वर्ष का नौवाँ सप्ताह, मंगलवार - वर्ष 2

पहला पाठ

सन्त पेत्रुस का दूसरा पत्र 3:12-15.17-18

"हम एक नया आकाश तथा एक नयी पृथ्वी की प्रतीक्षा करते हैं।"

आप लोग उत्सुकतापूर्वक ईश्वर के दिन की प्रतीक्षा करें। उस दिन आकाश जल कर विलीन हो जायेगा और मूलतत्त्व ताप के कारण पिघल जायेंगे। हम एक नये आकाश तथा एक नयी पृथ्वी की प्रतीक्षा करते हैं, जहाँ धार्मिकता निवास करेगी। इसलिए, प्यारे भाइयो ! इन बातों की प्रतीक्षा करते हुए इस प्रकार प्रयत्न करते रहिए कि आप लोग प्रभु की दृष्टि में निष्कलंक, निर्दोष तथा उसके अनुकूल हों। यदि प्रभु अपनी सहनशीलता के कारण देर करते हैं, तो इसे अपनी मुक्ति में सहायक समझिए। प्रिय भाइयो ! मैंने आप लोगों को पहले से ही सचेत किया है। आप सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि आप उन दुष्टों के बहकावे में आ कर विचलित हो जायें। आप लोग हमारे प्रभु और मुक्तिदाता येसु मसीह के अनुग्रह और ज्ञान में बढ़ते रहें। उन्हीं को अब और अनन्तकाल तक महिमा ! आमेन !

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 89,:2-4,10,14,16

अनुवाक्य: हे प्रभु ! तू पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारा आश्रय बना रहा।

1. पर्वतों के बनने के पहले से, पृथ्वी तथा संसार की उत्पत्ति के पहले से, तू ही अनादि-अनन्त ईश्वर है।

2. तू मनुष्यों को फिर मिट्टी में मिला कर कहता है, "हे मनुष्य की सन्तान ! लौट जाओ।" एक हजार वर्ष भी तुझे बीते कल की तरह लगते हैं, वे तेरी गिनती में रात के पहर के सदृश हैं।

3. हमारी आयु की अवधि सत्तर बरस है, स्वास्थ्य अच्छा हो, तो अस्सी बरस। वे अधिकांश कष्ट और दुःख से भरे रहते हैं। वे शीघ्र ही बीतते हैं और हम चले जाते हैं।

4. तू भोर को हमें अपना प्रेम दिखा, जिससे हम दिन भर आनन्द के गीत गा सकें। तेरे सेवक तेरे महान् कार्य देखें और उनकी सन्तान तेरी महिमा के दर्शन करें।

जयघोष

अल्लेलूया ! हमारे प्रभु येसु मसीह का पिता आप लोगों के मन की आँखों को ज्योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण हमारी आशा कितनी महान् है। अल्लेलूया !

सुसमाचार (वर्ष 1 और वर्ष 2)

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:13-17

"जो कैसर का है, उसे कैसर को दो और जो ईश्वर का है, उसे ईश्वर को।"

उन्होंने कुछ फरीसियों और हेरोदियों को येसु के पास भेजा जिससे वे उन्हें उनकी अपनी बात के फन्दे में फँसायें। वे आ कर उन से बोले, "गुरुवर ! हम यह जानते हैं कि आप सत्य बोलते हैं और किसी की परवाह नहीं करते। आप मुँह-देखी बात नहीं करते, बल्कि सच्चाई से ईश्वर का मार्ग सिखलाते हैं। कैसर को कर देना उचित है या नहीं? हम दें या नहीं दें?" उनकी धूर्तता भाँप कर येसु ने कहा, "मेरी परीक्षा क्यों लेते हो? एक दीनार ला कर मुझे दिखलाओ।" वे एक दीनार लाये और येसु ने उन से पूछा, "यह किसका चेहरा और किसका लेख है?" उन्होंने उत्तर दिया, "कैसर का"। इस पर येसु ने उन से कहा, "जो कैसर का है, उसे कैसर को दो और जो ईश्वर का है, उसे ईश्वर को।" यह सुन कर वे बड़े अचम्भे में पड़ गये।

प्रभु का सुसमाचार।