नदी में पानी सूख गया, क्योंकि पृथ्वी पर पानी नहीं बरसा था। तब एलियस को प्रभु की वाणी यह कहती हुई सुनाई पड़ी, “उठो। सीदोन के सरेप्ता जाओ और वहाँ रहो। मैंने वहाँ की एक विधवा को आदेश दिया कि वह तुम्हें भोजन दिया करे।" एलियस उठ कर सरेप्ता गया। शहर के फाटक पर पहुँच कर उसने वहाँ लकड़ी बटोरती हुई एक विधवा को देखा और उसे बुला कर कहा, "मुझे पीने के लिए घड़े में थोड़ा-सा पानी ला दो।" वह पानी लाने जा ही रही थी कि उसने उसे पुकार कर कहा, "मुझे थोड़ी-सी रोटी भी ला दो।" उसने उत्तर दिया, "आपका ईश्वर, जीवन्त प्रभु इस बात का साक्षी है कि मेरे पास रोटी नहीं रह गयी है। मेरे पास बरतन में केवल मुट्ठी भर आटा और कुप्पी में थोड़ा-सा तेल है। मैं दो-एक लकड़ियाँ बटोरने आयी हूँ। अब घर जा कर उसे अपने लिए और अपने बेटे के लिए पकाती हूँ। हम उसे खायेंगे और इसके बाद हम मर जायेंगे।" एलियस ने उस से कहा, "मत डरो। जैसा तुमने कहा, वैसा ही करो। किन्तु पहले मेरे लिए एक छोटी-सी रोटी पका कर ले आओ। इसके बाद अपने लिए और अपने बेटे के लिए तैयार करना। क्योंकि इस्राएल का प्रभु-ईश्वर यह कहता है : जिस दिन तक प्रभु पृथ्वी पर पानी न बरसाये, उस दिन तक न तो बरतन में आटा समाप्त होगा और न तेल की कुप्पी खाली होगी।" एलियस ने जैसा कहा था, स्त्री ने वैसा ही किया और बहुत दिनों तक उस स्त्री, उसके पुत्र और एलियस को खाना मिलता रहा। जैसा कि प्रभु ने एलियस के मुख से कहा था, न तो बरतन में आटा समाप्त हुआ और न तेल की कुप्पी खाली हुई।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! हम पर दयादृष्टि कर।
1. हे ईश्वर ! मेरे रक्षक ! तू सदा मेरी प्रार्थना सुनता और मुझे संकट से छुड़ाता है। मुझ पर दया कर और मेरी प्रार्थना सुनने की कृपा कर। ऐ मनुष्यो ! तुम कब तक अन्धे बने रहोगे? कब तक मोह में पड़ कर झूठी आशा करते रहोगे?
2. यह समझ लो - प्रभु अपने भक्त के लिए चमत्कार दिखाता है। प्रभु सदा मेरी प्रार्थना सुनता है। प्रभु पर श्रद्धा रखो ! पाप मत करो ! रात को शांत मन से प्रभु का ध्यान करो !
3. हे प्रभु ! हम पर दयादृष्टि कर। तूने मुझे जो आनन्द प्रदान किया है, वह उस आनन्द से कहीं अधिक गहरा है, जो सब लोगों को धन-धान्य से मिलता है।
अल्लेलूया ! तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे, जिससे वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें। अल्लेलूया !
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "तुम पृथ्वी के नमक हो। यदि नमक फीका पड़ जाये, तो वह किस से नमकीन किया जायेगा? वह किसी काम का नहीं रह जाता। वह बाहर फेंका और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाता है।" “तुम संसार की ज्योति हो। पहाड़ पर बसा हुआ नगर छिप नहीं सकता। लोग दीपक जला कर पैमाने के नीचे नहीं, बल्कि दीवट पर रखते हैं, जहाँ से वह घर के सब लोगों को प्रकाश देता है। उसी प्रकार तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे, जिससे वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें।"
प्रभु का सुसमाचार।