसे राज्य की स्थापना करेगा, जो अनन्तकाल तक नष्ट नहीं होगा और सभी राज्यों को चूर-चूर कर देगा।"

दानिएल ने नबुकदनेजर से यह कहा, "राजा! आपने यह दिव्य दृश्य देखा। एक विशाल, देदीप्यमान और भीषण मूर्ति आपके सामने खड़ी थी। उस मूर्ति का सिर सोने का था, उसकी छाती और भुजाएँ चाँदी की थीं, उसका पेट और कमर पीतल की, उसकी जाँचें लोहे की और उसके पैर अंशतः लोहे के और अंशतः मिट्टी के थे। आप उसे देख ही रहे थे कि एक पत्थर अचानक अपने आप गिरा, उस मूर्ति के लोहे और मिट्टी के पैरों पर लग गया और उसने उनके टुकड़े-टुकड़े कर डाले। उसी समय लोहा, मिट्टी, पीतल, चाँदी और सोना सब चूर-चूर हो कर ग्रीष्म ऋतु की भूसी की तरह पवन द्वारा उड़ा लिया गया और उसका कुछ भी शेष नहीं रहा। जो पत्थर मूर्ति पर लग गया था, वह समस्त पृथ्वी को ढकने वाला विशाल पर्वत बन गया। यह था आपका स्वप्न।” अब मैं आप को उसका अर्थ बताऊँगा। हे राजा! आप राजाओं के राजा हैं। स्वर्ग के ईश्वर ने आप को राजत्व, अधिकार, सामर्थ्य और सम्मान प्रदान किया। उसने मनुष्यों, मैदान के पशुओं और आकाश के पक्षियों को वे चाहे कहीं भी निवास करें - आपके हाथों सौंपा और आप को सब का अधिपति बना दिया। मूर्ति के सोने का सिर आप ही हैं। इसका अर्थ इसका "आपके बाद एक दूसरा राज्य आयेगा। वह आपके राज्य से कम वैभवशाली होगा और इसके बाद एक तीसरा राज्य, जो पीतल का होगा और समस्त पृथ्वी पर शासन करेगा। चौथा राज्य लोहे की तरह मजबूत होगा। जिस प्रकार लोहा सब कुछ पीस कर चूर कर सकता है, उसी प्रकार वह राज्य पहले के राज्यों को चूर-चूर कर नष्ट कर देगा। आपने देखा है कि वे पैर अंशतः मिट्टी के और अंशतः लोहे के थे। इसका अर्थ है कि उस राज्य में फूट होगी। उस में लोहे की शक्ति होगी, क्योंकि आपने देखा है कि मिट्टी में लोहा मिला हुआ था। उसके पैर अशंतः लोहे और अंशतः मिट्टी के थे यह है कि उस राज्य का एक भाग शक्तिशाली और एक भाग दुर्बल होगा। आपने देखा है लोहा मिट्टी से मिला हुआ था अर्थ है कि विवाह-सम्बन्ध द्वारा राज्य के भागों को मिलाने का प्रयत्न किया जायेगा किन्तु वे एक नहीं हो जायेंगे, जिस तरह लोहा मिट्टी से एक नहीं हो जा सकता है।" "इन राज्यों के समय स्वर्ग का ईश्वर एक ऐसे राज्य की स्थापना करेगा, जो अनन्तकाल तक नष्ट नहीं होगा और जो दूसरे राष्ट्र के हाथ नहीं जायेगा। वह इन राज्यों को चूर-चूर कर नष्ट कर देगा और सदा बना रहेगा। आपने देखा है कि अपने आप पर्वत पर से एक पत्थर गिर गया और उसने लोहा, पीतल, मिट्टी, चाँदी और सोने को चूर-चूर कर दिया है। महान् ईश्वर ने राजा को सूचित किया कि भविष्य में क्या होने वाला है। यह स्वप्न सच्चा है और इसकी व्याख्या विश्वसनीय है।"

प्रभु की वाणी।

📖भजन : दानिएल 3:57-61

अनुवाक्य : उसकी महिमा गाओ और निरन्तर उसकी स्तुति करो।

1. प्रभु की सारी सृष्टि प्रभु को धन्य कहें।

2. प्रभु के दूत प्रभु को धन्य कहें।

3. आकाश प्रभु को धन्य कहें।

4. बादल प्रभु को धन्य कहें।

5. प्रभु के स्वर्गदूत प्रभु को धन्य कहें।

📒जयघोष

अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "मृत्यु तक ईमानदार बने रहो। और मैं तुम्हें जीवन का मुकुट पहनाऊँगा।” अल्लेलूया!

📙सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 21:5-11

"उसका एक पत्थर भी दूसरे पत्थर पर नहीं पड़ा रहेगा।"

कुछ लोग मंदिर के विषय में कह रहे थे कि वह सुन्दर पत्थरों और मनौती के उपहारों से सजा हुआ है। इस पर येसु ने कहा, "वे दिन आ रहे हैं, जब जो कुछ, तुम देख रहे हो, उसका एक पत्थर भी दूसरे पत्थर पर नहीं पड़ा रहेगा दिया जायेगा।" उन्होंने येसु से पूछा, "गुरुवर! यह कब होगा और किस चिह्न से पता चलेगा कि वह पूरा होने को है? " उन्होंने उत्तर दिया, "सावधान रहो। तुम्हें कोई नहीं बहकाये; क्योंकि बहुत-से लोग मेरा नाम ले कर आयेंगे और कहेंगे, "मैं वही हूँ, और 'वह समय आ गया है'। उनके अनुयायी नहीं बनो। जब तुम युद्धों और क्रांतियों की चर्चा सुनोगे, तो, मत घबराना। पहले ऐसा हो जाना अनिवार्य है। परन्तु यही अन्त नहीं है।" तब येसु ने उन से कहा, "राष्ट्र के विरुद्ध राष्ट्र उठ खड़ा होगा और राज्य के विरुद्ध राज्य। भारी भूकम्प होंगे; जहाँ-तहाँ महामारी तथा अकाल पड़ेगा। आतंकित करने वाले दृश्य दिखाई देंगे और आकाश में महान् चिह्न प्रकट होंगे।”

प्रभु का सुसमाचार।