वर्ष का नौवाँ सप्ताह, शनिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

तिमथी के नाम सन्त पौलुस का दूसरा पत्र 4:1-8

“सुसमाचार के प्रचार में लगे रहो। मैं प्रभु को अर्पित किया जा रहा हूँ। न्यायी विचार-पति प्रभु मुझे धार्मिकता का मुकुट प्रदान करेंगे।"

मैं, मसीह के पुनरागमन तथा उनके राज्य के नाम पर, तुम से यह अनुरोध करता हूँ- सुसमाचार सुनाओ, समय-असमय लोगों से आग्रह करते रहो। बड़े धैर्य से, तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लोगों को समझाओ, डाँटो और ढारस बँधाओ। क्योंकि वह समय आ रहा है, जब लोग हितकारी शिक्षा नहीं सुनेंगे, बल्कि मनमाना आचरण करेंगे और चाटुकर उपदेशकों की भीड़ अपने पास जमा कर लेंगे। वे सच्चाई के प्रति अपने कान बन्द करेंगे और कल्पित कथाओं के पीछे दौड़ेंगे। परन्तु तुम सब बातों में सन्तुलित बने रहो, धैर्य से कष्ट सह लो, सुसमाचार के प्रचार में लगे रहो और अपने सेवा-कार्य के सब कर्त्तव्य पूरे करते जाओ। मैं प्रभु को अर्पित किया जा रहा हूँ। मेरे चले जाने का समय आ गया है। मैं अच्छी लड़ाई लड़ चुका हूँ, अपनी दौड़ पूरी कर चुका हूँ, और पूर्ण रूप से ईमानदार रहा हूँ। अब मेरे लिए धार्मिकता का वह मुकुट तैयार है, जिसे न्यायी विचारपति प्रभु मुझे उस दिन प्रदान करेंगे, मुझे ही नहीं, बल्कि उन सबों को जिन्होंने प्रेम के साथ उनके प्रकट होने के दिन की प्रतीक्षा की है।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 70:8-9,14-17,22

अनुवाक्य : हे प्रभु ! मैं तेरे न्याय और तेरी सहायता का बखान करूँगा।

1. मैं दिन भर तेरी स्तुति करता और तेरी महिमा के गीत गाता हूँ। मैं बूढ़ा हो चला हूँ, मुझे नहीं छोड़; मैं दुर्बल हो गया हूँ, मुझे नहीं त्याग।

2. मेरी आशा कभी नहीं टूटेगी। मैं तेरी स्तुति करता रहूँगा। मैं प्रतिदिन तेरे न्याय और तेरी सहायता का बखान करूँगा।

3. मैं प्रभु के महान् कार्यों का बखान करूँगा, मैं तेरी न्यायप्रियता घोषित करूँगा। हे प्रभु! मुझे बचपन से ही तेरी शिक्षा मिली है। मैं अब तक तेरे महान् कार्य घोषित करता रहा हूँ।

4. हे मेरे ईश्वर ! मैं वीणा बजाते हुए तेरी न्यायप्रियता को धन्य कहूँगा। हे इस्राएल के परमपावन प्रभु ! मैं सितार बजाते हुए तेरी स्तुति करूँगा।

जयघोष

अल्लेलूया ! धन्य हैं वे, जो अपने को दीन-हीन समझते हैं- स्वर्गराज्य उन्हीं का है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 12:38-44

"इस विधवा ने सब से अधिक डाला।"

येसु ने शिक्षा देते समय कहा, "शास्त्रियों से सावधान रहो। लम्बे लबादे पहन कर टहलने जाना, बाजारों में प्रणाम-प्रणाम सुनना, सभागृहों में प्रथम आसनों पर और भोजों में प्रथम स्थानों पर विराजमान होना यह सब उन्हें बहुत पसंद है। वे विधवाओं की संपत्ति चट कर जाते हैं और दिखावे के लिए लम्बी-लम्बी प्रार्थनाएँ करते हैं। उन लोगों को बड़ी कठोर दण्डाज्ञा मिलेगी।" येसु खजाने के सामने बैठ कर लोगों को उस में सिक्के डालते हुए देख रहे थे। बहुत-से धनी बहुत दे रहे थे। एक कंगाल विधवा आयी और उसने दो अधेले अर्थात् एक पैसा डाल दिया। इस पर येसु ने अपने शिष्यों को बुला कर कहा, "मैं तुम से कहता हूँ - खजाने में पैसे डालने वालों में से इस विधवा ने सब से अधिक डाला है। क्योंकि सब ने अपनी समृद्धि में से कुछ डाला, परन्तु इसने तंगी में रहते हुए भी जीविका के लिए अपने पास जो कुछ था, वह सब दे डाला।"

प्रभु का सुसमाचार।