वर्ष का नौवाँ सप्ताह, शुक्रवार - वर्ष 2

पहला पाठ

तिमथी के नाम सन्त पौलुस का दूसरा पत्र 3:10-17

"जो लोग मसीह के शिष्य बन कर भक्तिपूर्वक जीवन बिताना चाहेंगे उन सबों को अत्याचार सहना ही पड़ेगा।"

तुम मेरी शिक्षा, आचरण, उद्देश्य, विश्वास, सहनशीलता और प्रेम से भली भाँति परिचित हो। तुम जानते हो कि अंताखिया, इकुनिया तथा लिस्त्रा में मुझ पर क्या-क्या अत्याचार हुए और मुझे कितना सताया गया। मैंने कितने अत्याचार सहे ! किन्तु ईश्वर सब में मेरी रक्षा करता रहा है। वास्तव में जो लोग मसीह के शिष्य बन कर भक्तिपूर्वक जीवन बिताना चाहेंगे, उन सबों को अत्याचार सहना ही पड़ेगा। किन्तु पापी और धूर्त लोग दूसरों को और अपने को धोखा देते हुए बदतर होते जायेंगे। जो शिक्षा तुम्हें मिली है और जिस में तुम ने विश्वास किया है, उस पर आचरण करते रहो। याद रखो कि किन लोगों से तुम्हें यह शिक्षा मिली थी और कि तुम बचपन से धर्मग्रन्थ जानते हो। धर्मग्रन्थ तुम्हें उस मुक्ति का ज्ञान दे सकता है, जो येसु मसीह में विश्वास करने से प्राप्त होती है। पूरा धर्मग्रन्थ ईश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है। वह शिक्षा देने के लिए, भ्रान्त धारणा का खण्डन करने के लिए, जीवन के सुधार के लिए और सदाचरण का प्रशिक्षण देने के लिए उपयोगी है, जिससे ईश्वर-भक्त सुयोग्य और हर प्रकार के सत्कार्य के लिए उपयुक्त बने

भजन : स्तोत्र 118:157,160,161,165,166,168

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तेरी संहिता के प्रेमियों को अपार शांति प्राप्त है।

1. मेरे शत्रु और मेरे अत्याचारी असंख्य हैं, किन्तु मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग से नहीं भटक गया।

2. तेरी वाणी सच्चाई पर आधारित है। तेरी आज्ञाएँ अपरिवर्तनीय हैं।

3. शासक भले ही अकारण मुझ पर अत्याचार करें, किन्तु मैं केवल तेरी आज्ञा का उल्लंघन करने से डरता हूँ।

4. तेरी संहिता के प्रेमियों को अपार शांति प्राप्त है, वे कभी विचलित नहीं हो जाते हैं।

5. हे प्रभु ! मुझे तेरी सहायता का भरोसा है, मैं तेरी संहिता के मार्ग पर चलता रहता हूँ।

6. तू मेरा आचरण जानता है, तू जानता है कि मैं तेरी आज्ञाओं का पालन करता जाता हूँ।

जयघोष

अल्लेलूया ! प्रभु कहते हैं, "यदि कोई मुझे प्यार करेगा, तो वह मेरी शिक्षा पर चलेगा। मेरा पिता उसे प्यार करेगा और हम उसके पास आ कर उस में निवास करेंगे।" अल्लेलूया !

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:35-37

"शास्त्री कैसे कह सकते हैं कि मसीह दाऊद के पुत्र हैं?"

येसु ने, मंदिर में शिक्षा देते समय, यह प्रश्न उठाया, "शास्त्री कैसे कह सकते हैं कि मसीह दाऊद के पुत्र हैं? दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा की प्रेरणा से कहा – प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा है, तुम तब तक मेरे दाहिने बैठे रहो, जब तक मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे पैरों तले न डाल दूँ। दाऊद स्वयं उन्हें प्रभु कहता है, तो वह उसके पुत्र कैसे हो सकते हैं?" एक विशाल जन-समूह बड़ी रुचि से येसु की बातें सुन रहा था।

प्रभु का सुसमाचार।